कविता

आखिर क्यों ?

हम कसाव को बिरयानी,

खिलाते रहे-

पूरी न्यायिक प्रकिया के बाद,

लगाई फाँसी..

उन्होने सरबजीत को,

पीट पीट कर मार डाला,

मानवाधिकार,

की बात करने वाले,

सोते रहे।

आखिर क्यों ?

 

टाइम्स आफ इण्डिया ,

अमन की आशा

जगाते रहे,

अरनव गोस्वामी

न्यूज आवर मे

पाकिस्तानियों को,

पैनल पर लाकर

उनकी बकवास

सुनते सुनाते रहे।

आखिर क्यों ?

 

 

हमारे यहाँ, रमीस राजा,

वसीम अकरम

कमैन्ट्री सुनाते रहे,

आतिफ असलम

राहत फतेह अली ख़ाँ,

और न जाने कितने,

बौलीवड मे गागा कर,

रोटी रोज़ी कमाते रहे।

आखिर क्यों ?

 

उन्होने हमारे सैनिकों,

के सिर काटे,धड़ भेजे,

हम चुप रहे..

सलमान खुर्शीद,

उनके प्रधानमंत्री को

दावत खिलाते रहे।

आखिर क्यों ?