आखिर क्यों ?

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हम कसाव को बिरयानी,

खिलाते रहे-

पूरी न्यायिक प्रकिया के बाद,

लगाई फाँसी..

उन्होने सरबजीत को,

पीट पीट कर मार डाला,

मानवाधिकार,

की बात करने वाले,

सोते रहे।

आखिर क्यों ?

 

टाइम्स आफ इण्डिया ,

अमन की आशा

जगाते रहे,

अरनव गोस्वामी

न्यूज आवर मे

पाकिस्तानियों को,

पैनल पर लाकर

उनकी बकवास

सुनते सुनाते रहे।

आखिर क्यों ?

 

 

हमारे यहाँ, रमीस राजा,

वसीम अकरम

कमैन्ट्री सुनाते रहे,

आतिफ असलम

राहत फतेह अली ख़ाँ,

और न जाने कितने,

बौलीवड मे गागा कर,

रोटी रोज़ी कमाते रहे।

आखिर क्यों ?

 

उन्होने हमारे सैनिकों,

के सिर काटे,धड़ भेजे,

हम चुप रहे..

सलमान खुर्शीद,

उनके प्रधानमंत्री को

दावत खिलाते रहे।

आखिर क्यों ?

8 COMMENTS

  1. यह “आखिर क्यों ?” बहुत बड़ा प्रश्न है,पर इस “आखिर क्यों?” का उत्तर जम्मू में सनाउल्लाह पर हमला नहीं है.

  2. जम्मू जेल में सनाउल्लाह के उपर बर्वर हमले ने बता दिया है कि भारतीय अपने पाकिस्तानी बिरादरों से भिन्न नहीं हैं।

  3. बधाई हो, बीनूजी
    हमने प्रमाणित कर दिया जम्मू में कि हम कम नहीं है। उनका सनाउल्लाह हमारा सरबजीत है।

  4. क्योंकि हम ही बेवकूफ थे,हैं,जब तक प्रतिद्वंदी को बराबर का जवाब न दिया जाये,वह अपनी हरकतें करता ही रहेगा.सच्चाई को बयां करती ,हमारे नेताओं से सवाल पूछती अच्छी कविता

  5. सच्चाई से भरपूर सामयिक रचना के लिए बधाई, बीनू जी।
    विजय निकोर

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