विश्व जनसंख्या दिवस

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बढ़ेगी जब आबादी,अच्छे दिन कैसे आएंगे।
होगे जब दस बच्चे,फिर बुरे दिन तो आएंगे।।

बढ़ती जा रही है जनसंख्या कैसे नियंत्रण कर पाएंगे।
करा नहीं नियंत्रण तुमने फिर तुम कहां हम जाएंगे।।

पड़ी है बेड़ियां जनसंख्या की भारत मां के पैरों में।
चलता रहा देश में ऐसा,रोड़ी चुभेगी मां के पैरों में।।

बढ़ेगी जनसंख्या देश की,विकास रुक जाएगा।
रोकी नहीं आबादी,देश गडढ़े मै गिर जाएगा।।

बच्चे होगे ज्यादा तो जरुरते कैसे होगी पूरी।
कम बच्चो वालो की भी जरुरते न होती पूरी।

बहती थी दूध की नदियां,पानी के लिए देश तरस रहा।
एक बोतल साफ पानी के लिए देश अब तरस रहा।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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