प्रभु का नाम जप ले तू बन्दे

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कर ले इस जीवन का सदुपयोग,
ये बार बार न तुझे मिल पाएगा।
अच्छे कर्म करेगा इस जीवन में,
अच्छे फल दूजे जीवन में पाएगा।

दोनो हाथ से कर ले तू दान अब,
फिर समय तुझे न मिल पायेगा।
जो तूने कमाई है धन व दौलत,
मरने के बाद यही रह जायेगा।।

प्रभु का नाम जप ले तू बंदे,
तभी तू जीवन में चैन पायेगा।
हरि का नाम भजने में ही,
हमेशा ही तू सुख को पायेगा।।

सारी दौलत तो न जा पायेगी
पर कुछ तो साथ ले जायेगा।
ध्यान से सुन ले तू मेरे प्यारे,
पाप पुण्य तो साथ ले जायेगा।।

जिस बंधन में बंधा है तू यहां,
मरने के बाद सब टूट जायेगे।
अकेला ही तू यहां से जायेगा,
बाकी सभी यही रह जायेगा।।

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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