
सद्गुणों व दुर्गुणों के वो
होते हैं सर्वश्रेष्ठ ईक्षक
ईश्वर के तुल्य ही होते
हम कहते जिनको शिक्षक
करते दूर अज्ञानता को
जलाते हैं ज्ञान का दीपक
हमारी धीरता व नम्रता के
होते हैं वो कुशल परीक्षक
जीवन जीने की कला सिखाते
गुरु ही होते पथप्रदर्शक
आधारशिला होते समाज के
शिक्षक ही सच्चे मार्गदर्शक
✍️आलोक कौशिक