संकल्प से सिद्धि तक 11 बेमिसाल वर्ष

डॉ प्रदीप कुमार वर्मा

‘पहले कार्यकाल में लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे और मैं दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। दूसरे कार्यकाल में मैं अतीत की दृष्टिकोण से सोचता था। तीसरे कार्यकाल में मेरी सोच बदल गई है.और मेरा मनोबल ऊंचा है। मेरे सपने भी बड़े हो गए हैं।’ — नरेंद्र मोदी

26 मई, 2014 को जब नरेंद्रभाई दामोदरदास मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली तो देश एक नए युग में कदम रख रहा था। आज लगातार अपने तीसरे कार्यकाल में 11 साल बाद मोदी सरकार ने जिस तरह से नीतिगत फैसलों, जनकल्याण से संबंधित योजनाओं और सकारात्मक वैश्विक कूटनीति के माध्यम से देश को एक नई पहचान और सही दिशा दी है, वह कई मायनों में अभूतपूर्व कहीं जा रही है। मोदी सरकार का डंका अब देश के साथ-साथ विदेश में भी बज रहा है। सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ शुरू हुई यह बेमिसाल यात्रा अब विकसित भारत की ओर तीव्र गति से सतत अग्रसर है।

इन 11 वर्षों में मोदी सरकार के दूरगामी निर्णयों से न सिर्फ देश की दशा और दिशा बदली, बल्कि भारत को एक आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महती भूमिका निभाई है। 140 करोड़ देशवासियों के जीवन को आसान बनाती मोदी सरकार की योजनाएं आज देश के विकास में मील का पत्थर साबित हो रही है। सेवा सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित यह सरकार समावेशी विकास पर जोर दे रही है। इससे देश के लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवन शैली भी सुनिश्चित हुई है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत को आत्मसात करते हुए समाज के अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। इससे उन्हें बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा है। आज देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मध्यम वर्ग का है। कहना न होगा कि आर्थिक प्रगति के समेकित प्रयासों और विकास उन्मुख मॉडल से इस वर्ग का जीवन अब पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा सुगम हो चुका है। भारत के आर्थिक सुधारों की चर्चा अब देश के बाहर विदेशों में भी हो रही है। भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष अर्थात 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित भारत का आह्वान आर्थिक विकास के स्वरूप में संरचनात्मक बदलाव, वित्तीय और सामाजिक समावेशन में सुधार, वैश्विक नजरिए से प्रतिस्पर्धा का उन्मुक्त माहौल, श्रम जनित क्षेत्रों में बाजार का निर्माण एवं ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के परिवेश का समायोजन है।

भारत की डिजिटल क्रांति से विश्व आश्चर्यचकित है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन आज लेनदेन की रीढ के रूप में तब्दील होते जा रहे हैं। छोटे अमाउंट के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के मामले में मोदी सरकार की खिल्ली उड़ाने वाले आज खुद ही गदगद हैं। पूरे देश में जिस प्रकार छोटे से लेकर बड़े कारोबारी डिजिटल लेनदेन के माध्यम से अपना कारोबार कर रहे हैं, आम जनता को की परेशानी घटी है। मोदीजी के विरोधी भी जन-धन योजना के माध्यम से देश के 48.93 करोड़ से अधिक बैंक खाता खोलने के चलते उनके मुरीद हैं। अब देश के गरीबों के माथे पर अस्पतालों में इलाज और उसके महंगे बिल के भुगतान के लिए चिंता की लकीरें नहीं देखी जाती। अब तो 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को भी इसमें शामिल कर दिया गया है। आयुष्मान भारत योजना 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर करती है। देश के ग्रामीण क्षेत्र के 10 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए जाने से खासकर इन परिवारों की महिलाओं के स्वास्थ्य में भी सुधार देखा जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के निमित्त बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से समाज में जागरूकता का स्तर बढ़ा है।

स्वच्छ भारत अभियान से 12 करोड़ शौचालय ग्रामीण इलाकों में सफाई के मामले में क्रांतिकारी परिवर्तन के वाहक बने हैं। स्वच्छता से संपन्नता के इस अभियान से देश में बाल मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिल रही है। जल जीवन मिशन से 11 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पेयजल और गरीबों को 3.45 करोड़ से अधिक पक्का आवास उपलब्ध करवाया जाना भी इस सरकार की खास उपलब्धि है। भारत की अर्थव्यवस्था को चिंतनीय अवस्था से निकलकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय भी इस सरकार को जाता है। काले धन पर अंकुश लगाने के लिए नोटबंदी जैसे कदम भी उठाए गए। स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिलने से लेकर विदेशी निवेश में लगातार बढ़ोतरी और इज ऑफ डूइंग में सुधार ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत को विश्व की अग्रणी आर्थिक शक्ति के तौर पर स्थापित किया है। आज भारत में पूरी दुनिया से निवेश हो रहे हैं। रोजगार का सृजन हो रहा है। कोविड के दौर में मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने नहीं दिया। इस दौर में कम समय के अंदर ही टीकों का निर्माण कर भारत ने पूरे विश्व में इसकी आपूर्ति की।

मोदी सरकार के राज में ‘विरासत भी विकास भी’ अब महज एक नारे की शक्ल में नहीं नजर आता, बल्कि इससे देश की संस्कृति, इसके धरोहरों और परंपराओं के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित हुआ है। पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन देश के लिए गौरव एवं भावुकता का क्षण था। काशी, उज्जैन समेत देश के कई धार्मिक एवं तीर्थस्थलों के पुनरुद्धार एवं कायाकल्प कर मोदी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को नया स्वरूप प्रदान किया है। करतारपुर कॉरिडोर को खुलवाने की पहल और बौद्ध सर्किट के निर्माण के प्रस्ताव से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों की आवाजाही सुनिश्चित होगी। चाहे G-20 के आयोजन में देश की सांस्कृतिक विविधता के दर्शन हों या योग दिवस के आयोजन की पहल — ऐसे आयोजनों ने देश का गौरव ही बढ़ाया है। महाकुंभ के अवसर पर पूरी दुनिया ने इसके वृहद और चुनौतीपूर्ण आयोजन को सराहा है।

मुस्लिम समाज में तीन तलाक के मुद्दे पर कानून बनाकर समाज की महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रयास मोदी सरकार ने किया। इस वर्ष वक्फ संशोधन अधिनियम के माध्यम से वक्फ की संपत्तियों के डिजिटाइजेशन एवं अन्याय प्रक्रियाओं के सुधार की रूपरेखा तैयार की गई। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत व्यापक बदलाव किए गए, जिसमें कौशल आधारित शिक्षा पर बोल दिया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए 7.5 लाख रुपए तक के लोन का प्रावधान किया गया। जम्मू कश्मीर में धारा-370 की समाप्ति मोदी सरकार के कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में अलगाववाद को खत्म करने की पहल करते हुए कई विद्रोही संगठनों से बातचीत कर इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए। इस सरकार ने देश में नक्सलवाद पर भी करारा प्रहार किया है, जिसके फलस्वरुप आज देश में नक्सलवाद अंतिम सांस से गिन रहा है।

भारत में आतंकवाद और इसके पोषकों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। अब दुनिया भी मान रही है कि एक सॉफ्ट स्टेट की अवधारणा को भारत ने कहीं पीछे छोड़ दिया है। चाहे वर्ष 2016 में भारत के पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की बात हो या 2019 में पुलवामा में आतंकी हमले के बाद बालाकोट पर हवाई हमले का निर्णय — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की जनभावना का उचित प्रतिनिधित्व करते हुए आतंकवादियों और उनके आकाओं को भरपूर सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व और सशस्त्र बलों के पराक्रम को पहलगाम नरसंहार के बाद पूरी दुनिया ने देखा है। मोदीजी की गर्जना ‘वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला चलेगा’ मोदी सरकार के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को परिभाषित करता है।

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