सीता राम जी की आरती गाऊँ।
आरती गाउ नित तुम को मनाऊँ।।
सीता राम जी की आरती गाऊँ
दशरथ नंदन कौशल्या छैया।
जनक नंदनी है सीता मैया।।
इन चरणों में मैं शीश नवाऊँ।
सीता राम जी की आरती गाऊँ।।
तीन तीन माता चार चार भैया।
चरणों में इनके हैं, अंजनी छैया।।
सुबह शाम मैं इनको ही ध्याऊँ
सीता राम जी की आरती गाऊँ
प्रभु चरणों से निकली गंगा मैया।
सब पापों से है मुक्त करैया।।
गंगा जल से नित्य निलहाऊँ
सीता राम जी की आरती गाऊँ
महिमा तुम्हारी बड़ी ही भारी।
निश्चर हीन करी भूमि सारी।।
सियाराम जी की महिमा सुनाऊँ
सीता राम जी की आरती गाऊँ
राम राज बैठे त्रिलोका।
हर्षित सभी गए सब शोका।।
युगल सरकार की कृपा में पाऊँ
सीता राम जी की आरती गाऊँ
वालमीक और तुलसी ज्ञानी।
जग को सुनाई राम कहानी।।
मैं राम चरित्र मानस अपनाऊँ
सीता राम जी की आरती गाऊँ