भजन : चेतावनी

तर्ज: चिंता करे बलाये हमारी

मु : चिंता करो न मुर्ख प्राणी हो हो
चिंता करो न मुर्ख प्राणी हो हो -२
इस मिथ्या संसार की
शरण पकड़ ले अब ही प्यारे हो हो, राधा के भरतार की

अ १: तन मन धन उस का दिया है
उसको अर्पण करदे तू
कोई कष्ट न होने देगा
पूर्ण समर्पण कर दे तू
तेरा हर पल ध्यान है उसको -२
मि : सेवा कर सरकार की -2
चिंता करो न मुर्ख प्राणी
इस मिथ्या संसार की

अ २: सच्चा प्रियतम तेरा प्यारे केवल कृष्णा मुरार है
धोकाधाधड़ी और मतलब का तो ये सारा संसार है
मि: नींद त्याग कर अब तो जागो
रात गयी अन्धकार की
(बेला है मस्त बहार की)
चिंता करो न मुर्ख प्राणी
इस मिथ्या संसार की

अ ३: तेरा स्वामी अंतर्यामी हर पल तेरे साथ है
चिंता छोड़ा कर चिंतन कर ले
पकड़ ले ये तेरा हाथ है
मि: गिरने न देगा भवसागर में
माला जप हरी नाम की
चिंता करो न मुर्ख प्राणी
इस मिथ्या संसार की

अ ४: नन्दो भैया सास सास से
सुमिरन तुझको करना है
पता नहीं है इन साँसों का
कितना इनको चलना है
मि: सांस कोई खली न जाये
व्यर्थ और बेकार की
चिंता करो न मुर्ख प्राणी
इस मिथ्या संसार की

मैंने राम को पुकारा -२
सीता राम चले आये -२
संग में अंश सभी हैं लाये
तीनो भाइयों का फर्ज निभाए
मेरे भोले बाबा हनुमान बन आये
मैंने राम को पुकारा -२
सीता राम चले आये -२

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