बड़ा दिन, बड़े लोग, बड़ी बातें

डॉ घनश्याम बादल

25 दिसंबर यानी बड़ा दिन. दुनिया भर में ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस मनाया जाता है आज. अब जब दुनिया इसे बड़े दिन के नाम से जानती है तो फिर अवश्य ही दिन बड़े लोगों, बड़ी बातों एवं बड़े महत्व का होगा ही. दुनिया भर में सबसे ज्यादा आबादी यदि किसी धर्म के लोगों की है तो वह है ईसाई धर्म. इनमें भी कैथोलिक परंपरा को मानने वाले समर्थक सबसे ज्यादा एवं सबसे समर्थ माने जाते रहे हैं . इन्हीं कैथोलिक धर्म अवलंबियों का सबसे बड़ा त्यौहार होता है क्रिसमस दिवस, वही त्यौहार जिसमें सांता क्लास उपहार बांटते हैं. चर्च दुल्हन की तरह सजाए जाते हैं और दो हफ्तों तक यूरोपीय देशों में यह त्यौहार बड़े ठाठ के साथ मनाया जाता है, ऑस्ट्रेलिया अमेरिका कनाडा जापान यहां तक कि भारत और चीन में भी क्रिसमस की धमक सुनाई देती है।

एक मान्यता यह भी है कि 25 मार्च को ईसा मसीह की माता मरियम को यह स्वप्न आया था कि पैगंबर के रूप में ईसा मसीह उनकी कोख से जन्म लेंगे और इसके ठीक 9 महीने बाद 25 दिसंबर को ईसा मसीह ने जन्म लिया जिन्होंने बाद में दुनिया भर को अहिंसा करुणा दया एवं सहनशीलता तथा प्रेम का अद्भुत संदेश दिया।

यदि भौगोलिक नजरिए से देखें तो 21 जून सबसे बड़ा दिन होता है और 22 दिसंबर सबसे छोटा. मान्यता है कि 22 दिसंबर के बाद दिन बढ़ना शुरू हो जाता है इसलिए 23 दिसंबर को बड़े दिन के नाम से पुकारा जाता है लेकिन इसी सभ्यता के समर्थक यूरोपीय देशों की भौगोलिक स्थिति के चलते 25 दिसंबर को बड़े दिन के रूप में मानते आए हैं और यह परंपरा आज भी जारी है।

इतिहास की दृष्टि से देखे तो 25 दिसंबर कई महापुरुषों की जयंती है तो कई का महान निर्वाण दिवस भी यानी महान पुरुषों के आने एवं जाने का बड़ा दिन है 25 दिसंबर, शायद इसलिए भी इसे सारी दुनिया बड़ा दिन मानती है।

25 दिसंबर को जन्म लेने वाले महान पुरुषों में भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, प्रसिद्ध नेता, संस्कृत के प्रकांड विद्वान गंगा नाथ झा आदि का नाम मुख्य है।

मदन मोहन मालवीय (25 दिसंबर 1861 – 12 नवंबर 1946) न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् थे बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे। हिंदू राष्ट्रवाद के समर्थक मदन मोहन मालवीय देश की जातिगत बेड़ियों को तोड़ना चाहते थे। उन्होंने दलितों के मंदिरों में प्रवेश पर रोक की बुराई के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया। 24 दिसंबर 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पंडित मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।

संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड विद्वान गंगानाथ झा (25 दिसम्बर 1872 – 9 नवम्बर 1941) ने हिन्दी, अंग्रेजी और मैथिली भाषाओं में दार्शनिक विषयों पर उच्च कोटि की मौलिक पुस्तकों की रचना की है। उनकी अनेक कृतियों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का ‘गंगानाथ झा शोध संस्थान’ (स्थापना 17 नवम्बर 1943) प्रमुख है।

बनारस या वाराणसी वासी डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी (25 दिसंबर 1880 – 10 मई 1936) प्रसिद्ध चिकित्सक और जाने-माने राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया, उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय काशी विद्यापीठ और जामिया मिलिया की स्थापना में योगदान दिया। अहमद अंसारी का जन्म 25 दिसंबर 1880 को हुआ था।

भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसम्बर 1924 – 16 अगस्त 2018), नरसिम्हा राव के बाद 1996 में मात्र 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने थे. बाद में 1998 में वे दोबारा प्रधानमंत्री बने. फिर अक्टूबर 1999 में दोबारा प्रधानमंत्री बने और उन्होंने यह कार्यकाल बेहद सफलतापूर्वक पूरा किया। इससे पहले वे अप्रैल 1999 से अक्टूबर 1999 तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री भी रहे थे। अटल बिहारी वाजपेई देश के सबसे लोकप्रिय वक्ताओं में से एक तो थे ही, उन्होंने 1998 में देश को एक परमाणु शक्ति घोषित करने का साहसिक कार्य भी किया जिसके चलते देश पर कई प्रतिबंध लगे लेकिन अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने कुशलतापूर्वक सबका सामना करते हुए देश को प्रगति के पथ पर डाल दिया।

सुशासन दिवस

भारत में हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस भी पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती  के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य नागरिकों, छात्रों, जो देश का भविष्य हैं, को सरकार की जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में बताना है जिन्हें उसे पूरा करने की आवश्यकता है।

 यदि 25 दिसंबर को उपरोक्त महान व्यक्तित्वों का अवतरण हुआ तो वहीं कई महान व्यक्तित्व आज के ही दिन ही लोग को छोड़कर परलोकवासी भी हुए तो उनकी पुण्यतिथि भी मनाई जाती है 25 दिसंबर को। 

अधिवक्ता, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक, भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष, जिन्हें राजाजी के नाम से भी जाना जाता है, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (10 दिसम्बर 1878 – 25 दिसम्बर 1972), वे स्वतंत्र भारत के दूसरे गवर्नर-जनरल और पहले भारतीय गवर्नर-जनरल थे। अपने अद्भुत और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण ‘राजाजी’ के नाम से प्रसिद्ध महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और गांधीवादी राजनीतिज्ञ चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को आधुनिक भारत के इतिहास का ‘चाणक्य’ माना जाता है। राजगोपालाचारी की बुद्धिमत्ता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे कई उच्च पदस्थ कांग्रेसी नेता भी उनकी प्रशंसा  करते थे।

एक भारतीय नाटककार, पटकथा लेखक, फ़िल्म और नाट्य निर्देशक सत्यदेव दुबे (1936 – 25 दिसंबर 2011) ने फ़िल्मों में अभिनय भी किया और पटकथाएँ भी लिखीं। वे देश के एकमात्र हिंदी नाटककार थे जिन्होंने विभिन्न भाषाओं के नाटकों को हिंदी में लाकर उन्हें अमर कर दिया।

अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध शख्सियतों में शामिल ब्रिटिश हास्य अभिनेता और निर्देशक चार्ली चैपलिन, जिन्हें मोशन-पिक्चर इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है, का निधन भी 25 दिसंबर को ही हुआ।

यह तो सबको ज्ञात है कि 1 जनवरी से नए ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत होती है जो 25 दिसंबर के मैच 6 दिन बाद आता है यानी एक प्रकार से नए साल की शुरुआत 25 दिसंबर के आसपास ही होती है तो इस हिसाब से भी 25 दिसंबर बड़ा दिन माना जा सकता है।

डॉ घनश्याम बादल

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