प्रतिदिन उज्वल राखिये, अपने गृह के पास
अगर गंदिगी जो रहे, तो व्याधि करेगी वास
व्याधि करेगी वास, चित्त में चैन न पाओगे
हकीम – डॉक्टर – वैद्यों पर धन खूब लुटाओगे
कह पौरुष (मोदी) समझाए, सुनो ओ मूरख बन्दे
रहोगे सदा बीमार अगर जो रहते हो गंदे
देश स्वच्छ बनाने को हो जाओ तैयार
स्वच्छ भारत का करें सपना हम साकार
सपना हम साकार, रखेंगे कभी न गन्दा
छूट जायेगा सब रोगों से मेरा फंदा
गुटका सिगरेट तम्बाकू से होये कैंसर रोग
इस बीमारी के इलाज का नहीं है कोई योग
नहीं है कोई योग सीख जो तुम नहीं मानोगे
चिडया चुग जाये खेत, हाथ मल रह जाओगे
नन्द किशोर पौरुष