डॉ. नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी
चीन ने पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमले के बीच अपनी परियोजनाओं और चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए पहली बार पाकिस्तान में निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है।
खबर यह आ रही है कि पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के नाम से चीन ने निवेश किया है जिसकी कीमत 50 मिलियन डॉलर है। चीन के काश्गर से लेकर पाकिस्तान के ग्वादार तक कॉरिडोर बनाया गया है।
मजे की बात यह है कि इस कार्य को करने के लिए चीन अपने यहां से ही श्रमिक ले आया है। सामान्यतः होता यह है कि जब कोई देश किसी दूसरे देश में निवेश करता है तो श्रमिक स्थानीय ही होते हैं, लेकिन पाकिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में जो राजस्व उत्पादित होगा, वह चीन को ही मिलेगा अर्थात चीनी कंपनी, चीनी श्रमिक, चीनी मशीनरी और चीन के पैसे से जो भी कार्य होना था, वह चीन खुद वापस ले जाएगा। चीन के 30 हजार नागरिक पाकिस्तान में कार्य कर रहे हैं और उन्हें बलूच लोग निशाना बना रहे हैं क्योंकि ग्वादार बलूचिस्तान में आता है और बलूचिस्तान के खनिज भंडार पर चीन की नज़रें टिकी हुई है जिसे बलूचिस्तान के लोग बचाना चाहते हैं। इसलिए बलूचिस्तान के लोग चीनियों को पकड़-पकड़ कर मार रहे हैं। वर्ष 2025 में ही लगभग 20 ऐसे मामले हैं, जहां पर चीनियों की जान भी जा चुकी है। चीन इस विषय पर पाकिस्तान के साथ लगातार चर्चा भी कर रहा है कि कम से कम हमारे नागरिकों की सुरक्षा ही कर दो। पाकिस्तान ने कहा कि अब हम क्या करें जब अपने श्रमिक अपने यहां से लाए हैं। आप कम से कम हमारे यहां के लोगों को रोजगार तो दीजिए।
अब चीन ने अपनी तीन निजी सुरक्षा कंपनियों डेवे सिक्योरिटी फ्रंटियर सर्विस ग्रुप, चाइना ओवरसीज सिक्योरिटी ग्रुप और हुआक्सीन झांगशान सिक्योरिटी सर्विस को संयुक्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए नियुक्त किया है। अब पाकिस्तान में चीनियों की सुरक्षा व्यवस्था भी चीनी सुरक्षा एजेंसियों की हो गई है, तो प्रश्न यह उठता है कि चीनी सुरक्षा में पाकिस्तानी सेना अपने को कहां देखती है? यह परिस्थिति उनके लिए कितनी अपमानजनक है कि वह दुनिया भर में ढिंढोरा पीटते हैं कि हम भारत से लोहा मोल लेते हैं और हर बार हारते हैं, हमारी सेनाएं बहुत अच्छी हैं लेकिन ऐसी नाकारा परिस्थिति उत्पन्न हो गई है कि चीन को भी अब इन पर विश्वास नहीं है।
यहां पर भारत के लिए चिंता का विषय यह है कि काश्गर से होकर ग्वादार तक का जो रूट बन रहा है, वह पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजर रहा है और जब चीन सुरक्षा के नाम पर अपनी सेना पाक अधिकृत कश्मीर में ले आएगा और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ चीन भी सहयोगी के रूप में मिल जाएगा और भारत से लड़ने के लिए दो बड़े-बड़े फ्रंट खुल जाएंगे। भविष्य में जब भी भारत पाक अधिकृत कश्मीर को स्वतंत्र करने का प्रयास करेगा तो चीन और पाकिस्तान मिलकर तीन दिशाओं से भारत के लिए खतरा बन सकते हैं।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है और खनिज संपन्न भी है, इसीलिए चीन पाकिस्तान में निवेश कर रहा है और पाकिस्तान को उपनिवेश बनाने की फिराक में है।
चीनी सेना की तैनाती भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि जब चीनी सेना पाक अधिकृत कश्मीर में आ जाएगी और भारत भी वहां पर चीनी सेना को बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे तनाव के माहौल उत्पन्न हो सकते हैं । इस स्थिति पर विशेष नजर रखने की जरूरत है।
नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी