पावर हब प्रदेश में पावर का खेल, बलौदा बाजार में ब्लड कैंसर के मामले बढे ।

ये बात थी एक एनीकेट की अब जरा लैंको अमरकंटक की कारगुजारी पर नजर डालें- यह कंपनी स्थानीय लोगों को रोजगार, पर्यावरण की कई योजनाओं, स्कूल, अस्पताल के साथ साथ किसानों को अधिकतम मुआवजा तथा परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने जैसी लोकलुभावन बातों के साथ अपना काम शुरू किया । आज हालात ये हैं कि परिवार तो छोडिये स्थानीय लोगों को भी कंपनी रोजगार नही दे रही है । नदी से होकर खेतों को तीन मीटर गहरा खोदते हुए जो पाइप लाइन बिछाई गई उन खेतों के किसानों को जो मुआवजा मिला उससे तो वे खेत की मिट्टी भी बाहर नही फेंकवा पाए । कंपनी का कहना था कि हम तो केवल गढ्ढा खोद रहे हैं जमीन अधिग्रहित नही कर रहे हैं सो क्यों मुआवजा दें । आसपास के पूरे पेडों को काट दिया गया ताकि वाहन निर्बाध रूप से आना जाना कर सकें । वृक्षारोपण की कोई श्रंखला तैय्यार नही की गई जबकि केंद्रिय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार एक पेड के बदले न्यूनतम चार पेड लगाने का नियम है ।
लगभग यह हाल सभी पावर प्लांटो का है । समस्या यहीं पर खत्म ना होकर तब शुरू होती है जब पानी की किल्लतें होना चालू हो जाती है । साफ पानी ना होने के कारण (जमीन में ब्लास्टिंग होगी तो क्या अमृत मिलेगा ) पीलीया और हैजा जैसी बीमारी तो आम है अब हाथी पांव भी इन बीमारीयों की दौड में शामिल हो गया है । सबसे चिंताजनक स्थिति बलौदाबाजार की है जहां लगातार बढते उद्योग , गिरते जलस्तर, घटते वन और बढते प्रदुषण के कारण ब्लड कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है । इस छोटी सी जगह से 3 माह में 4 से 5 केस ब्लड कैंसर के आए हैं जिनमें से एक पत्रकार भी है जो पैसे ना होने के कारण मुंबई से वापस आ गया है ।
जन जागरण का एक अनूठा नजारा चांपा मे देखने को मिला । यहां के युवा अलग अलग दलों से संबंध रखते हैं किंतु पर्यावरण के मसले पर एक जुट होकर आंदोलन करते हैं । यहां पर कांग्रेस, भाजपा, एन.एस.यू.आई. और विद्यार्थी परिषद के सभी सदस्यों नें अपना एक अलग सर्वदलीय मंच बना रखें है और जब कभी स्थानीय मसले पर आंदोलन करता होता है तो सभी सदस्य इस एक मंच से अपना आंदोलन चलाते हैं । इसके क सदस्य आशईष चौधरी भी है जो बताते हैं कि किसी तरह से स्थानीय लोग राजनीती से दूर होकर अब अपने हित के लिये लड रहे हैं । ये लोग जनजागरण करते हैं और लोगों को हिदायत देते हैं कि किसी भी तरह के प्रदुषण होने की दशा में तत्काल सबको चेतावनी दें औऱ मजबूती से उसका विरोध करें ।
लेकिन इस दौरे पर एक दुःखद पहलू ये भी दिखा कि प्रशासन और कंपनी के साथ साथ स्थानीय प्रिंट मिडिया भी आमजनों के हितों की अनदेखी कर रहा है ।
लेकिन इस दौरे पर एक दुःखद पहलू ये भी दिखा कि प्रशासन और कंपनी के साथ साथ स्थानीय प्रिंट मिडिया भी आमजनों के हितों की अनदेखी कर रहा है ।
परमाणु ऊर्जा प्लांट भारत में लगाना इस सरकार द्वारा हम भारतीयों के साथ की जा रही गद्दारी की एक और मिसाल है. फ़्रांस ,अमेरिका अदि देशों के आर्थिक हितों की कीमत पर भारत को तबाह किया जा रहा है. जापान की त्रासदी के बाद भी इनकी ऑंखें नहीं खुली हैं. कितने गैर जिम्मेदार और बेपरवाह ही नहीं देश के अपराधी हैं ये नेता. समय आने पर इन्हें सही भाषा में सबक न सिखाया तो ये नेता देश को पूरी तरह तबाह करके रहेंगे .