विकसित भारत : संकल्प का प्रथम कदम

डॉ. नीरज भारद्वाज

इतिहास के कुछ पन्ने हमें यह भी बताते हैं कि जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ तो पाश्चात्य  देश यह कहते थे कि भारतवर्ष स्वतंत्रता को ज्यादा दिन तक संभाल नहीं पाएगा। इस देश का विकास होना संभव नहीं है। माना कि यह बात उस समय और परिस्थिति के आधार पर कुछ समीक्षकों और बुद्धिजीवियों ने की हो लेकिन आज वास्तविकता उससे बहुत परे है।

हमारे देश ने आजादी के बाद कई उतार-चढ़ावों को देखा। पड़ोसी देशों ने हम पर समय-समय पर आक्रमण किए। इन आक्रमणों से हमें आर्थिक, सामाजिक, जन हानि आदि को झेलना पड़ा। पड़ोसी देश पाकिस्तान आज भी हमारी विकास गति को पचा नहीं पाता  और वह स्वयं से या किसी अन्य देश के कहने से भारतवर्ष में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहता है। उसे हर बार मुंह की खानी पड़ी है. इस बार ऑपरेशन सिंदूर के चलते उसके घर में ही घुसकर हमने उसके आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिलने का काम किया है।

देश के विकास के लिए देश में शांति और भाईचारा बना रहना चाहिए। इसके साथ ही सबसे बड़ी बात कि देश को मजबूत राजनीतिक सत्ता अर्थात स्थिर सरकार का होना भी होता है। पिछले 11 वर्षों से देश में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मजबूत और कारगर सरकार काम कर रही है। इससे पहले की सरकारों ने भी देश के लिए कार्य किया है, इसे भी नहीं भूलना चाहिए। यहाँ महत्वपूर्ण बात यह है कि अब जो सरकार काम कर रही है, वह वास्तव में देश-दुनिया को दिखाई दे रहा है।

भारतवर्ष ने हर एक क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। नए संकल्प के साथ भारतवर्ष में नई ऊंचाइयों को छुआ है। देश के विकास में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, पीली क्रांति, नीली क्रांति, गुलाबी क्रांति, रजत क्रांति, सुनहरी क्रांति आदि सभी का सहयोग बराबार रहा है। हमारे विज्ञान और तकनीक ने भी विश्व को नए आयाम दिए हैं। आज भारतवर्ष दुनिया का सबसे घनी आबादी का देश है, तो साथ ही अर्थव्यवस्था की दृष्टि से चौथे स्थान पर आ गया है। वह दिन भी दूर नहीं जब भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

देश के लिए, देश के हर एक नागरिक के लिए यह अच्छी बात है कि हमारे श्रमबल, उद्योग, तकनीक आदि सभी ने मिलकर आज भारतवर्ष को चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से आगे हैं। रिपोर्ट और आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि विकास की गति ऐसे ही आगे बढ़ती रही तो भारत अर्थव्यवस्था की दृष्टि से तीन वर्षों में ही जर्मनी को पीछे छोड़ देगा और तीसरे स्थान पर आ जाएगा।

भारत ने अर्थव्यवस्था में चौथा स्थान जापान को पीछे छोड़कर प्राप्त किया है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि जापान की उम्र दराज आबादी और कम जन्म दर उसके लिए चुनौती बनकर उभरी है। दूसरी ओर ध्यान दें तो आज भारत विश्व का सबसे युवा शक्ति का देश बनकर उभरा है। आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2025-26 में दुनिया में सबसे तेज गति से आर्थिक विकास दर हासिल करने वाला प्रमुख देश भारतवर्ष बना रहेगा। भारत की विकास दर तेजी से आगे बढ़ रही है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि 2024- 25 में दुनिया में सबसे ज्यादा विकास दर 6.5% भारत की रहेगी। भारत धीरे-धीरे महाशक्ति बनता जा रहा है, आर्थिक रूप से भी भारत मजबूत होता जा रहा है।

भारतवर्ष के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2047 तक विकसित भारत की बात कही है। देश के युवाओं को इसी ओर अग्रसर भी कर रहें हैं। विचार करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था, तकनीक, विज्ञान आदि सभी कुछ इसी ओर अग्रसर भी दिखाई दे रहे हैं। भारत अपने संकल्प को जल्द ही पूरा करेगा। सही मायने में संकल्प से ही सिद्धि प्राप्त होती है।

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