ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में दशम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में नवम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में अष्टम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।
कार्य व्यवसाय
कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए आपको लगातार अथक प्रयास करना पडेगा। अष्टमस्थ शनि के प्रभाव से कुछ विरोधियों द्वारा आपके कार्यों में रूकावटें डाली जा सकती है परन्तु सामान्य काम काज पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
13 अप्रैल के बाद वरिष्ठ अघिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी करने वाले व्यक्तियों की पदोन्नति हो सकती है। भूमि से सम्बन्घित कार्य करनेवाली महिलाओं को लाभ प्राप्त होगा। जो व्यक्ति परामर्शदाता, अध्यापक अथवा अपना काम करते हैं उनको अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
आर्थिक पक्ष
आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। यदि आप निष्ठा के साथ प्रयास करते हैं तो आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। एकादश स्थान पर शनि की दृष्टि से आय में निरंतरता बनी रहेगी। 13 अप्रैल के बाद द्वितीय एवं चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से भूमि, भवन, वाहन के साथ-साथ रत्न आभूषण इत्यादि की प्राप्ति के योग बनेंगे।
अपने परिवार के सदस्यों तथा रिश्तेदारों के मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा। यदि कोई बड़ा निवेश करना पड़े तो उस क्षेत्र से जुडे अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अवश्य लें। पैतृक संपत्ति के मामले में कोई वाद-विवाद आदि में पड़ने से बचें।
पारिवारिक दृष्टि
पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। परिवार में किसी के साथ आपका वैचारिक मतभेद भी हो सकता है। तृतीय स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि से आपको सामाजिक पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ती होगी। 13 अप्रैल के बाद पारिवारिक दृष्टि से समय अनुकूल होने लगेगा।
बड़ों सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। जिससे आपका आत्म विश्वास बढ़ेगा और परिवार के प्रति आपका आकर्षण भी ब्ढ़ेगा। माता-पिता के लिए यह समय काफी अच्छा रहेगा। परन्तु ससुराल पक्ष के लिए व उनके साथ संबंघों के लिए सामान्य है।
संतान
संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बहुत अनुकूल रहेगा। पंचम स्थान पर शनि एवं गुरु की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से नवविवाहित महिलाओं को संतान रत्न की प्राप्ति होगी। आपके बच्चे उन्नति करेंगी। उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु अच्छे संस्थान में उनका प्रवेश हो जाएगा।
यदि आपका पहला बच्चा विवाह के योग्य है तो उसका विवाह संस्कार हो जाएगा। 13 अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित होगा। उस समय भी वे अपनी शिक्षा व रोजगार प्राप्ति के प्रयासों में सफल होंगी। दूसरे बच्चे के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा।
स्वास्थ्य
वर्ष के प्रारम्भ में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा लेकिन स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है। नवमस्थ गुरु की पंचम दृष्टि लग्न पर होगी उसके प्रभाव से शारीरिक आरोग्यता की प्राप्ति व कार्यक्षमताओं में वॄद्दि के प्रबल संकेत है। मानसिक शांति, प्रसन्नता एवं सकारात्मक सोच में वॄदि होगी। अप्रैल के बाद आपका स्वास्थ्य थोड¦ा प्रभावित हो सकता है।
अष्टम स्थान का शनि अचानक ही स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अत: उस समय स्वास्थ्य संबंघी गतिविघियों के प्रति ध्यान देना आवश्यक होगा।
खाने पीने कि वस्तुओं में सावघानी बरतें। शारीरिक दुर्बलता, थकान तथा पेट संबंघी समस्याएं उत्पन्न होने की भी संभावनाएं हैं। नियमित रूप से व्यायाम करना लाभदायक होगा।
शिक्षा सबंधी
विद्यार्थियों के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल है। पंचम स्थान पर शनि एवं गुरु का संयुक्त दृष्टि प्रभाव विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा योग है। शिक्षा के क्षेत्र में वह अच्छी उन्नति करेंगी। उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए अच्छे संस्थान में उनका प्रवेश मिल सकता है।
13 अप्रैल के बाद छठे स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले व्यक्तियों को सफलता प्राप्त होगी। जो व्यक्ति नौकरी की तलाश में हैं उनको अप्रैल के बाद नौकरी मिल सकती है।
यात्रा
नवमस्थ गुरु के प्रभाव से लम्बी यात्रा का प्रबल योग बन रहा है। इन यात्राओं से भाग्योन्नति भी होगी। इस यात्रा के दौरान आपको किसी के साथ मित्रता भी हो सकती है।
वर्षारम्भ में द्वाद्श स्थान का राहु आपको विदेश यात्रा का योग बनाएगा। यात्रा करते समय या वाहन चलाते समय सावघानी अत्यघिक जरूरी है। क्योंकि अष्टम स्थान में शनि के गोचरीय प्रभाव से वाहन दुर्घटना या किसी अन्य प्रकार की हानि हो सकती है।
पूजा-पाठ
आपकोई विशेष पूजा-पाठ यज्ञ, अनुष्ठान, हवन इत्यादि धार्मिक गतिविघियों में रुचि लेंगे तथा मानसिक रूप से संतुष्ट रहेंगे। पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके मन में आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाएगा, जिससे परमात्मा के प्रति भक्ति का भाव उत्पन्न होगा।
उपाय
प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढाएं और हनुमान चालिसा का पाठ करें.
प्रतिदिन राहु मन्त्र का पाठ करें।
शनिवार के दिन काली वस्तु का दान करें।