पाकिस्तान में खालिस्तानी

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अनिल अनूप 
भारतीय सेना की एक विशेष शाखा ने पाकिस्तान से भारतीय सैन्य अधिकारियों के नाम से खालिस्तानी फेसबुक को चलाने का मामला पकड़ा है। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय सैन्य अधिकारियों के नाम पर फर्जी सर्कुलर, वीडियो का मामला पकड़ा गया था। खालिस्तानी फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान पंजाब का माहौल खराब करना चाहता है और भारत में अलगाववाद की सोच को मजबूत करना चाहता है।
सैन्य सूत्रों अनुसार इस फेसबुक पर खालिस्तानी सोच के नेताओं की फोटो पोस्ट कर लगातार भ्रामक सामग्रियों का प्रचार किया जा रहा है। इसके जरिये पंजाब में भी इसी सोच को मजबूत करने की कोशिश करते हुए खालिस्तानी समर्थकों को अपने साथ जोड़ा जा रहा है। खालिस्तानी सोच के समर्थक कई जत्थेदारों के फोटो भी इस फेसबुक पर देश को बांटने वाली टिप्पणियों के साथ पोस्ट किए जा रहे हैं। सैन्य सूत्रों अनुसार ऐसा इनपुट भी मिला है कि अलगाववादी साल में गोपनीय जगहों पर बैठकें भी करते हैं। ये बैठकें एक साल पंजाब और दूसरे साल कश्मीर में होती हैं, जिसमें देश विरोधी साजिशें रची जाती हैं।

देश को बांटने की नापाक सोच रखने वाले पंजाब और कश्मीर के  कट्टर अलगाववादियों में भी लिंक है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों की मानें तो खालिस्तान समर्थन में उठी ‘रेफरेंडम 2020’ की मांग के पीछे भी आईएसआई का षड्यंत्र है। आईएसआई के नौ अफसरों को इस नापाक साजिश में लगाया गया है। इन्हीं के इशारे पर कट्टरपंथी सिख संगठन विदेशों में रेफरेंडम 2020 का मुद्दा उठा रहे हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन में इन कट्टरपंथियों ने इस बाबत एक रैली भी की थी।

अतीत में जाएं तो पायेंगे कि पाकिस्तान भारतीय पंजाब में अशांति फैलाने व अलगाववादियों को समर्थन तथा संरक्षण देने का काम काफी समय से करता चला आ रहा है। पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने के लिए अपनी जमीन का बेजा इस्तेमाल करने से कभी परहेज नहीं करता। वह विदेशों में रहने वाले खालिस्तानी समर्थकों को भारत विरोध के लिए उकसाने की नीति पर चलता रहा है। लाहौर में सिख अतिवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सरगना वधवा सिंह बब्बर लंबे समय तक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में रहा था। इस दौरान उसने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर सिख आतंकवाद को फिर से जिंदा करने की कोशिशें भी की। पाकिस्तान में सिख अतिवादियों को जेहादी भाई कहा जाता है और उन्हें तमाम सुुख-सुविधाओं के साथ पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों, आईएसआई और कुख्यात आतंकी संगठन के आकाओं से मिलने की खुली छूट भी मिली होती है। आईएसआई खालिस्तान के नाम पर सिख युवाओं को भड़का कर स्लीपर सेल बनाने को आमादा है। इंटरनेट पर सिख आतंकवादियों की शहादत जैसा महिमामंडन और एनजीओ द्वारा पैसा भेजकर आईएसआई खालिस्तान के दानव को पुन: जीवित करना चाहती है।
उपरोक्त के अलावा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत विरुद्ध बोलने का कोई अवसर नहीं छोड़ता। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कश्मीर घाटी और पंजाब में अशांति फैलाने और भारत विरोधी घटनाओं को समर्थन व संरक्षण देता चला आ रहा है। पाकिस्तान की शह पर ही विदेशों में बैठे खालिस्तानी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी शिरोमणि अकाली दल बादल और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सहित उन तमाम सिख संगठनों तथा उनके नेताओं का विरोध करते हैं। विदेशी धरती पर बैठकर भारत का विरोध करना आसान है, इसी बात का लाभ उठा कैनेडा, इंग्लैंड तथा विश्व के अन्य देशों में जहां खालिस्तानी समर्थक बैठे व भारत की मुख्य धारा से जुड़े सिख संगठनों व सिख नेताओं का विरोध करते हैं और भारत विरुद्ध विष भी उगलते हैं।
भारत सरकार और समाज विशेषतया सिख समाज को विदेशों में बैठे खालिस्तानियों द्वारा खेले जा रहे शह और मात के खेल के प्रति सतर्क हो चलने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विरुद्ध जो षडय़ंत्र विकसित देश रच रहे हैं उसका मुख्य लक्ष्य भारत के बढ़ते कदमों को रोकना ही है। उपरोक्त समस्या का हल एक मजबूत भारत ही है। इसलिए भारत मजबूत हो इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सबको एकजुट होकर देशविरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जबाव देना चाहिए।

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