साहित्‍य

सिर्फ रस्म बन कर न रह जाए ये दिन : पूजा श्रीवास्‍तव

एक बार फिर 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने के लिए लोग तैयार हैं। सर्वविदित है कि इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कई संगोष्ठियां, कई परिचर्चाएं होती हैं और तमाम लोग हिन्दी के प्रति अपने प्रेम को जाहिर करते हैं। हिन्दी की दुर्दशा पर घडिय़ाली आंसू भी बहाए जाते है। पर सवाल ये उठता है कि हिन्दी की हालत इतनी दयनीय कैसे हो गई? क्यों इस कदर बार बार हिन्दी भाषा की दुहाई दी जाती है?

उल्लेखनीय है कि आजादी के साथ से देश में हिन्दी भाषा का प्रचलन बढऩे लगा था और धीरे धीरे इस भाषा ने राजभाषा का रूप ले लिया। देश भर में हिन्दी के चलन क ो बढ़ाने के लिए सन् 1949 में एक एक्ट बनाया गया। ये अधिनियम सरकारी कार्यों में हिन्दी का प्रयोग अनिवार्य करने के लिए था। गांधीजी ने भी हिन्द स्वराज्य के 18 वें अध्याय में 100 साल पहले लिखा था कि ‘पूरे भारत के लिए जो भाषा चाहिए, वो हिन्दी ही होगी साथ ही उन्होंने अंग्रेजों से ये भी कहा था कि ‘भारत की भाषा अंग्रेजी नहीं, हिन्दी है और वो आपको सीखनी पड़ेगी’ पर हुआ कुछ और । हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा तो मिला पर क्या इस राजभाषा का विकास हो पाया? जहां तक बात की जाए आज के दौर की तो वर्तमान में हिंग्लिश का चलन ज्यादा है। आज के युवा हिन्दी को अपनी बोलचाल की भाषा बनाने में हिचकिचाते हैं। जब तक हिन्दी में अंग्रेजी का तडक़ा नहीं लगता लोगों की बोली में जायका नहीं आता। हिन्दी भाषा तो उसे बोलने वाले की जु़बा से जिन्दा है। शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में हिन्दी के पिछड़ते कदम को देखते हुए विकास की आवश्यकता है।

वर्तमान में लगभग सभी क्षेत्रों में हिन्दी को एक नया रूप दिया जा रहा है। इसकी शुरूआत हिन्दी के मशहूर लेखक असगर वजाहत ने कर दी है। जनसत्ता अखबार में असगर साहब ने हिन्दी को देवनागरी के बजाय रोमन में लिखे जाने की बात कही।

हिन्दी भाषा तभी विकास की ओर अग्रसर होगी जब राजभाषा को अधिनियम और नियमों से मुक्त कर दिया जाएगा। आज आवश्यकता है एक सच्चे संकल्प की और साथ ही जरूरत है इस संकल्प को पूरा करने की। हिन्दी दिवस आगमन के प्रसंग पर ये बात कहना जरूरी है ताकि ये हिन्दी दिवस सिर्फ एक रस्म अदायगी बन कर न रह जाए।

(देश की संस्कृति, भाषा और सभ्यता से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करने वाली पूजा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रिकारिता विश्विद्यालय में एम जे 3rd सेमेस्टर की छात्रा है. )