
—विनय कुमार विनायक
आठ दिसंबर इक्कीस
बुधवार को कैसा था दुर्दिन
भारत का वीर सपूत
महा सेनापति रावत विपिन
हेलिकॉप्टर क्रैश में
हम देशवासियों से गए छिन
हम सब हैं अति दीन मलिन
जिन्हें युद्ध भूमि में
हरा सका नहीं था कोई संगीन
भूलेगा नहीं देश हमारा
इस महान वीर सपूत का ऋण
हमारी पलकें नम है गम में
और हमारे चेहरे दुखी उदासीन
आखिरी विदाई हम देते
हे विपिन! हे रावत विपिन!
आप हो गए शहीद देश पर
दिनमान चांद बनकर
चमकें भारत के आसमान पर
आप सरीखे सेनानी के
बलबूते है देश हमारा स्वाधीन
हे अजर अमर महावीर विपिन!
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति:!
—विनय कुमार विनायक