व्यंग्य धन्य हुआ प्रभु! November 21, 2011 / November 28, 2011 by अशोक गौतम | 1 Comment on धन्य हुआ प्रभु! अशोक गौतम वे मेरे खास हैं या मैं उनका खास हूं ये तो मेरे राम को भी नहीं पता पर पर मेरा उनके साथ और उनका मेरे साथ चोली दामन का रिश्ता है। कभी वे चोली हो जाते हैं तो मैं दामन,तो कभी वे दामन हो जाते हैं तो मैं चोली। उनके बिना मेरा तनिक […] Read more » धन्य हुआ प्रभु!