व्यंग्य नानक दुखिया सब करोबार : व्यंग्य – अशोक गौतम October 26, 2009 / December 26, 2011 by अशोक गौतम | 2 Comments on नानक दुखिया सब करोबार : व्यंग्य – अशोक गौतम धुन के पक्के विक्रमार्क ने जन सभा में वर्करों द्वारा भेंट की तलवार कमर में लपेटी चुनरी में खोंस बेताल को ढूंढने महीनों से खराब स्ट्रीट लाइटों के साए में निकला ही था कि एक पेड़ की ओट से उसे किसीके सिसकने की मर्दाना आवाज सुनाई दी। विक्रमार्क ने कमर में ठूंसी तलवार निकाल हवा […] Read more » Ashok Gautam Nanak Dukhiya Karobar अशोक गौतम करोबार नानक नानक दुखिया सब करोबार व्यंग्य