धर्म-अध्यात्म पं. लेखराम की ऋषि दयानन्द से भेंट का देश व समाज पर प्रभाव March 8, 2021 / March 8, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment पं. लेखराम जी के 124 वे बलिदान दिवस 6 मार्च पर--मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।पंडित लेखराम जी स्वामी दयानन्द जी के प्रारम्भ के प्रमुख शिष्यों में से एक रहे जो वैदिक धर्म की रक्षा और प्रचार के अपने कार्यों के कारण इतिहास में अमर हैं। उन्होंने 17 मई, सन् 1881 को अजमेर में ऋषि दयानन्द से […] Read more » Impact of Pt Lekharam's meeting with sage Dayanand on the country and society पं. लेखराम
धर्म-अध्यात्म “स्वाध्याय करने से ज्ञान प्राप्ति सहित आत्मिक व सामाजिक उन्नति” November 14, 2018 / November 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य की आत्मा अनादि, नित्य, अविनाशी एवं अमर है। एकदेशी होने से यह अल्पज्ञ है। हमें नहीं पता कि पूर्वजन्म में हम मनुष्य ही थे या किसी अन्य योनि में थे। इस जन्म में हमें पूर्वजन्म की किसी बात की याद नहीं है। मनुष्य का स्वभाव पुरानी बातों को भूलने का है। […] Read more » “स्वाध्याय करने से ज्ञान प्राप्ति सहित आत्मिक व ऋषियों सहित ऋषि दयानन्द पं. लेखराम सामाजिक उन्नति” स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वर हमें मृत्यु से हटाकर अमृत वा मोक्ष की ओर ले चले’ November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, संसार भौतिक प्रगति करते हुए प्रतिदिन नई-नई खोजें कर रहा है और मनुष्य जीवन को सुखी व सुविधाओं से युक्त कर दिन प्रतिदिन नये-नये उपकरणों का निर्माण कर रहा है। संसार में अध्यात्मवाद और भौतिक वाद पर दृष्टि डालें तो पाते हैं कि संसार में अध्यात्मिकता न के बराबर है। सर्वत्र भौतिकवाद […] Read more » ‘ईश्वर हमें मृत्यु से हटाकर अमृत वा मोक्ष की ओर ले चले’ आचार्य डॉ. रामनाथ ऋषि दयानन्द पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. लेखराम स्वामी दर्शनानन्द स्वामी विद्यानन्द सरस्वती स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य सत्य ज्ञान वेद का प्रचार कर असत्य एवं अज्ञान को दूर करना” October 25, 2018 / October 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज एक धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, देश-समाज का रक्षक, अन्धविश्वासों से मुक्त तथा अन्धविश्वासों व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने वाला विश्व के इतिहास में अपूर्व संगठन है। विचार करने पर निष्कर्ष निकलता है कि आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करना है। विद्या किसे कहते हैं और […] Read more » आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार पं. कालूराम जी पं. गंगा प्रसाद उपाध्याय पं. गणपति शर्मा पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. बुद्धदेव मीरपुरी पं. लेखराम पं. शिवशंकर शर्मा महात्मा हंसराज स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती स्वामी विद्यानन्द सरस्वती स्वामी वेदानन्द तीर्थ स्वामी श्रद्धानन्द