धर्म-अध्यात्म वेदों और आर्यसमाज का प्रचार और प्रभाव January 2, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वाध्याय करते समय आज मन में विचार आया कि महर्षि दयानन्द ने गुरु विरजानन्द जी की आज्ञा से अज्ञान व अन्धविश्वासों का खण्डन-मण्डन और वैदिक मान्यताओं व सिद्धान्तों का प्रचार किया था। क्या कारण है कि इसका वह प्रभाव नहीं हुआ जो वह चाहते थे व होना चाहिये था? क्या महर्षि दयानन्द की वेदों पर […] Read more » Featured वेदों और आर्यसमाज का प्रचार और प्रभाव