आज का आदमी,आदमी कहाँ रह गया है वह तो आज की,चकाचोंध में बह गया है अगर आज, आदमी,आदमी होता तो वह आज की चकाचोंध में न बहता आज के आदमी में,आदमियत निकल चुकी है वह तो आज स्वार्थ के हाथो बिक चुकी है अगर आज आदमी में स्वार्थ न होता तो वह आज आदमियत से बंधा होता आज आदमी,आदमी से कहाँ मिलता है वह तो आज अपने मतलब से मिलता है अगर आज आदमी मतलबी न होता तो हर आदमी, हर आदमी से मिलता अगर आज आदमी,आदमी ही होता उसमे इर्ष्या,घर्णा,स्वार्थ भरा न होता कितना अच्छा होता जो आदमी आदमी ही होता तो सारा संसार कितना सुखमय होता आर के रस्तोगी
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संपर्क : 9971006425
Aankhe Kholo ab Adami andha ho gayaa.hai.
Kuchh Kutton se hi Sikh lo.
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Rastogi ji.Dhanyavad ….Ek Imandar kavita ke lie.
LIKHATE RAHIE… Jagate rahie.