रामस्वरूप रावतसरे
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने राज्य सरकार की सिफारिश पर आईपीएस उत्कल रंजन साहू (यूआर साहू) को राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए साहू ने पिछले दिनों ही राज्य के पुलिस महानिदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था। अब राज्य सरकार के निर्देश मिलते ही साहू अजमेर आकर आयोग के अध्यक्ष का पद संभाल लेंगे। राज्यपाल के नियुक्ति आदेश के बाद यूआर साहू ने कहा कि उनके लिए यह सम्मान की बात है कि सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने कहा कि आयोग में पूर्व में हुई गड़बडिय़ों पर वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन इतना जरूर कहना चाहते हैं कि पिछले डेढ़ वर्ष में (भाजपा शासन) आयोग में सराहनीय कार्य हुआ है। इस डेढ़ वर्ष की अवधि में किसी भी परीक्षा का न तो प्रश्न पत्र लीक हुआ और न ही परीक्षा में गड़बड़ी का कोई समाचार सामने आया जबकि इससे पूर्व में जो गड़बडिय़ां हुई उनकी जांच एसआईटी ने की है। उन्होंने माना कि एसआईटी की जांच डीजीपी के तौर पर उन्हीं के दिशा निर्देश पर हुई थी। एसआईटी ने जांच का काम बखूबी किया है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि आयोग में परीक्षाएं नियमित तिथियों पर हों और परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहे, जो युवा परीक्षा देता है वह यह भी उम्मीद करता है कि ईमानदारी से चयन प्रक्रिया हो।
श्री साहू के अनुसार ’’मेरा प्रयास होगा कि परीक्षार्थियों का भरोसा आयोग पर बना रहे। जहां तक जनता में मेरी ईमानदार छवि का सवाल है तो जनता ने मुझे डीजीपी और अन्य पदों पर काम करते हुए देखा है।’’ यहां यह उल्लेखनीय है कि यूआर साहू की नियुक्ति ऐसे समय में हुई जब आयोग बदनामी के दौर से गुजर रहा है। बाबूलाल कटारा जैसे सदस्य को प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है तो पूर्व सदस्य रामूराम राईका पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। आयोग में पिछले दस माह से अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा था जिसकी वजह से आयोग का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। आयोग में मौजूदा समय में पांच सदस्य हैं। अध्यक्ष का काम केसी मीणा संभाल रहे थे लेकिन स्थाई अध्यक्ष न होने के कारण इंटरव्यू प्रक्रिया में भी विलंब हो रहा था। उम्मीद है कि एक दो दिन में ही यूआर साहू आयोग के अध्यक्ष का पद संभाल लेंगे।
आरपीएससी में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं किए जाने पर कांग्रेस ने कई बार भाजपा सरकार पर सवाल उठाए थे। एक दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि भाजपा सरकार युवाओं के साथ छलावा कर रही है। गहलोत ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार आरपीएससी में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पा रही है। अध्यक्ष के नहीं होने से भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लग रहा है। इन दिनों आरपीएससी में आरएएस भर्ती 2023 के इंटरव्यू भी चल रहे हैं। आरएएस भर्ती 2024 की मुख्य परीक्षा सहित कई भर्ती परीक्षाएं भी आगामी दिनों में होने वाली है।
आरपीएससी के नए चेयरमैन यूआर साहू ओडिशा के रहने वाले हैं। वे राजस्थान के सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी होने के साथ पुलिस महानिदेशक भी हैं। राज्य सरकार की सिफारिश के बाद राज्यपाल महोदय ने साहू की नियुक्ति आरपीएससी के अध्यक्ष पद पर की है। अब पुलिस महानिदेशक के पद से त्याग पत्र देकर वे आरपीएससी अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे। साहू फरवरी 2024 में राजस्थान पुलिस के महानिदेशक बने थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद उमेश मिश्रा द्वारा वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने के बाद यूआर साहू डीजीपी बने थे।
उत्कल रंजन साहू वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं। 61 वर्षीय साहू की गिनती प्रदेश के ईमानदार अफसरों में रही है। इसी वजह से राज्य सरकार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है। राजस्थान में प्रशासनिक पदों पर अफसरों की भर्ती करने का जिम्मा राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास है। ऐसे में योग्य अफसरों का चयन करना आरपीएससी की जिम्मेदारी है। पिछले कुछ वर्षों से आरपीएससी की छवि काफी धूमिल हुई क्योंकि आरपीएससी के सदस्यों द्वारा ही प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर बेचे जाने के आरोप लगे। पूर्व सदस्यों की गिरफ्तारियां भी हुई। अब साहू की जिम्मेदारी है कि वे आरपीएससी की छवि में सकारात्मक सुधार लाए।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री होल्डर यूआर साहू वर्ष 2020 में ही डीजी रैंक के अफसर बन गए थे। डीजी रैंक मिलने के बाद करीब चार महीने तक वे पुलिस प्लानिंग, मॉडर्नाइजेशन और वेलफेयर की जिम्मेदारी निभाते रहे। बाद में करीब दो महीने तक वे डीजी होमगार्ड भी रहे। 10 फरवरी 2024 को भजनलाल सरकार ने उन्हें पुलिस मुखिया की जिम्मेदारी दी। पिछले करीब 15 महीनों से साहू पुलिस मुखिया के पद पर कार्यरत हैं। अब वे नई पारी शुरू करने वाले हैं।
अमूमन प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं देने जाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली जिम्मेदारियों को निभाते हैं लेकिन यूआर साहू ऐसे अफसरों में से हैं जो कभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं गए। आईपीएस बनने से बाद से लेकर डीजीपी तक की सेवाएं उन्होंने राजस्थान में ही दी है। बेहतरीन कामकाज के लिए इन्हें जनवरी 2016 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले वर्ष 2005 में इन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
यूआर साहू आठ जिलों में एसपी रह चुके हैं। सबसे पहले फरवरी 1994 से जून 1995 तक वे धौलपुर के एसपी रहे बाद में सीमावर्ती जिले बाड़मेर में करीब दो साल तक एसपी रहे। फिर हनुमानगढ, सीकर, बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा और जोधपुर में भी एसपी की जिम्मेदारी निभाई। आईजी के पद पर पदोन्नत होने के बाद वे करीब पौने दो साल तक एसीबी की विजिलेंस विंग में भी रहे।
श्री साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने से उम्मीद की जा सकती है कि अब आयोग का कामकाज पूर्णतया निष्पक्षता एवं पादर्शिता से होगा। अब तक आरपीएससी पर लगे दाग गहराने के बजाय साफ होने का काम होगा। आयोग के अन्दर हो रहे भ्रष्ट कारनामों से प्रदेश के बेरोजगारों एवं आमजन का जो विश्वास से उठ गया था, वह पुनः स्थापित होगा।
रामस्वरूप रावतसरे