
जो देशद्रोह की बात करते हो
उन्हें रहने का अधिकार नहीं |
जो मांगे दुश्मनो से सहायता,
वे व्यक्ति हमे स्वीकार नहीं ||
जो कबर में पैर लटकाये बैठे है ,
जन्नत की तमन्ना लगाये बैठे है |
जन्नत है खुद कश्मीर भारत का ,
चायना पर आस लगाये बैठे है ||
जो देश की संसद का कानून न माने ,
उसे संसद में जाने का अधिकार नहीं |
जो सविंधान की कसमै खा कर भी ,
उसका सम्मान करने को तैयार नहीं ,||
ऐसे सांसदों को संसद से बाहर करो ,
और देश भी उनको अब बाहर करो ||
जो खाते है इस देश का अन्न
लगाते है दूसरे देश से मन |
अपने जाने का वे प्रबंध करे ,
और यहां से वे प्रस्थान करे ||
जो आंतकियो को शह देते हो ,
उनका यहाँ कोई काम नहीं |
जो खाते है मुफ्त का राशन ,
मुफ्तखोरों का यहाँ काम नहीं ||
अगर दम हो तुम में इतना ,
चीन और पाक जाकर दिखाओ
अपने प्रेमी देश में जाकर वहां
भारत जिन्दबाद के नारे जरा
तुम लगाकर वहाँ दिखाओ ||
आर के रस्तोगी