राजस्थान-सरकार के लिए चुनौती बनते ’’बाबा’’ झुकेगें या झुकायेंगे

रामस्वरूप रावतसरे

भाजपा के वरिष्ठ नेता और भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को पार्टी द्वारा नोटिस दिया गया है। नोटिस में आरोप है कि उन्होंने मंत्रिपरिषद से इस्तीफ़े की खबर अखबारों में छपवाई। उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाजपा सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया जो गलत है। पार्टी का कहना है कि मीणा के बयान से भाजपा सरकार की छवि ख़राब हुई है। यह पार्टी के संविधान के खिलाफ़ है।

   नोटिस में आगे लिखा है, ’’आपने पिछले दिनों मंत्रिपरिषद से इस्तीफे की खबर न्यूज पेपर में छपवाने के लिए उपलब्ध करवाई और सार्वजनिक रूप से बयान देकर भाजपा नीत सरकार पर फोन टैप कराने का आरोप लगाया, जो असत्य है।’’ पार्टी ने साफ़ किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मीणा के बयान को अनुशासनहीनता माना है। इसीलिए यह नोटिस भेजा जा रहा है। मीणा को तीन दिन में जवाब देना होगा वरना माना जाएगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है।

     पिछले दिनों एक वीडियो सामने आया जिसमें डॉ. किरोड़ी कहते सुनाई दे रहे हैं कि सरकार उनकी जासूसी  कर रही है। उन्होंने फोन टैप किए जाने की बात भी कही और साथ में यह भी कहा कि वे डरने वाले नहीं है। जैसे ही बाबा का यह वीडियो सामने आया तो विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया। सदन में भारी हंगामा हुआ और सरकार की किरकिरी भी हुई। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा किया हो। पिछले एक साल में ऐसा अनेक बार हुए जब बाबा ने अपनी ही सरकार पर जुबानी हमले किए।

  जानकारों का कहना है कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा सरकार बनने के वक्त से ही नाराज हैं। सबसे जूनियर नेता को मुख्यमंत्री बनाने और सीनियर नेताओं को पीछे धकेलने से ही डॉ. किरोड़ीलाल मीणा नाराज हो गए थे। जब भजनलाल शर्मा का नाम मुख्यमंत्री के लिए ऐलान किया गया तब बाबा के समर्थकों ने भाजपा मुख्यालय के बाहर जबरदस्त हंगामा किया था। बाद में मंत्री बनाने के बाद जब उन्हें आधे अधूरे विभाग मिले, उनको दिए गए कृषि विभाग के साथ वाले विभाग दूसरे मंत्री को दे दिए गए। लोकसभा चुनाव तक बाबा शांत रहे लेकिन लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा तो सरकार से नाराजगी की वजह से दिया लेकिन बहाना पार्टी की हार का बना दिया गया।

   डॉ. किरोड़ीलाल मीणा एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में लंबा आंदोलन कर चुके हैं।  प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले की परतें खुलती गई। 51 ट्रेनी एसआई, आरपीएससी के वर्तमान और पूर्व सदस्य सहित 80 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हुए। डॉ. मीणा ने इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की। शुरुआती दिनों में ही वे मुख्यमंत्री भजनलाल से मिले और भर्ती को रद्द करने की मांग की लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। बताया जाता है बार बार आग्रह करने के बाद भी जब सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो बाबा सरकार के खिलाफ मीडिया में बयान देने लगे कि यह उनकी समझ से परे है कि भर्ती को रद्द क्यों नहीं किया जा रहा। डॉ. मीणा ने एसआई भर्ती को लेकर भाजपा सरकार को कटघरे में भी खड़ा किया।

      जानकार लोगों का कहना है कि बाबा को राजी करने के लिए पार्टी ने उनके छोटे भाई जगमोहन मीणा को विधानसभा उपचुनाव में टिकट दिया लेकिन वे चुनाव जीत नहीं सके। भाई की हार से डॉ. मीणा काफी आहत हुए। जगमोहन की हार के लिए बाबा ने भाजपा के नेताओं को ही जिम्मेदार ठहराया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जगमोहन को जीताने के लिए जोर नहीं लगाया। हार से नाराज बाबा ने नाम लिए बिना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर इशारों ही इशारों में बड़ा हमला किया था। बाबा ने कहा था कि मेरे भाई को अभिमन्यू की तरह घेर कर मारा गया। भाई बनाकर पीठ में छूरा घोंपा है।

    करीब दो महीने पहले डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का महेश नगर थाने की तत्कालीन एसएचओ कविता शर्मा से विवाद हो गया। एसएचओ कविता शर्मा और केबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के बहस करते हुए का वीडियो भी सामने आया। बाद में एसएचओ ने मंत्री के खिलाफ रोजनामचे में रपट डाल दी। इसके बाद डॉ. मीणा ने भी एसएचओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंत्री मीडिया से रूबरू हुए और एसएचओ कविता शर्मा के काले कारनामों को सामने रखा। उन्होंने एसएचओ कविता शर्मा को तुरंत हटाने की मांग की लेकिन सरकार ने मंत्री के द्वारा उठाए गए मुद्दों को अनदेखा कर दिया। इस पर प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि सरकार में उनकी सुनवाई नहीं होती, इसीलिए वे मीडिया के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं।

      31 जनवरी को जब विधानसभा के बजट सत्र का शुभारम्भ हुआ, उस दिन डॉ. मीणा सदन में पहुंचे। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मौजूद रहे। दोपहर को वे मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में भी उनका अपमान हुआ और वर्तमान सरकार में भी अपमान हो रहा है। बाबा के अनुसार जिन मुद्दों को लेकर हम सत्ता में आए है उन मुद्दों को भुला दिया गया है। पेपर लीक होना साबित होने के बावजूद भर्ती को रद्द नहीं किया जा रहा। सरकार की आंखों के सामने रोज करोड़ की बजरी चोरी हो रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। डॉ. मीणा के अनुसार जमाना मिलावट का है लेकिन वे हां में हां मिलाने वाले नेताओं में नहीं है।

   डॉ. किरोड़ीलाल मीणा कैबिनेट मंत्री हैं। उनके पास कृषि विभाग का अहम जिम्मा है लेकिन जुलाई 2024 में हुए विधानसभा सत्र में भी उन्होंने सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी ले ली थी। 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू हो गया लेकिन 1 फरवरी से उन्होंने सदन से छुट्टी ले ली। उनके विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दूसरे मंत्रियों को देने पड़ रहे हैं। डॉ. मीणा सरकार से नाराज हैं। इसलिए वे विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। 31 जनवरी को उन्होंने साफ कह दिया कि सरकार में गंभीर रूप से भ्रष्टाचार हो रहा है। आने वाले दिनों में वे बड़े खुलासे करेंगे।

  डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भाजपा संगठन को क्या बताना चाहते है, यह वे भी स्पष्ट नहीं कर पाये है लेकिन जिस प्रकार वे कर रहे हैं , उसके अनुसार आने वाले समय में उन्हें सत्ता और संगठन से बाहर भी किया जा सकता है। वे जुझारू , स्वाभिमानी, सत्यनिष्ठ राजनेता है पर सरकार में रह कर सरकार के खिलाफ बोलना कितना उचित है। खैर बाबा के इस प्रकार बोलने के पीछे उनका असली मकसद क्या है, यह तो वे ही जाने लेकिन सियासी पंडितों का मानना है कि इस में बाबा का ही अधिक नुकसान होने की संभावना है।

रामस्वरूप रावतसरे

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