योगगुरू बाबा रामदेव ने सरकार को औक़ात बतादी है!

इक़बाल हिंदुस्तानी

बाबा को घेरने का षडयंत्र नाकाम होने से सरकार नतमस्तक!

सरकार अब बाबा रामदेव के अभियान पर सफार्इ देती नज़र आ रही है। उसका कहना है कि कालेधन के प्रवाह पर नज़र रखने के लिये 16 देशों से बातचीत पूरी हो चुकी है। हालांकि सरकार ने अभी यह साफ नहीं किया है कि यह अवैध धन किनका और कितना है। यह जानकारी अभी गोपनीयता के बहाने सरकार सूचना के अधिकार में भी किसी को देने को तैयार नहीं है। वित्त मंत्रालय का दावा है कि सरकार ने बहामास, बरमूडा, बि्रटिश वर्जिन आइसलैंडस, आइजाल आफ मैन, केमैन आइलैंड, जर्सी, मोनाको, सेंट किटस ऐंड नेविस, अर्जेंटीना, कोस्टारिका, गुरेंसे, मकाउू, लाइबेरिया, मार्शल आइलैंडस, कांगो और जिब्राल्टर से कालेधन को लेकर जानकारी हासिल कर ली है। इतना ही नहीं सरकार का कहना है कि इनमें से नौ देशों के साथ कालेधन को वापस देश में लाने के सम्बंध में सरकार ने समझौते को कैबिनेट के ज़रिये मंज़ूरी भी दे दी है। टैक्स इंफोर्मेशन एक्सचेंज एग्रीमेंट पर दस्तख़त के बाद सरकार ने इस समझौते को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया है। हालांकि दुनियाभर में कालाधन रखने के लिये 91 सुरक्षित केंद्र माने जाते हैं लेकिन इसके सबसे बड़े गढ़ मारीशस, सशेल्स, मकाउफ, थाइलैंड, सिंगापुर और हांगकांग ब्लैकमनी रखने वालों का सबसे अधिक पसंदीदा देश माने जाते है। वित्त मंत्रालय ने कालेधन की रकम को लेकर कोर्इ जवाब आरटीआर्इ में भी नहीं दिया है लेकिन फिर भी एक अनुमान के अनुसार सरकार ने भी यह माना है कि यह रकम 500 से लेकर 1400 अरब डालर तक हो सकती है।

भ्रष्टाचार में गले तक डूबी यूपीए सरकार इस मामले में वास्तव में कितनी गंभीर है यह तो दावे से नहीं कहा जा सकता है लेकिन यह तय है कि सरकार ने चूंकि अपनी नैतिक सत्ता खो दी है जिससे वह बाबा पर जांच और आरोपों का दबाव बनाने का हथकंडा कमज़ोर पड़ता देख अब बचाव की मुद्रा में आती लग रही है। सरकार यह सच्चार्इ भूल रही थी कि उसकी साख जनता में पूरी तरह रसातल में जा चुकी है जिससे वह चाहे जितने घिनौने और घटिया आरोप बाबा, उनके ट्रस्ट और उनके पीए पर लगाले उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। सरकार आज तक एक भी आरोप पूरी तरह से सही साबित नहीं कर पार्इ है। बाबा ने पूरी दुनिया को घर बैठे आयुर्वेद और योग के ज़रिये जो बेहतर स्वास्थ्य का उपहार भारतीय संस्कृति के रूप में दिया है उससे उनके भक्तों में दिन ब दिन बढ़ोत्तरी ही हो रही है। अगर यह मान भी लिया जाये कि बाबा ने कुछ गड़बड़ी और गैर कानूनी काम किये है तो सरकार से यह भी पूछा जायेगा कि वह अब तक चुप्पी क्यों साधे थी? क्या उसको तभी किसी के गलत काम नज़र आते हैं जब कोर्इ उसके खिलाफ खड़ा होने का साहस करता है। आंध्र प्रदेश में वाइएसआर का मामला अधिक पुराना नहीं है। कहां तो वाइएसआर की जीतोड़ मेहनत और संघर्ष से कांग्रेस वहां सत्ता में आर्इ और जब उनकी असामायिक मौत हो गयी तो कांग्रेस ने उनके बेटे जगन मोहन रेडडी को वंशवाद की दुहार्इ देकर पहले तो सीएम बनने से रोका और जब जगन ने इसके खिलाफ बगावत की तो उनके खिलाफ सीबीआर्इ का शिकंजा कसना शुरू कर दिया। कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी को न तो अपना वंशवाद नज़र आया और न ही जगन की बतार्इ जा रही वह दौलत तब दिखार्इ दी जब उनके पिता वाइ एस राजशेखर रेडडी उसको सीएम रहते कमा रहे थे। यही काम कांग्रेस लालू, मुलायम और मायावती के साथ खूबसूरती से करती रही है, जिससे डरकर ये बिना मांगे यूपीए सरकार को समर्थन देने की बार बार रट लगाते रहते हैं। कांग्रेस को एक बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिये कि बाबा की जो छवि, श्रध्दा और सम्मान जनता में है उससे जैसे जैसे चुनाव करीब आयेगा बाबा का आंदोलन रंग लाता जायेगा और सरकार कटघरे में घिरती जायेगी। आज नहीं तो कल सरकार को बाबा के साथ किये गये गलत व्यवहार के लिये ठीक उसी तरह से क्षमायाचना करनी होगी जैसे मनीष तिवारी ने अन्ना हज़ारे से की थी।

विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिये 20 सितंबर से योगगुरू बाबा रामदेव ने यूपी के झांसी से एक लाख कि0 मी0 की अपनी भारत स्वाभिमान यात्रा आरंभ कर उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड होकर पंजाब होते हुए पूरे देश में घूमने प्रोग्राम बनाया है। उनका कहना है कि इस बार सरकार दिल्ली के आंदोलन को कुचलने की गल्ती नहीं दोहरायेगी। खास बात यह है कि बाबा सरकार की बदले की कार्यवाही और दबाव के सामने झुकने और डरने को तैयार नहीं हैं। जो लोग बाबा को अच्छी तरह जानते हैं उनको पता है कि बाबा ने जो संकल्प लिया है उसको पूरा किये बिना वह चैन से नहीं बैठने वाले। यह ठीक है कि पिछली बार अनशन के दौरान वह यूपीए सरकार पर विश्वास करके धोखा खा चुके हैं लेकिन अगर इतिहास के हिसाब से देखा जाये तो ऐसी घटनाएं बार बार होती रही हैं जब राजसत्ताएं अपने खिलाफ उठने वाली आवाज़ों को दबाने के लिये पूरी बेशर्मी और धूर्तता से लोकतंत्र और जनता की मांगों को न केवल अनसुना करती रही हैं बलिक भविष्य के लिये अपनी कुर्सी को ख़तरा मानकर हर उस आदमी को नीचा दिखाने की घिनौनी कोशिश करती रही हैं जिससे उनकी सत्ता के उखड़ जाने का ज़रा सा भी खतरा नज़र आता है। योगगुरू का देशवासियों को दो वर्गों में बांटना ठीक ही लगता है कि एक वर्ग तो पूरी तरह र्इमानदार है जबकि दूसरा वर्ग बेर्इमान है। यह सीध सा गणित है कि कोर्इ भी र्इमानदार आदमी इस जंग में बाबा का साथ ही देगा। दरअसल विदेशी बैंकों में जमा देश का चार लाख करोड़ रूपया इतनी बड़ी रकम है कि इस मुददे पर बाबा का साथ न देना अपने आप देशहित के खिलाफ जाता है।

बहुत कम लोगों को इस बात का अहसास होगा कि पिछले महीने दिल्ली में अन्ना हज़ारे का भ्रष्टाचार के खिलाफ जो आंदोलन सफल होता नज़र आ रहा है उसमें बाबा का भी एक बड़ा योगदान रहा है। दरअसल अन्ना की टीम में शामिल अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी जैसे लोगों ने बाबा के आंदोलन का दमन होने से जनता में पैदा हुयी नाराज़गी और गुस्से को जितनी खूबसूरती से अन्ना के अनशन के लिये सही समय पर बेहतर प्रबंधन से प्रयोग किया उससे जनलोकपाल बिल के मसौदे पर संसद प्रस्ताव पास करने को मजबूर हुयी। खुद सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से इस बारे में जवाब तलब किया था कि आध्ी रात को महिलाओं, बच्चो और बूढ़ों को बिना मैदान खाली करने की चेतावनी और पर्याप्त समय दिये लाठी चार्ज करने का क्या मतलब था? क्या हमारे देश में तानाशाही है? सरकार आतंकवादियों और नक्सलवादियों से हिंसा करने के बावजूद दोहरी होकर और उनकी शर्तों पर बिछकर बात करती है जबकि बाबा के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिये सरकार ने सभ्यता और शालीनता की सारी हदें पार करते हुए जनता को ऐसे कुचला था मानो ये लोग भारतवासी न होकर विदेशी घुसपैठिये हों। सरकार शायद इस बार बाबा की स्वाभिमान यात्रा से भयभीत होने के बावजूद सोच समझकर कोर्इ कार्यवाही करेगी।

आज सड़कों पर लिखे सैकड़ों नारे न देख,

घर अंध्ेरे देख तू आकाश के तारे न देख ।।

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इक़बाल हिंदुस्तानी
लेखक 13 वर्षों से हिंदी पाक्षिक पब्लिक ऑब्ज़र्वर का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं। दैनिक बिजनौर टाइम्स ग्रुप में तीन साल संपादन कर चुके हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अब तक 1000 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आकाशवाणी नजीबाबाद पर एक दशक से अधिक अस्थायी कम्पेयर और एनाउंसर रह चुके हैं। रेडियो जर्मनी की हिंदी सेवा में इराक युद्ध पर भारत के युवा पत्रकार के रूप में 15 मिनट के विशेष कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ लेखक के रूप में जानेमाने हिंदी साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार जी द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। हिंदी ग़ज़लकार के रूप में दुष्यंत त्यागी एवार्ड से सम्मानित किये जा चुके हैं। स्थानीय नगरपालिका और विधानसभा चुनाव में 1991 से मतगणना पूर्व चुनावी सर्वे और संभावित परिणाम सटीक साबित होते रहे हैं। साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता के लिये होली मिलन और ईद मिलन का 1992 से संयोजन और सफल संचालन कर रहे हैं। मोबाइल न. 09412117990

7 COMMENTS

  1. “जो लोग बाबा को अच्छी तरह जानते हैं उनको पता है कि बाबा ने जो संकल्प लिया है उसको पूरा किये बिना वह चैन से नहीं बैठने वाले। ”
    (हाँ यह सौ टक्का सही है मैं उनमे से एक हूँ.)
    दरअसल विदेशी बैंकों में जमा देश का चार लाख करोड़ रूपया इतनी बड़ी रकम है कि इस मुददे पर बाबा का साथ न देना अपने आप देशहित के खिलाफ जाता है।
    यह बात भी उतनी ही सच है जितना रोज़ सूरज का निकलना. भले ही थोड़ी देर के लिए बादल उसे ढक ले पर उसके निकलने को रोक नहीं सकते, एक दिन ये देश-द्रोही लोग पराजित होंगे ही, इस अति उत्तम लेख की जितनी तारीफ़ करूं कम है.

  2. वाह री भारत सरकार धन्य है तू और तेरा भ्रष्टाचार
    ************************************************
    ‘मुस्लिमों से वोटिंग राइट छीन लो’ पर फंसे स्वामी, केस दर्ज, हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल करने वाले स्वामी ने अखबार में लिखे अपने लेख में कहा था कि हिंदुओं को सामूहिक रूप से आतंकवादी वारदातों का जवाब देना चाहिए।
    ****************************************************क्या ग़लत कह रहे है स्वामी ,देश के भ्रष्ट नेता मंत्री , संतरी,और अधिकारी अर्थ का अनर्थ मतलब निकालकर स्वामी को अंधे क़ानून के जाल मे फँसा रहे है | स्वामी के लेख का सीधा सा मतलब है की आतंकवादियो और भारत मे उनको सुविधाए देने वाले मुसलमानो को मतदान का कोई अधिकार नही है | दूसरी बात भारत के संविधान मे सबको आत्म रक्षा का अधिकार दिया है इसलिए हिंदुओं को सामूहिक रूप से आतंकवादी वारदातों का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के भ्रष्ट नेता बताये की क्या हिन्दुओ ने आतंकवादियों के हाथो कुत्ते ,बिल्लियों के तरह मरने के लिए जन्म लिया है भारत भूमि पर …….या तो कांग्रेस अपने १३ करोड़ पाकिस्तानी/बंगलादेशी विदेशी आतंकवादी मतदाताओं को इंसानियत का पाठ पढाये ,जियो और जीने दो या हिन्दुओ को भारतीय संविधान में दिए आत्म रक्षा के अधिकार के तहत आत्म रक्षा के लिए हथियार उठाने पर मजबूर नहीं करे ….पहले देश से १३ करोड़ पाकिस्तानी /बंगलादेशी विदेशी इंडियन मुहाजीर आतंकवादी मुसलमानों एवं आतंकवादियों की मदद करने वाले मुसलमानों को देश से बाहर निकाले….नहीं तो कुर्सी छोड़कर तिहार जेल में आराम से पत्थर तोड़े ……..
    सरकारी व्यापार भ्रष्टाचार

  3. एक सर्वे के अनुसार ५४ % लोग भ्रष्टाचार को बुरा नहीं मानते . ज़ाहिर है ऐसे लोग बाबा के अभियान से उदासीन हैं. अन्ना के मुद्दे आम आदमी की रोज़ मर्रा की जिंदगी से जुड़े हैं जब की बाबा का मुद्दा व्यापक राष्ट्रिय हित का है .. और सीधा कांग्रेस और इसकी महारानी पर प्रहार करता है. इसी लिए सरकार बाबा से जियादा बौखला गई और अत्याचार पर उतर आई. .. सटीक और यथार्थवादी विवेचना के लिए आपकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है… जय भारत.

  4. बहुत अच्छा लिखा है आपने.
    दिल खुश हो गया.
    आप जैसे लेख लिखने वालो की आज देश को बहुत जरुरत है.

  5. इक़बाल साहब नमस्कार

    तथ्यपरक प्रमाणिक निष्पक्ष राय राख्ने के लिए बधाई

    हालाँकि बाबा से मेरा कोई जुडाव नहीं है जुडाव बस इतना है की एक बाबा

    (बाबा की जगह यदि कोई मौलवी या पादरी होता तो उसके साथ भी यही जुडाव होता )

    देश की सर्व सक्षम भ्रस्ताचारी निजाम को सरे राह गरिया रहा है और निजाम उसका बलाबंका नहीं कर प् रही है आखिर कुछ तो है इस बाबा में बाबा सत्य के साथ है न की जाती धर्म के और सत्य आज सबको पता चल चूका है या जो लोग अभी भी सो रहे है उन्हें आनेवाले दिनों में पता चल जायेगा की यह कांग्रेश केवल और केवल देश को जाती धर्म के नाम पर विभाजित कर देश को बर्बाद करने पर तुली है .

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