कविता साहित्‍य

क्योंकि  मोबाइल है…

घड़ी पहनने की आदत छूट गई,

पहले पैन साथ लेके चलते थे

वो आदत भी छूट गई अब तो

क्योंकि मोबाइल है……,,

कैमरे की भी ज़रूरत नहीं है अब,

पहले वीडियो बनाना मुश्किल था,

अब स्टिंग इतने होते हैं

क्योंकि मोबाइल है………….

पहले कैसेट सी डी से गाने सुनतेथे

साथ बैठकर रेडियो भी सुनते थे

अब हर बंद कान में गाने बजते है,

क्योंकि मोबाइल है………..

चिठ्ठी पत्री लिखना तो बंद है कबसे,

अब तो लैंडलाइन की भी न कद्र है कोई

कौन डायरी में जाकर नम्बर ढूँढ़े

क्योंकि मोबाइल है……..

ई मेल भी मोबाइल पर,

फेसबुक भी मोबाइल पर

टैबलेट भी भारी लगने लगा

क्योकि मोबाइल है……….

मां ने दुकान पर कपड़े देखे

तीन फोटो खींचे व्हट्सअप पर भेजे

बेटी ने एक पसन्द किया

क्योंकि मोबाइल है…………

और न जाने क्या क्या है

इस मोबाइल में

आदमी ज़िन्दा है शायद आज

क्योकि मोबाइल है…….