4 मार्च 2020 (शनिवार) से लग रहा है खरमास

बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य, नहीं गूंजेगी शहनाई….

धनु एवं मीन राशि में सूर्य देव के प्रवेश करने से खरमास लगता है। इस वर्ष 14 मार्च (शनिवार) 2020 से खरमास शुरू हो रहा है, जो एक माह तक रहेगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे। इस दौरान विवाह भी नहीं होगा। खरमास के समय आप को भगवान सूर्य और श्री हरि विष्णु की आराधना करनी चाहिए।

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करता है, तब-तब खरमास या मलमास लग जाता है। समस्त शुभ कार्यों के लिए बृहस्पति का साक्षी और शुद्ध होना आवश्यक है, किंतु सूर्य के बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करने से बृहस्पति अस्त के समान फल देने लगता है इसलिए इस एक माह के अंतराल में शुभ कार्य, विशेषकर विवाह आदि पर प्रतिबंध लग जाता है।सूर्य 14 मार्च से मीन राशि में प्रवेश कर रहा है इसलिए एक माह के लिए खरमास प्रारंभ हो जाएगा।

इस समय लगेगा खरमास–

इस वर्ष मार्च में खरमास 14 मार्च को लगेगा। इस दिन दोपहर 02 बजकर 23 मिनट पर सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 14 मार्च 2020 से 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा।

खरमास को लेकर कई तरह की मान्‍यताएं प्रचलित हैं जैसे सूर्य अपने तेज को अपने गुरु के घर में पहुंचते ही समेट लेता है। अपने प्रभाव को छिपा लेता है और गुरु को साष्टांग नमन कर प्रभावहीन हो जाता है। ऊर्जा के देवता के प्रभावहीन हो जाने पर समस्त शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं, क्योंकि किसी भी कार्य में ऊर्जा की जरूरत होती है।

यह रहेगा खरमास समाप्ति का समय–

इस वर्ष खरमास 14 मार्च से 13 अप्रैल तक है, जो एक माह के लिए रहेगा। 14 अप्रैल 2020  से विवाह, मुंडन, हवन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।

जाने वर्ष 2020 में विवाह के शेष शुभ मुहूर्त को—

अप्रैल: चौथे माह में विवाह के लिए केवल 4 शुभ मुहूर्त है। 14, 15, 25 और 26।

मई: इस माह में शादी के लिए कुल 16 मुहूर्त हैं। 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 18, 19, 23, 24 और 25।

जून: जून में विवाह के लिए विवाह के 9 मुहूर्त हैं। 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29 और 30।

नवंबर: साल के 11वें माह में विवाह के केवल 3 मुहूर्त हैं। 26, 29 और 30।

दिसंबर: साल 2020 के आखिरी माह में विवाह के 8 मुहूर्त हैं। 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10 और 11।

जानिए क्यों हुआ नाम “खरमास” —

इस माह का नाम खरमास होने के पीछे एक कथा प्रचलित है। सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ में भ्रमण कर रहे थे। घूमते घूमते अचानक उनके घोड़े प्यास बुझाने के लिए तालाब के किनारे पानी पीने लगे। पानी पीने के बाद घोड़ों को आलस्‍य आ गया और तभी सूर्यदेव को स्मरण हुआ कि सृष्टि के नियमानुसार उन्हें निरंतर ऊर्जावान होकर चलते रहने का आदेश है।

जानिए खरमास में क्या करें—

खरमास के इन दिनों में दान पुण्य का विशेष महत्व है इसलिए इन दिनों में किया गया दान का विशेष फल प्राप्त होता है। खरमास के दौरान जितना संभव हो सके गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को दान करें। खरमास में सूर्य आराधना का विशेष महत्व है।

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी अनुसार खरमास के दिनों सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य आराधना करें । सूर्य आदित्य स्त्रोत और सूर्य मंत्रों का जाप करें। गर्मी का दौर शुरू हो चुका है इसलिए गाय को हरा चारा खिलाएं, गौसेवा करे और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

जानिए खरमास में क्या न करें–

जब भी हम कोई मांगलिक कार्य करते हैं तो उसके फलित होने के लिए गुरु का प्रबल होना जरूरी है। धनु एवं मीन बृहस्पति ग्रह की राशियां हैं। खरमास के समय सूर्य इन दोनों राशियों में होते हैं, इसलिए शुभ कार्य नहीं होते। खरमास में गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए बिजनेस का प्रारंभ, शादी, सगाई, वधू प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।खरमास के दौरान शुभ कार्यों का निषेध बताया गया है। इसलिए इन दिनों में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, नए कारोबार का प्रारंभ आदि कार्य नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इन दिनों मे प्रारंभ किए गए काम का अच्छा फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए खरमास या मलमास के दिनों में किसी भी शुभ कार्य को करने से परहेज करें और ज्यादा से ज्यादा समय उपासना में बिताएं।

इस बार खरमास में मनेगी नवरात्रि—

इस बार नवरात्रि का प्रारंभ खरमास में हो रहा है। चैत्र नवरात्रि 25 मार्च 2020, बुधवार से प्रारंभ हो रही है। इस दिन कलश स्थापना के सा​थ मां दुर्गा की आराधना प्रारंभ होगी। चैत्र नवमी 02 अप्रैल को है।चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 25 मार्च से है। चैत्र नवमी 2 अप्रैल 2020 को है। इन्हीं दिनों में चैती छठ जैसा महत्वपूर्ण पर्व भी मनेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here