क्षमा याचना

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दुखाया था दिल जो मैंने किसी का,
फल पा रहा हूं मै आज उसी का।

दुखाया न होता अगर दिल मैंने किसी का,
क्षमा याचना का मौका मिला है उसी का।

क्षमा कर देना मित्रो दुखाया था दिल जिसका,
माफ करने वाले का दिल बड़ा है मेरे से उसी का।

गलती करना मनुष्य का जन्म से स्वभाव है,
क्षमा करना बड़ों का भी एक स्वभाव है।

करते है बड़े ही क्षमा छोटे करते है उत्पात,
कर दो क्षमा उसे भी जो मारे तुम्हारे लात।

क्षमा करना भी एक धर्म है जैसे और धर्म,
क्षमा करना सीख लो ये भी मनुष्य का कर्म।

करते रहना सदा क्षमा मन में मैल न रखना,
इससे मन कभी मलीन न होगा ये याद रखना।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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