मुसलमानों से अपील

स्पेन यूरोप का एक समृद्ध् रोमन कैथोलिक देश था। था तो यह एक प्रायद्वीप लेकिन इसकी दक्षिणी सीमा के पास ही उत्तरी अफ़्रिका था, जो उस समय तक पूरी तरह एक इस्लामी साम्राज्य बन चुका था। सन्‌ ७११ में उत्तरी अफ़्रिका के मुस्लिम शासक ने स्पेन पर, जिसे उस समय आइबेरियन प्रायद्वीप कहा जाता था, पर इस्लाम की विस्तारवादी नीतियों के तहत आक्रमण कर दिया।आज का पुर्तगाल भी उस समय आइबेरियन प्रायद्वीप का हिस्सा था। सात साल तक चले लंबे युद्ध के बाद मुस्लिम शासकों ने स्पेन पर कब्ज़ा कर लिया। स्पेन के मूल निवासी ईसाई थे और कुछ संख्या यहुदियों की भी थी। मुस्लिम शासन के दौरान दोनों समुदायों के मतावलंबी दोयम दर्ज़े के नागरिक बन गए। उनकी धन-संपत्ति और औरतों पर मुसलमानों ने जबरन अधिकार करना शुरु कर दिया। स्पेन की औरतें बहुत सुंदर होती हैं। उन्हें पाने के लिए मुसलमानों ने चार-चार शादियाँ आरंभ कर दी। गैर मुस्लिम जनता भय से ग्रस्त और त्रस्त थी। अपनी माँ-बहन-बेटियों और जान-माल की रक्षा के लिए अधिकांश आबादी ने इस्लाम स्वीकार कर लिया। उनके पुराने चर्च और ऐतिहासिक स्मारक तोड़ दिए गए और उनके स्थान पर मस्ज़िदों का निर्माण कराया गया। इन सारी घटनाओं के कारण धर्म परिवर्तन के बाद भी स्पेनवासियों के हृदय में विद्रोह की आग सुलगती रही। जब सारा स्पेन इस्लाम स्वीकार कर रहा था, तभी कुछ देशभक्त और स्वाभिमानी ईसाइयों ने स्पेन के उत्तरी भाग में, जो दुर्गम पहाड़ियों से घिरा है, शरण ली और भारत के महाराणा प्रताप की तरह सदियों तक युद्ध करते रहे। उनका संपर्क स्पेन के मुख्य भाग के नागरिकों से निरन्तर बना रहा। जब-जब स्पेन के प्राचीन धरोहरों, चर्चों और धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करके मस्ज़िदें बनाई जाती थीं, स्पेन का स्वाभिमान आहत होता था, जो सन्‌ १४९२ में खुले विद्रोह के रूप में सामने आया और सन्‌ १५०२ में इसका परिणाम स्पेन से इस्लाम की विदाई के रूप में फलित हुआ स्पेनवासियों ने अपना पुराना ईसाई धर्म पुनः अपना लिया और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्वयं को स्थापित किया। आज वहाँ ईसाइयों की आबादी ९७% है।
भारत में इस्लाम की कहानी स्पेन से मिलती-जुलती है। यहाँ के मुसलमान भी मूलतः हिन्दू हैं। श्रीराम, श्रीकृष्ण और श्री शंकर उनके भी पूर्वज हैं। उनके पूर्वजों के पवित्र धर्मस्थलों को नष्ट कर उनके स्थान पर बनाई गईं मस्ज़िदों को देखकर उनक स्वाभिमान भी आहत होना चाहिए, उन्हें भी वेदना होनी चाहिए।
भारत के मुसलमानो! जागो। इतिहास और सत्य को स्वीकार करो। अपनी खोई हुई पहचान प्राप्त करो। अपनी जड़ों की ओर लौट आओ जो गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि पवित्र नदियों के जल से सिंचित होती हैं। भारत माता तुम्हारी भी माँ हैं। इनकी चरणों में बैठकर अपने पूर्वजों का ध्यान करो। उज्ज्वल भविष्य तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है। समय और अवसर बार-बार नहीं आते। इसका उपयोग करो। हिन्दुस्तान ही नहीं, पाकिस्तान और बांग्ला देश भी तुम्हारा है।

1 COMMENT

  1. हिन्दुस्तान ही नहीं, पाकिस्तान और बांग्ला देश भी तुम्हारा, हमारा, और हम सभी भारतीय मूल के निवासियों का है जिनके पूर्वज सनातन धर्म की अनुयायी रहे हैं|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here