अंततः आतंकवाद °इस्लामिक” हो गया …..  

हमारे प्रधानमंत्री जी पिछले 2-3 वर्षो से अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर यह प्रयास करते आ रहें थे कि आतंकवाद को परिभाषित किया जाय ?  उनका स्पष्ट मत है कि जब तक “आतंकवाद” का स्वरुप व उद्देश्य समझ में नहीं आएगा तो फिर हज़ारों लाखो मासूमों व निर्दोषों पर हो रहें अमानवीय अत्याचारों से मानवता की रक्षा कैसे हो पायेगी ?  संभवतः  इस मानवीय आपदा को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने समझा और उन्होंने अपने चुनावी अभियान में अनेक विरोधाभासों के उपरान्त भी आतंकवाद को कट्टरवादी इस्लामिक विचारधारा से जोडते हुए इसको नष्ट करने के स्पष्ट संकेत दिए | वैसे तो विभिन्न देशो के नेताओं ने अनेक अवसरों पर आतंकवाद रुपी जिहाद को इस्लामिक दर्शन व उनकी शिक्षाओं को ही उत्तरदायी माना है | परन्तु जिस निर्भीकता व साहस के साथ राष्ट्रपति ट्रम्प ने हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में आतंकवाद को  “कटटर इस्लामिक आतंकवाद” ( रेडिकल इस्लामिक टेररिज्म ) कहकर संबोधित किया है उससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि कहीं न कहीं श्रीमान मोदी जी कि कूटनीति आज  सफल हुई है | जिसके कारण आतंकवाद को कम से कम एक सांकेतिक परिभाषा मिल गई है। राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यह संयुक्त पत्रकार वार्ता भारतीय समयानुसार 26 जून की मध्यरात्रि को वाशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस के रोज गार्डेन में आयोजित हुई |
निसंदेह मोदी जी अमरीकी राष्ट्रपति के इस साहसिक वक्तव्य पर कोई टिप्पणी करने से अपने को अलग रखने को राजनैतिक कारणों से  विवश होगें  ? परन्तु उनके इस सतत प्रयास से उनके करोडों राष्ट्रवादी समर्थकों को अवश्य संतोष मिला होगा। उन्होंने भी आतंकियों की शरणस्थली व आतंकवादी संगठनों के प्रति कठोर कार्यवाही करके इस (इस्लामिक) आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का अमरीका के साथ संयुक्त अभियान चलाने के लिये अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है | उन्होनें स्पष्ट किया है कि आतंकवाद का सर्वनाश हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में एक है।
यहाँ यह भी समझना आवश्यक है कि अधिकाँश आतंकी संगठन जैसे अलकायदा, इस्लामिक स्टेट , जैश-ए-मोहम्मद , लश्कर-ए-तोइबा , हिजबुल मुजाहीदीन व डी कंपनी आदि सभी कट्टर इस्लामी आतंकवादियों के ही संगठन है और अनेक आतंकी आक्रमणों के बाद यह भी स्पष्ट हुआ है कि वे यह जिहाद केवल इस्लाम की स्थापना के लिए ही कर रहे है |
अतः अमरीकी राष्ट्रपति के आतंकवाद को “कट्टर इस्लामिक आतंकवाद”  के संबोधन का अर्थ आतंकवाद से पीड़ित समाज व देशों को भी समझ में आएगा | जिससे इस मानवीय आपदा की जड़ को समझ कर सभी पीड़ित वर्ग उससे बचने के लिए उचित उपाय भी कर सकेंगे ? वैसे भी यह सर्वविदित ही है कि शत्रु की पहचान के बिना संघर्ष किससे और क्यों ?

 

विनोद कुमार सर्वोदय

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