कविता सुन सुन सुन रे भाई सुन सुन सुन। January 24, 2022 / January 24, 2022 | 1 Comment on सुन सुन सुन रे भाई सुन सुन सुन। सुन सुन सुन रे भाई सुन सुन सुनऊपर से ना अंदर से,नेताओं के समंदर से,अच्छे मोती चुनसुन सुन सुन रे भाई सुन सुन सुन। ये वोटिंग अधिकार हमारा,जिसने तुझे पुकारा, ये हक है तेरागिरने वाले को जो उठाए,जो दे तुझे सहारा कहो हमारा,झूठ में और सच्चाई मेंअच्छाई और बुराई मेंअपना रास्ता चुनसुन सुन सुन रे […] Read more » poem on national voters day सुन सुन सुन रे भाई सुन सुन सुन।
कविता मैं ना हासिल होउंगा। October 21, 2021 / October 21, 2021 | Leave a Comment बंद हुए दिल के दरवाजे रूह से दाखिल होउंगामुझे पता है तेरी दुआओं में मैं शामिल होऊंगाले आई है चाहत तेरी मुझको यार तेरे दर परलेकिन इतनी आसानी से मैं ना हासिल होउंगा दिल ये साफ हो रूह पाक हो मन में मैल कभी ना हो वह कहती है यार तभी मैं उसके काबिल होउंगायाद […] Read more » मैं ना हासिल होउंगा।
कविता मेरे जाने से पहले।। September 28, 2021 / September 28, 2021 | Leave a Comment थाम लो हाथ यार, मेरे जाने से पहले ।बोलो करते हो प्यार, मेरे जाने से पहले।। प्यार करते हो हमसे फिर भी क्यों छुपाते होनजर मिला के नजर हमसे क्यों चुराते होकर लो दीदार यार, मेरे जाने से पहलेबोलो करते हो प्यार मेरे जाने से पहले ।। चला गया तो फिर ना लौट के मैं […] Read more » मेरे जाने से पहले।।
कविता मुझसे नहीं होगा।। September 16, 2021 / September 16, 2021 | Leave a Comment करूं झूठ को स्वीकार ये मुझसे नहीं होगासच को करूं धिक्कार ये मुझसे नहीं होगा ।सिक्कों से तौल दो मुझे या दो रियासतेंकर लूं मैं अहंकार ये मुझसे नहीं होगा ।। हो गर न सामने से अपनेपन का इशाराअपना करूं अधिकार ये मुझसे नहीं होगा ।लेना जो चाहते हैं मुझसे जिंदगी मेरीकरूं उन पे जां […] Read more » I will not. मुझसे नहीं होगा
कविता बहराइच September 14, 2021 / September 14, 2021 | Leave a Comment देता है आज भी नया पैगाम बहराइचलगता है आज भी हसीं जवान बहराइच ।खंडहर में यहां के है अजब खूबसूरतीप्राचीनता की आज भी पहचान बहराइच ।। जंगल भी समेटे हुए है अपनी बाहों मेंजंगल के राजा की दिखे हैं शान बहराइच ।मंदिर में सुबह शाम गूंजती हैं घण्टियांऔर मस्जिदों में गूंजती अज़ान बहराइच ।। हैं […] Read more » Bahraich बहराइच
कविता बहुत है।। September 14, 2021 / September 14, 2021 | Leave a Comment ये दिल हर बात को छुपाता बहुत हैदिखता नहीं पर दिल से उसे अपनाता बहुत है ।नजर कर दे ना कभी कोई गुस्ताखी उनसेबेचारा दिल इसे समझाता बहुत है ।। वो देखती नहीं कभी कहीं मुड़ करके तुझेफिर भी मोहब्बत के सपने सजाता बहुत है ।कभी तो बोल दे कि उनसे मोहब्बत तुझकोकिया है प्यार […] Read more » बहुत है।
कविता आ गये परदेश में ।। August 24, 2021 / August 24, 2021 | Leave a Comment इक नई दुनिया बसाने आ गए परदेश मेंअपना घर परिवार सब कुछ था हमारे देश मेंबस चंद सिक्के थे नहीं मां की दवाई के लिएअब वही दौलत कमाने आ गये परदेश में ।। साथ में रहकर खड़े सुख दुख सभी का बांटनाखेतों की मेड़े काटना और दूसरों को डांटनालड़ते झगड़ते थे भले फिर साथ में […] Read more » Came abroad. आ गये परदेश में
कविता मेरी बहना August 22, 2021 / August 22, 2021 | Leave a Comment कभी वो दोस्त जैसी है, वो दादी मां भी बनती हैबचाने की मुझे खातिर, वो डांटे मां की सुनती हैअभी सर्दी नहीं आई, वो रखती ख्याल है मेरावो मेरी बहना है मेरे लिए स्वेटर जो बुनती है। कभी लड़ती झगड़ती प्यार भी करती वो कितनी हैजो रखती हाथ सिर पे मां के आशीर्वाद जितनी हैवो […] Read more » मेरी बहना
कविता आज़ादी का जश्न मनाएं ।। August 13, 2021 / August 13, 2021 | Leave a Comment आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।दी है जान वतन पर जिसने, उनको नहीं भुलाएं।। वीरों ने जो सपने देखें, पूरा कर दिखलायाऔर विदेशी गोरों को भारत से मार भगायायाद उन्हें कर अपना तिरंगा, नभ में हम फहराएंआज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। जूझे थे जो भूख, विवशता, और जूझे कंगाली सेगोरों […] Read more » Celebrate Freedom आज़ादी का जश्न मनाएं
कविता मैं पागल हूं, रहने दो।। March 1, 2021 / March 1, 2021 | Leave a Comment कुछ कहता हूँ कहने दो , मैं पागल हूं, रहने दोआँसू देख तेरे आंखों में मेरे अश्क भी बहने दोवो कहती है मैं पागल , मैं पागल हूँ रहने दो। उसकी कद्र मैं करता हूं, पीर मैं उसके समझता हूँउसको अपना मानता हूँ, मन की बातें जानता हूँराज खुले तो मैं पागल, मैं पागल हूँ […] Read more » I'm crazy
कविता इन दिनों।। December 27, 2020 / December 27, 2020 | Leave a Comment सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनोंकुछ की बदल गयी है देखो चाल इन दिनोंजो हाथ मिलाते थे अदब से करें आदाबअब पूछते नहीं हमारा हाल इन दिनोंसुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।। क्या बात है मचा है क्यो बवाल इन दिनोंपूंजीपती ही देखो मालामाल इन दिनोंसड़कों पे उतरते हैं […] Read more » इन दिनों
कविता मैं हिन्दू तू मुसलमान।। October 8, 2020 / October 8, 2020 | Leave a Comment मैं हिन्दू तू मुसलमान, हैं दोनों एक समानतू पढ़ लें मेरी गीता, मैं पढ़ लूं तेरी क़ुरान।। ईश्वर अल्लाह सबका है वो करता दुआ क़ुबूलईश जिसे मैं कहता हूं तू कहता उसे रसूलतेरी रूह आत्मा मेरी दोनों एक ही मानमैं हिन्दू तू मुसलमान, हैं दोनों एक समानतू पढ़ लें मेरी गीता, मैं पढ़ लूं तेरी […] Read more » मैं हिन्दू तू मुसलमान