समाज जातीय जनगणना समतापूर्ण समाज के लिए उपयोगी June 1, 2010 / December 23, 2011 | 5 Comments on जातीय जनगणना समतापूर्ण समाज के लिए उपयोगी -अरुण माहेश्वरी भारत में वर्ण-व्यवस्था की प्राचीनता अब बहस का विषय नहीं है। वर्ण-व्यवस्था सनातन धर्म का मूलाधार रही है। इतिहासकारों ने इस विषय पर भी काफी गंभीर काम किये हैं कि वर्ण-व्यवस्था के ढांचे के अंदर ही जातियों के लगातार विभाजन और पुनर्विभाजन के जरिये कैसे यहां एक प्रकार की सामाजिक गतिषीलता बनी रही […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
विश्ववार्ता फासीवाद पर विजय के 65 वर्ष May 24, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on फासीवाद पर विजय के 65 वर्ष -अरुण माहेश्वरी ”मैंने द्वितीय विश्वयुद्ध में लड़ाई नहीं की थी। मैं महान देशभक्ति का युद्ध लड़ा था। सारी दुनिया जिंदा है सोवियत संघ की बदौलत।”- ये शब्द थे उस बूढ़े रूसी कर्नल के जो 9 मई 1995 के दिन लेनिन मुसोलियम के पिछवाड़े में स्तालिन के मकबरे के आधार पर फूल चढ़ाने आये अनगिनत लोगों […] Read more » Fascism फासीवाद
साहित्य अतृप्ति का विवेक : शमशेर May 11, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -अरुण माहेश्वरी जन्मशताब्दी के मौके पर शमशेर बहादुर सिंह का स्मरण आदमी की अंतहीन दबी हुई इच्छाओं के एक पावन खजाने के स्मरण जैसा है। ‘चुका भी हूं मैं नहीं, कहां किया मैंने प्रेम अभी’ की अतृप्ति का रचनाकार, ‘आज निरीह कल फतहयाब निश्चित’ के आत्म–विश्वास से परिपूर्ण मानवता के भविष्य पर अटूट आस्था वाला […] Read more » Shamsher Bahadur Singh शमशेर बहादुर सिंह
विश्ववार्ता अमेरिका–चीन संबंधों पर कुछ और May 5, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -अरुण माहेश्वरी ‘मंथली रिव्यू’ में प्रकाशित एरिक हाब्सवाम के साक्षात्कार में आज की दुनिया के प्रमुख रूझानों के संदर्भ में अमेरिका और चीन के बीच के संबंधों का जो जिक्र किया गया है, (जिसकी चर्चा इसी स्तंभ के अन्तर्गत हम पिछली बार कर आये हैं) उस पर यहां थोड़े और विस्तार से बात करना हर […] Read more » America अमेरिका–चीन संबंध
विश्ववार्ता ब्रिटेन के चुनाव और कुछ अहम् प्रश्न May 3, 2010 / December 24, 2011 | 1 Comment on ब्रिटेन के चुनाव और कुछ अहम् प्रश्न •अरुण माहेश्वरी• आगामी छ: मई को होने वाले ब्रिटेन के आम चुनाव पर सारी दुनिया की नजरें टिकी हुई है। यह सिर्फ इसलिये नहीं कि ब्रिटेन अपने जीवन के एक जिस सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, इन चुनावों के जरिये उसका कोई समाधान हासिल हो जायेगा। पिछले एक साल में […] Read more » Britain ब्रिटेन के चुनाव
विश्ववार्ता मई दिवस का संक्षिप्त इतिहास May 3, 2010 / December 24, 2011 -अरुण माहेश्वरी हे मार्केट के शहीदों का खून बेकार नहीं जायेगा कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिख एंगेल्स ने ‘कम्युनिस्ट पार्टी के घोषणा–पत्र’ का प्रारंभ इन पंक्तियों से किया था – समूचे यूरोप को एक भूत सता रहा है – कम्युनिज्म का भूत। 1848 में लिखे गये इन शब्दों के बाद आज 154 वर्ष बीत गये हैं […] Read more » May Diwas मई दिवस
विविधा आत्मलीनता के खिलाफ April 15, 2010 / December 24, 2011 | Leave a Comment आत्मलीनता (आटिज्म) के नाना रूप है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में आत्मलीनता एक बड़ी बीमारी है। वास्तविक चिंतन से सर्वथा भिन्न एक ऐसी विचार प्रक्रिया जिसका घटनाओं और वस्तुओं की वास्तविक प्रकृति से कोई संबंध नहीं होता, पूरी तरह से व्यक्ति की अपनी इच्छा–आकांक्षाओं द्वारा नियंत्रित होती है। इसमें कोई तर्क, कोई व्यवहारिक तकाजा नहीं होता। […] Read more » Self-absorption आटिज्म आत्मलीनता
विश्ववार्ता हाब्सवाम, चीन और अमेरिका March 15, 2010 / December 24, 2011 | Leave a Comment कोलकाता के ‘द टेलिग्राफ’ दैनिक के 2 मार्च के अंक की सुर्खी है : ”करात ने विकट पश्चिम बंगाल की भविष्यवाणी की”। नई दिल्ली से मानिनी चटर्जी की इस रिपोर्ट में ब्रिटेन के वयोवृद्ध माक्र्सवादी इतिहासकार एरिक हाब्सवाम के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए बताया गया है कि माकपा के महासचिव प्रकाश करात ने […] Read more » China चीन और अमेरिका हाब्सवाम
पर्यावरण जलवायु प्रश्न March 13, 2010 / December 24, 2011 धरती की जलवायु पर कोपेनहेगन सम्मेलन (7–18 दिसंबर ’09) खत्म हो गया। सम्मेलन के अंदर और बाहर, सभी जगह बेहिसाब उत्तेजना रही। उत्तेजना के मूल में यह चिंता थी कि इस पृथ्वी ग्रह को बचाने का आखिरी मौका है। अब न चेता गया तो पृथ्वी और उसपर मनुष्य मात्र के अस्तित्व पर खतरा है। इसके […] Read more » Climate Change जलवायु परिवर्तन