लेख मांगलिक कार्य आरम्भ होने का दिन है ‘‘देवोत्थान एकादशी’’ November 14, 2021 / November 14, 2021 | Leave a Comment देवोत्थान एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के ग्यारह दिन बाद आने वाली एकादशी को ही प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी या देव-उठनी एकादशी कहा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव चार मास के लिए शयन करते हैं। इस बीच हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य शादी, विवाह आदि नहीं होते। देव चार महीने शयन करने के बाद कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान (देव-उठनी) एकादशी कहा जाता है। देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह एवं भीष्म पंचक एकादशी के रूप में भी मनाई जाती है। इस दिन लोग तुलसी और सालिग्राम का विवाह कराते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरुआत करते हैं। हिन्दू धर्म में प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी का अपना ही महत्त्व है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है उसको दिव्य फल प्राप्त होता है। उत्तर भारत में कुंवारी और विवाहित स्त्रियां एक परम्परा के रूप में कार्तिक मास में स्नान करती हैं। ऐसा करने से भगवान् विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। जब कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी आती है, तब कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ शालिग्राम और तुलसी का विवाह रचाती है। पूरे विधि विधान पूर्वक गाजे बाजे के साथ एक सुन्दर मण्डप के नीचे यह कार्य सम्पन्न होता है। विवाह के समय स्त्रियाँ मंगल गीत तथा भजन गाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान् विष्णु प्रसन्न होते हैं और कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती, वे जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात जिन लोगों के कन्या नहीं होती उनकी देहरी सूनी रह जाती है। क्योंकि देहरी पर कन्या का विवाह होना अत्यधिक शुभ होता है। इसलिए लोग तुलसी को बेटी मानकर उसका विवाह सालिगराम के साथ करते हैं और अपनी देहरी का सूनापन दूर करते हैं। प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी के दिन भीष्म पंचक व्रत भी शुरू होता है, जो कि देवोत्थान एकादशी से शुरू होकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक चलता है। इसलिए इसे इसे भीष्म पंचक कहा जाता है। कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ या पुरूष बिना आहार के रहकर यह व्रत पूरे विधि विधान से करते हैं। इस व्रत के पीछे मान्यता है कि युधिष्ठर के कहने पर भीष्म पितामह ने पाँच दिनो तक (देवोत्थान एकादशी से लेकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक) राज धर्म, वर्णधर्म मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था। इसकी स्मृति में भगवान् श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामह के नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित किया था। मान्यता है कि जो लोग इस व्रत को करते हैं वो जीवन भर विविध सुख भोगकर अन्त में मोक्ष को प्राप्त करते हैं। देवोत्थान एकादशी की कथा एक समय भगवान विष्णु से लक्ष्मी जी ने कहा- हे प्रभु ! अब आप दिन-रात जागा करते हैं और सोते हैं तो लाखों-करोड़ों वर्ष तक को सो जाते हैं तथा उस समय समस्त चराचर का नाश भी कर डालते हैं। अत: आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें। […] Read more » The day to start auspicious work is Devotthana Ekadashi देवोत्थान एकादशी प्रबोधिनी एकादशी
लेख हिंदी दिवस हिन्दुस्तान की सांस है हिंदी September 13, 2021 / September 13, 2021 | Leave a Comment हिन्दी हमेशा से हिन्दुस्तान की पहचान रही है। कहा जाये तो हिन्दुस्तान एक देश है और इसकी सांस है हिन्दी, बिना सांस (हिंदी) के हिन्दुस्तान में निवास करना और यहां की संस्कृति को बनाये रखना मुश्किल है। इसलिये हिन्दुस्तान देश में हिन्दी की अपनी महत्वता है, जिसे हिन्दुस्तान देश से कभी नहीं मिटाया जा सकता। हिंदी हमेशा से […] Read more » 14 सितंबर 2021 हिंदी दिवस Hindi is the breath of Hindustan हिन्दुस्तान की सांस है हिंदी
लेख शख्सियत देश की आजादी और शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान रहा परमपूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी का September 12, 2021 / September 13, 2021 | Leave a Comment (37वीं पुण्यतिथि 13 सितम्बर 2021 पर विशेष) स्वामी ब्रह्मानंद का व्यक्तित्व महान था। उन्होंने समाज सुधार के लिए काफी कार्य किए। देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने जहां स्वयं को समर्पित कर कई आंदोलनों में जेल काटी। आजादी के बाद देश की राजनीति में भी उनका भावी योगदान रहा है। स्वामी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही कार्य किए। […] Read more »
लेख शिक्षक द्वारा दी गयी शिक्षा ही शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास का मूल आधार है September 5, 2021 / September 5, 2021 | Leave a Comment माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं। उनका स्थान कोई नहीं ले सकता, उनका कर्ज हम किसी भी रूप में नही उतार सकते, लेकिन एक शिक्षक ही है जिसे हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता के बराबर दर्जा दिया जाता है। क्योंकि शिक्षक ही हमें समाज में रहने योग्य बनाता है। इसलिये ही शिक्षक को समाज का शिल्पकार कहा […] Read more » 05 सितंबर 2021 शिक्षक दिवस
राजनीति हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह का महाप्रयाण August 23, 2021 / August 23, 2021 | Leave a Comment भारतीय राजनीति के युगपुरुष, श्रेष्ठ राजनीतिज्ञ, कोमलहृदय संवेदनशील मनुष्य, वज्रबाहु राष्ट्रप्रहरी, भारतमाता के सच्चे सपूत और भारतीय राजनीति में भगवान श्रीरामचन्द्र जी के हनुमान हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह ऐसे नेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति में अनेकों मिसालें पेश की हैं। हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह का राजनीतिक व व्यक्तिगत जीवन हमेशा से बेदाग रहा है। […] Read more » death of former cm of up death of kalyan singh ji कल्याण सिंह का महाप्रयाण कल्याण सिंह जी
लेख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष को याद करने का दिन है स्वतंत्रता दिवस August 15, 2021 / August 16, 2021 | Leave a Comment 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर हिन्दुस्तान में जगह -जगह हवा में लहराता झंडा हमें स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास कराता है। इस साल 75वां स्वतंत्रता दिवस होने की वजह से इस दिन की महत्वता और बढ जाती है। आजादी से लेकर आज तक भारत देश ने कई उतार-चढाव देखे है और हर प्रकार की परिस्थिति […] Read more » 75वें स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता दिवस
लेख योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है June 24, 2021 / June 24, 2021 | Leave a Comment (‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ 21 जून 2021 पर विशेष) हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में सप्तम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योग दिवस का एक अपना ही अलग महत्त्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में […] Read more » Yoga incorporates the traditions of ancient Indian culture अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग
बच्चों का पन्ना लेख बाल मजदूरी समाज पर कलंक है June 12, 2021 / June 13, 2021 | Leave a Comment (विश्व बालश्रम निषेध दिवस 12 जून 2021 पर विशेष) विश्व बालश्रम निषेध दिवस पूरे विश्व में बाल मजदूरी के विरोध में मनाया जाता है। भारत देश के बारे में कहा जाए तो यहाँ बाल मजदूरी बहुत बडी समस्या है। भारत में बाल मजदूरी की समस्या सदियों से चली आ रही है। कहने को भारत देश […] Read more » Child labor is a stigma on society बाल मजदूरी
पर्यावरण लेख विकास की अंधी दौड़ में मनुष्य कर रहा प्रकृति का नाश June 4, 2021 / June 4, 2021 | Leave a Comment हर साल पूरे विश्व में पांच जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पर्यावरण दिवस पर्यावरण के संरक्षण के लिए शपथ लेने का दिन है। सभी लोगों को आज के दिन इस प्रकृति और पर्यावरण को सहेजने की जिम्मेदारी लेनी चाहिये। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति अंतर्राष्ट्रीय […] Read more » world environment day 05 ju विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून
लेख माँ के चरणों में मिलता है स्वर्ग May 8, 2021 / May 8, 2021 | Leave a Comment आज मातृ दिवस है, एक ऐसा दिन जिस दिन हमें संसार की समस्त माताओं का सम्मान और सलाम करना चाहिये। वैसे माँ किसी के सम्मान की मोहताज नहीं होती, माँ शब्द ही सम्मान के बराबर होता है, मातृ दिवस मनाने का उद्देश्य पुत्र के उत्थान में उनकी महान भूमिका को सलाम करना है। श्रीमद भागवत […] Read more » International mothersday मातृ दिवस 09 मई 2021
पर्व - त्यौहार लेख होली परंपरा, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार March 27, 2021 / March 27, 2021 | Leave a Comment होली पर्व भारत में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला प्राचीन पर्व है। होली पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुल महीने के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली पर्व भारत में परम्परागत रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पूजा की होली […] Read more » Holi tradition होली
राजनीति विधि-कानून भारत का संविधान सबको सामान अधिकार देता है January 25, 2021 / January 25, 2021 | Leave a Comment गणतंत्र दिवस हर वर्ष जनवरी महीने की 26 तारीख को पूरे देश में देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत होकर मनाया जाता है। भारत के लोग हर साल 26 जनवरी का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि 26 जनवरी को ही 1950 में भारतीय संविधान को एक लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ भारत देश में लागू […] Read more » Constitution of India gives equal rights to all भारत का संविधान