पर्यावरण लेख एक दूसरे से जूझते मानव व वन्य प्राणी December 30, 2022 / December 30, 2022 | Leave a Comment बीना बिष्ट हल्द्वानी, नैनीताल अक्सर हम सभी प्राकृतिक आपदा के बारे में सुनते है तो सबसे पहले हमारे जहन में आम जनजीवन की बात ही आती है जबकि इन आपदाओं से केवल आम जनजीवन ही नहीं जीव जन्तु भी प्रभावित होते है. हालांकि इसके लिए स्वयं मनुष्य जिम्मेदार है. अक्सर हम अपने लाभों के लिए जंगलों को उजाड़ […] Read more » humans and wild animals fighting with each other
लेख समाज डिजिटल इंडिया का अधूरा सपना कब पूरा होगा? December 28, 2022 / December 28, 2022 | Leave a Comment शीराज़ अहमद मीरमंडी, पुंछ बैंक जैसी सुविधाओं का होना हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हर व्यक्ति चाहता है कि वह जो कमाए उसे बचाए और मुश्किल समय में उसका उपयोग करे. नौकरीपेशा वर्ग को भी अपना मासिक वेतन बैंक की सहायता से मिलता है. इसके साथ ही दिव्यांगों और अन्य […] Read more » When will the unfulfilled dream of Digital India be fulfilled?
लेख समाज साक्षात्कार सार्थक पहल पुष्कर की महिलाओं के लिए आय का माध्यम है इंडोणी December 28, 2022 / December 28, 2022 | Leave a Comment शेफाली मार्टिन राजस्थान रंगों और रूपांकनों की भूमि, राजस्थान, चमकीले रंग के घाघरा और ओढ़नी पहने महिलाओं की छवि की कल्पना कराता है, जो अपने सिर पर बर्तनों को संतुलित कर पानी लाने के लिए रेगिस्तान में मीलों पैदल चलती हैं. इस काम का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा इंडोनी का है. एक गोलाकार आधार जिसे सिर पर रखकर […] Read more » Indoni is the means of income for the women of Pushkar\
लेख बहुआयामी गरीबी और शोषण में जी रहे बच्चे December 22, 2022 / December 22, 2022 | Leave a Comment भाग्यश्री बोयवाद महाराष्ट्र नांदेड़, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है. यह क्षेत्र गोदावरी नदी के उत्तरी तट पर स्थित है और अपने सिख गुरुद्वारों के लिए प्रसिद्ध है. यह मराठवाड़ा मंडल के तहत महाराष्ट्र के 36 जिलों में से एक है और इसे पिछड़े जिलों की श्रेणी में रखा जाता है. भौगोलिक रूप […] Read more » Children living in multidimensional poverty and exploitation
लेख समाज रूढ़िवादी विचारों से आज़ाद नहीं हुआ ग्रामीण समाज December 12, 2022 / December 12, 2022 | Leave a Comment ममता देवी मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार असमानताएं, रूढ़िवादी विचार, कुरीतियां, अतार्किक परंपराएं और कुप्रथाएं यह आज भी कुछ ऐसी लकीरें हैं जो भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधक हैं. भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जो विविधताओं से भरा पड़ा है. सभी प्रांतों की वेशभूषा, रूप-रंग, रहन-सहन, भाषा-बोली और यहां तक कि खानपान आदि भी भिन्न-भिन्न हैं. बावजूद इसके यह सब […] Read more » Rural society did not become free from conservative ideas
लेख डिजिटल शिक्षा से नई उम्मीदों को गढ़ती किशोरियां December 8, 2022 / December 8, 2022 | Leave a Comment नीराज गुर्जर अजमेर, राजस्थान 21वीं सदी के दौर को डिजिटल युग कहा जाता है तो गलत नहीं है. इसने न केवल सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं को चुनौती दी है बल्कि डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विकास के कई नए रास्ते भी खोले हैं. वहीं वैज्ञानिक तर्क के साथ नई अवधारणाओं को भी जन्म भी दिया है. ख़ास […] Read more »
लेख समाज किशोरियों में कुपोषण से गंभीर बीमारियों का खतरा December 7, 2022 / December 7, 2022 | Leave a Comment रेहाना कौसर पुंछ, जम्मू केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिला पुंछ की तहसील मंडी के दरहा दीना गांव की निवासी 13 वर्षीय नजमा सातवीं कक्षा की छात्रा थी. एक दिन जब वह स्कूल से घर वापस आई तो उसके पेट में भयानक दर्द होने लगा. इससे उसका पूरा शरीर कांपने लगा. दस दिनों तक दर्द चलता रहा. दर्द की गंभीरता […] Read more » Risk of serious diseases due to malnutrition in adolescent girls
लेख समाज मानव तस्करों के जाल में ग्रामीण किशोरियां December 7, 2022 / December 7, 2022 | Leave a Comment सीटू तिवारी पटना, बिहार 21 साल की समता (बदला हुआ नाम) ने किताबों से पक्की वाली दोस्ती कर ली है। वह अपने परिवार की पहली मैट्रिक पास तो है ही, लेकिन उसका एक दूसरा परिचय भी है। मात्र ग्यारह साल की उम्र में उसके माता पिता ने बेटी ‘सुख से रहेगी’, के लालच में उसकी शादी कर दी थी। लेकिन […] Read more » Rural girls in the trap of human traffickers ब्राइड ट्रैफिकिंग
लेख स्वास्थ्य-योग आधी आबादी के लिए माहवारी अब भी समस्या है December 6, 2022 / December 6, 2022 | Leave a Comment शिल्पा कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी देश के विकास में पुरुष और महिलाओं का समान योगदान होता है. लेकिन ऐसा तभी मुमकिन हो सकता है जब वह देश अपने सभी नागरिकों को समान रूप से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके. परंतु हमारे देश में आज भी आधी आबादी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और किशोरियों को […] Read more » Menstruation is still a problem for half the population
लेख समाज दिव्यांगता शारीरिक और मानसिक होने से ज्यादा हमारी सोच में है December 2, 2022 / December 2, 2022 | Leave a Comment अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (3 दिसंबर पर विशेष) हरीश कुमार पुंछ, जम्मू हर वर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों का दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। इसकी शुरुआत 1992 मे संयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा की गई थी। यह दिवस दिव्यांगों के प्रति करुणा, आत्मसम्मान और उनके जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसका एक और उद्देश्य समाज के […] Read more » Disability is more in our thinking than being physical and mental अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस
लेख समाज मासिक धर्म को लेकर भ्रांतियों से भरा है ग्रामीण समाज November 30, 2022 / November 30, 2022 | Leave a Comment रूबी सरकार भोपाल, मप्र प्रति सप्ताह देश की करोड़ों महिलाएं और किशोरियां माहवारी की प्रक्रिया से गुज़रती हैं. हालांकि यह एक प्राकृतिक चक्र है, लेकिन इस दौरान इनमें से कइयों के लिए यह बहुत मुश्किल समय होता है. शहरों में तो इसे लेकर काफी जागरूकता आ चुकी है लेकिन तमाम अभियानों के बावजूद आज भी गांवों में […] Read more » Rural society is full of misconceptions about menstruation
लेख समाज बाल विवाह के विरुद्ध जागृत होती किशोरियां November 28, 2022 / November 28, 2022 | Leave a Comment डॉली गढ़िया कपकोट, उत्तराखंड जैसे जैसे देश में शिक्षा का प्रसार बढ़ता गया, वैसे वैसे अनेकों सामाजिक बुराइयों का अंत होता चला गया. लेकिन बाल विवाह अब भी एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो समाज में पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है. इसका सबसे नकारात्मक प्रभाव किशोरियों के जीवन पर पड़ता है. जो न केवल शिक्षा से […] Read more » बाल विवाह