जन-जागरण बच्चों का पन्ना विश्ववार्ता बचपन पर सितम आख़िर कब तक! August 12, 2015 / August 12, 2015 | 2 Comments on बचपन पर सितम आख़िर कब तक! धीरेन्द्र गर्ग बच्चे हमारे सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं। वे समाज और संसार के नियंता हैं। नियंता इस दृष्टि से कि उनके द्वारा उस समाज को आगे बढ़ाया जाना है जिसमें उनका पालन हो रहा है, जिसमे उनका बचपन गुज़र रहा है। मानव जीवन के सबसे स्वतंत्र और स्वच्छंद समय को देखा जाए तो निःसंदेह […] Read more » बचपन पर सितम
पर्यावरण विविधा घटता जलस्तर August 10, 2015 / August 10, 2015 | Leave a Comment कविवर रहीम के दोहे के इस अंश “बिनु पानी सब सून” से यदि हम दूसरा अर्थ समझने का प्रयास करें तो यही कि पानी के बगैर जीवन की कल्पना बस कल्पना मात्र ही है। ज़मीन के नीचे भागता पानी का स्तर पर्यावरणविदों के साथ समाज के सभी लोगों के लिए चिंता का सबब बना हुआ […] Read more »