राजनीति जनसंख्या पर संघप्रमुख का कथन और प्यु रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट October 15, 2022 / October 15, 2022 | Leave a Comment संघ के परमपूजनीय सरसंघचालक मोहनराव जी भागवत ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी देश में जनसंख्या असंतुलन उस देश के विभाजन का कारण बन सकता है. ऊन्होने कहा- हमें समझना होगा कि जब-जब जनसांख्यिकीय असंतुलन होता है, तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है। उन्होंने कहा कि जन्मदर में असमानता के साथ-साथ लोभ, लालच, जबर्दस्ती से चलने वाला मतांतरण भी जनसंख्या असंतुलन का बड़ा कारण बनता है। हमें इसका भी ध्यान रखना होगा। Read more » Report of the Pew Research Center Statement of the Sangh Pramukh on Population जनसंख्या पर संघप्रमुख का कथन
शख्सियत समाज शिकागो संभाषण भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति का रोडमैप है September 12, 2022 / September 12, 2022 | Leave a Comment 11 सितंबर शिकागो संभाषण दिवस पर विशेष – स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात् कर लिया था, यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि – यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो एक व्यक्ति को पूरा पढ़ लीजिये, और […] Read more » The Chicago Dialogue The Chicago Dialogue is a roadmap for India's cultural and economic progress
राजनीति लोकमान्य व वीर सावरकर की प्रेरणा से यह उत्सव राष्ट्रीय पर्व बन गया था August 31, 2022 / August 31, 2022 | Leave a Comment भारत में सार्वजनिक गणेशोत्सव सातवाहन, राष्ट्रकूट और चालुक्य वंशो से लेकर शिवाजी के शासन तक निर्बाध चलता रहा है। पेशवाओं के समय पर तो गणेशोत्सव को राष्ट्रदेवता की मान्यता के साथ मनाया जाता था। ब्रिटिशकाल में गणेश स्थापना व विसर्जन की परंपरा पर रोक लगने लगी और यह क्रम कहीं मद्धम पड़ा तो कहीं बंद […] Read more » this festival became a national festival. With the inspiration of Lokmanya and Veer Savarkar लोकमान्य व वीर सावरकर की प्रेरणा से यह उत्सव राष्ट्रीय पर्व बन गया था
राजनीति समाज इंडीजेनस डे का खंडन करता है हमारे बिरसा मुंडा का उलगुलान August 8, 2022 / August 8, 2022 | Leave a Comment मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस पीपल डे एक भारत मे एक नया षड्यंत्र है। सबसे बड़ी बात यह कि इस षड्यंत्र को जिस जनजातीय समाज के विरुद्ध किया जा रहा है, उसी जनजातीय समाज के कांधो पर इसकी शोभायमान पालकी भी चतुराई पूर्वक निकाली जा रही है। वस्तुतः प्रतिवर्ष इस दिन यूरोपियन्स और पोप को आठ […] Read more » 9 अगस्त विश्व मूलनिवासी दिवस Indigenous Day Our Birsa Munda denies Indigenous Day
राजनीति भीम मीम की राजनीति और आतंकी पीएफआई का मिशन 2047 August 3, 2022 / August 3, 2022 | Leave a Comment भीम मीम की राजनीति का षड़यंत्र भारत में शताधिक वर्षों से किया जा रहा है। जोगेंद्रनाथ मंडल, इस कुत्सित राजनीति का एक पठनीय व स्मरणीय अध्याय है, दलित बंधुओं को अवश्य पढ़ना चाहिए। आज भी दलितों पर सर्वाधिक अत्याचार मुस्लिमों द्वारा किए जाते हैं। ये अत्याचार केवल सामाजिक प्रकार के नहीं होते बल्कि वे आपराधिक […] Read more » mission of terrorist PFI 2047 Politics of Bhim Mim and the mission of terrorist PFI 2047 आतंकी पीएफआई का मिशन 2047 भीम मीम की राजनीति
पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार साहित्य श्रेष्ठ व योग्य शिष्य की खोज में रहते हैं श्रेष्ठ गुरु July 12, 2022 / July 12, 2022 | Leave a Comment “वासुदेव सुतं देवम कंस चाणूर मर्दनम्, देवकी परमानन्दं कृष्णम वन्दे जगतगुरु” श्रीकृष्ण को विश्व का श्रेष्ठतम गुरु क्यों कहा जाता है? शिष्य अर्जुन की खोज के कारण? अर्जुन को कुरुक्षेत्र में ईश्वर का विराट रूप दिखा देने के कारण? महाभारत के रणक्षेत्र में श्रीमद्भागवद्गीता रच देने के कारण? या कथनी और करनी में भेद न […] Read more » Guru poornima the best guru गुरु पूर्णिमा
राजनीति राजनैतिक दल स्पष्ट करें डिलिस्टिंग के पक्ष में हैं या विरोध में ? May 27, 2022 / May 27, 2022 | Leave a Comment जनजातीय मुद्दों पर प्रतिदिन अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने वाले विभिन्न संगठन व राजनैतिक दल डिलिस्टिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुप क्यों हैं? स्पष्ट है कि वे कथित धर्मान्तरित होकर जनजातीय समाज के साथ छलावा और धोखा देनें वाले लोगों के साथ खड़े हैं. ये कथित दल, संगठन और एनजीओ भोले भाले वनवासी जनजातीय समाज […] Read more » delisting Explain whether political parties are in favor or against delisting? डिलिस्टिंग की चर्चा
लेख छत्रपति शिवाजी के शिल्पी समर्थ रामदास April 10, 2022 / April 10, 2022 | Leave a Comment हमारे सनातनी संत केवल संत होकर तपस्या, धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ व मोक्षप्राप्ति के हेतु ही कार्य ही नहीं करते हैं अपितु समय समय पर देश समाज की राजनीति को राजदरबार (संसद) से लेकर, समाज के चौक चौबारों तक व युद्ध की भूमि में जाकर रणभेरी बजाने तक का कार्य वे भली भांति समय समय […] Read more » Samarth Ramdas the architect of Chhatrapati Shivaji
राजनीति क्या है ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ? April 2, 2022 / April 2, 2022 | Leave a Comment डा. हेडगेवार जी की जयंती पर विशेष आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार बनाकर संघ […] Read more » डा. हेडगेवार जी की जयंती राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
शख्सियत रानी गाईदिन्ल्यू: स्वतंत्रता संग्राम में पूर्वोत्तर की प्रतिनिधि यौद्धा January 31, 2022 / January 31, 2022 | Leave a Comment पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों में एक लोकोक्ति बड़ी ही प्रचलित है – “सोत पो, तेरह नाती ; तेहे करीबा कूँहिंयार खेती।” अर्थात स्त्री यथेष्ट संख्या में जब बच्चों को जन्म देगी तब ही समाज में खेती सफल होगी। पूर्वोत्तर के हाड़तोड़ श्रम करने वाले समाज में यह कहावत परिस्थितिवश ही जन्मी होगी। इस क्षेत्र में […] Read more » Rani Gaidinliu Rani Gaidinliu: The representative warrior of the Northeast in the freedom struggle रानी गाईदिन्ल्यू
राजनीति साहित्य का प्रदेय – साहित्य परिषद् का अगला त्रेवार्षिक सोपान January 20, 2022 / January 20, 2022 | Leave a Comment हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने साहित्य को “जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिंब” माना है। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य को “ज्ञानराशि का संचित कोश” व “समाज का दर्पण” कहा है। अनेकों विद्वानों, साहित्यकारों, संतो, महात्माओं के मतानुसार साहित्य समाज की प्रेरकशक्ति है। निस्संदेह समाज ने साहित्य की इस शक्ति को […] Read more » Delivery of literature - the next triennial stage of the Sahitya Parishad साहित्य परिषद् का अगला त्रेवार्षिक सोपान
राजनीति मोदीजी ला रहे प्राकृतिक कृषि का गुजरात माडल December 19, 2021 / December 19, 2021 | Leave a Comment उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी, भीख निदान, वाली कहावत वाले हमारे देश में कृषि और कृषक दोनों ही पिछले ७ दशकों से अपनाई जा रही गलत नीतियों का शिकार हो चुकें हैं। ऋषि पराशर व अन्य कई प्राचीन कृषि वैज्ञानिकों वाले हमारे देश में, घाघ व भड्डरी की विज्ञानसम्मत कृषि कहावतों व काव्य वाले […] Read more » Modiji is bringing Gujarat model of natural agriculture मोदीजी ला रहे प्राकृतिक कृषि का गुजरात माडल