राजनीति आतंकियों के पक्षधर और मनोबल बढाते नेतागण। April 16, 2019 / April 16, 2019 | Leave a Comment क्या महाराजा सुहैल देव ने सालार मसूद को मसूद ‘साहेब’ कहा होगा? क्या पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी को ‘जी’ कहा होगा? क्या अमेरिका के किसी राजनीतिज्ञ ने लादेन को ‘सर’ लादेन कहा होगा? क्या कोई व्यक्ति देश और अपने समाज के लोगों को घात लगाकर मारने वाले के प्रति सम्मान रख सकता है? इन […] Read more » politicians giving support to terrorists आतंकियों के पक्षधर
राजनीति आचरण से वामपंथी और भाषणो में लोकतांत्रिक March 18, 2019 / March 18, 2019 | 1 Comment on आचरण से वामपंथी और भाषणो में लोकतांत्रिक आपको लगता है कि ममता बनर्जी के शासन संभालने के बाद बंगाल में वामपंथी शासन समाप्त हो गया था? यही बात अखिलेश शासन काल के लिये सोच कर देखिये, क्या वह एक लोकतांत्रिक दल होने के नाते समाजवादी विचारधारा पर काम कर रहा था? यही बात मध्य प्रदेश और राजस्थान की नई सरकार के बारे […] Read more » Akhilesh yadav Mamata Banerjee आचरण से वामपंथी भाषणो में लोकतांत्रिक
राजनीति आई.ए.सी और टीम केजरीवाल…दो भिन्न समूह… August 13, 2012 / August 13, 2012 | 5 Comments on आई.ए.सी और टीम केजरीवाल…दो भिन्न समूह… किशोर बडथ्वाल लगभग ढाई वर्ष पूर्व कुछ लोगों ने फेसबुक पेज के माध्यम से एक आंदोलन की परिकल्पना की, और तकनीकि रूप से कुशल व्यक्तियों ने इस विचार को फेसबुक के माध्यम से आम लोगो का आंदोलन बनाया और इसे आई.ए.सी नाम दिया, किंतु ४ अगस्त २०१२ को आई.ए.सी के अंदर के ही एक समूह […] Read more » आई.ए.सी और टीम केजरीवाल
राजनीति विधानसभा चुनाव राजनैतिक शून्य और विकल्पहीनता.. January 22, 2012 / January 23, 2012 | 2 Comments on राजनैतिक शून्य और विकल्पहीनता.. अंततः जैसा अपेक्षित था, आगामी माह में होने चुनावों के प्रपंच अपनी चरम सीमा पर पहुंचने लगे हैं, और इन सभी प्रपंचो का एक मात्र लक्ष्य सत्ता पर पहुंचना है. जो भारतीय समाज के लिये अनावश्यक और अवांछनीय है, क्योंकि सत्ता पर कोई भी पहुंचे उसका आचरण बदलने की संभावना असंभव लगती है. राजनीतिक दलों […] Read more » optionless politics अन्ना राजनीति इंडिया अगेन्स्ट करप्शन
राजनीति अन्ना तुम तो सही हो पर… July 3, 2011 / December 9, 2011 | 8 Comments on अन्ना तुम तो सही हो पर… किशोर बड़थ्वाल अन्ना तुम फिर से हमारा आह्वान कर के जंतर मंतर पर जा रहे हो, हम फिर से आ जायेंगे लेकिन कहीं कुछ टीस रहा है, विश्वास कहीं कुछ कमजोर सा हो गया है. पिछली बार हम आये थे क्योंकि तुम हमारे लिये अनशन पर थे, इस बार भी तुम्हारे अनशन का कारण हम […] Read more » Anna Hazare अन्ना
जन-जागरण जंतर मंतर पर बैठे कुछ सवाल – May 31, 2011 / December 12, 2011 | 1 Comment on जंतर मंतर पर बैठे कुछ सवाल – वो सब जो अपने अपने काम छोड़ कर अन्ना को समर्थन देने आये थे और अन्ना हजारे, सभी वापस चले गये। सत्ताओं मे मची हलचल अभी शांत नही है, सत्तायें अभी व्यस्त हैं , इस अचानक आई स्वाभाविक आपदा और चुनौति का सामना करने के लिये साधनो की खोज जारी है. कुछ ने हथियार डाल […] Read more » Janta mantar जंतर मंतर सवाल