समाज जीवन में मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए December 11, 2016 | Leave a Comment – ललित गर्ग – जिन्दगी में अचानक आने वाले बदलाव या समस्या से विचलित न होने वाले ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं। महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि समस्या अथवा बाधा उत्पन्न होने पर उससे निपटा कैसे जाए? कई लोग कुछ भी संकट आने पर हाथ-पैर छोड़ देते हैं, निराश हो जाते हैं। किंकर्तव्यविमूढ़ होकर […] Read more » जीवन में मुस्कुराहट जीवन में मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए मुस्कुराहट के फूल
विश्ववार्ता जाॅन की ने रचा पद त्याग का नया अध्याय December 8, 2016 | Leave a Comment न्यूजीलैंड के लोकप्रिय प्रधानमंत्री जॉन की ने अपने पद से इस्तीफा देकर दुनिया को चैंका दिया है। आठ वर्षों के कार्यकाल के बाद एकाएक अपने पद से मुक्त होने का चिन्तन ही आश्चर्यकारी होने के साथ-साथ राजनीति की एक ऐतिहासिक एवं विलक्षण घटना है। आज जबकि समूची दुनिया के राजनीति परिदृश्य में सत्ता लोलुपता एवं पदलिप्सा व्याप्त है, प्रधानमंत्री तो क्या, कोई सांसद, विधायक एवं पार्षद भी स्वेच्छा से अपना पद-त्याग नहीं करता है। Read more » Featured New Zealand PM John Key resigns जाॅन की न्यूजीलैंड
विधि-कानून विविधा नीति और नियमों का सरलीकरण जरूरी December 5, 2016 | Leave a Comment #कालेधन एवं #भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिये नीति एवं नियमों का सरलीकरण जरूरी है। नीति आयोग के अध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने इसी बात की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि जटिल टैक्स नियमों को सरल बनाने और टैक्स दरों को कम करने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए, नोटबंदी का उद्देश्य तभी सफल होेगा। Read more » Featured notebandi नीति आयोग नोटबंदी पानगड़िया नीति
विविधा नालन्दा राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय मुद््दा है November 29, 2016 | Leave a Comment नालंदा विश्वविद्यालय के विचार को पुनर्जीवित करने की कोशिश एक असाधारण उपक्रम था, एक बड़ी चुनौती थी और उसका मूर्तरूप प्रकट होना आश्चर्य से कम नहीं कहा जा सकता है। वह दिन बिहार और देश-दुनिया के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए खास बना। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने मार्च 2006 में बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। Read more » Featured Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने की कोशिश
समाज सार्थक पहल जिन्दगी में नया करने की ठाने November 29, 2016 | Leave a Comment एक अच्छा, सफल एवं सार्थक जीवन के लिये जरूरी है अच्छी आदतें। अच्छी आदतों वालों व्यक्ति सहज ही अच्छे चरित्र वाला व्यक्ति बन जाता है। बुरी आदतों वाला व्यक्ति खुद-ब-खुद बुरे चरित्र का व्यक्ति बन जाता है। अच्छे और बुरे का मापदण्ड यह है कि जो परिणाम में अच्छा या बुरा हो, वही चीज, विचार या व्यक्ति अच्छा या बुरा होते हैं। Read more » जिन्दगी में नया करने की ठाने
समाज दहेज प्रथा – एक सामाजिक अभिशाप November 25, 2016 | 4 Comments on दहेज प्रथा – एक सामाजिक अभिशाप भारतीय समाज में अनेक प्रथाएं प्रचलित हें । पहले इस प्रथा के प्रचलन में भेंट स्वरूप बेटी को उसके विवाह पर उपहारस्वरूप कुछ दिया जाता था परन्तु आज दहेज प्रथा एक बुराई का रूप धारण करती जा रही है । दहेज के अभाव में योग्य कन्याएं अयोग्य वरों को सौंप दी जाती हैं । लोग […] Read more » dowry dowry system एक सामाजिक अभिशाप दहेज प्रथा
समाज निरीह जीवों की निर्मम हत्या से बना भोजन क्यों? November 23, 2016 | Leave a Comment निया के किसी भी धर्म में मांसाहार का उपदेश नहीं दिया गया है। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने कहा है कि मांसाहार से मनुष्य का स्वभाव हिंसक हो जाता है, जो लोग मांस भक्षण या मदिरापान करते हैं, उनके शरीर तथा वीर्यादि धातु भी दूषित हो जाते हैं। बौद्ध धर्म में पंचशील अर्थात सदाचार के पाँच नियमों में प्रथम और प्रमुख नियम किसी प्राणी को दुःख न देना है। बौद्ध धर्म के मतानुसार बुद्धिमान व्यक्ति को आपातकाल में भी मांस खाना उचित नहीं है। Read more » Featured पाश्चात्य देशों में शाकाहार आन्दोलन मांस भक्षण मांसाहार विश्व मांसाहार निषेध दिवस
समाज ताकि जीवन का हर क्षण निर्माण का सन्देश बन जाये November 18, 2016 | Leave a Comment एक नये समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने के लिये नये मनुष्यों की जरूरत है। ऐसे मनुष्यों का जीवन वह दुर्लभ क्षण है, जिसमें हम जो चाहें पा सकते हैं। जो चाहें कर सकते हैं। यह वह अवस्था है, जहां से हम अपने जीवन को सही समझ दे सकते हैं। इसके लिये जरूरी है हम श्रेष्ठताओं से जुड़े, अपने उद्देश्य के प्रति जागरूक रहे। अपनी विकास यात्रा में कभी किसी गलती को प्रश्रय न दें। Read more » Featured जीवन का हर क्षण निर्माण का सन्देश
विविधा शाही शादी और नोटबंदी से उपजे सवाल November 17, 2016 / November 17, 2016 | 1 Comment on शाही शादी और नोटबंदी से उपजे सवाल ललित गर्ग – एक तरफ जहां लाखों लोग एटीएम और बैंकों की लाइनों में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के पूर्व मंत्री और रईस कारोबारी माइनिंग किंग अपनी बेटी ब्रह्माणी की पांच दिन चलने वाली शादी में 5 अरब रुपए खर्च करने जा रहे हैं। सोने का पानी चढ़ा निमंत्रण और बॉलीवुड सितारों की […] Read more » Featured नोटबंदी नोटबंदी से उपजे सवाल शाही शादी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शख्सियत गुरुनानक देव : भारतीय धर्म और संस्कृति के पुरोधा November 8, 2016 / November 8, 2016 | Leave a Comment गुरुनानकजी का धर्म जड़ नहीं, सतत जागृति और चैतन्य की अभिक्रिया है। जागृत चेतना का निर्मल प्रवाह है। उनकी शिक्षाएं एवं धार्मिक उपदेश अनंत ऊर्जा के स्रोत हैं। शोषण, अन्याय, अलगाव और संवेदनशून्यता पर टिकी आज की समाज व्यवस्था को बदलने वाला शक्तिस्रोत वही है। धर्म के धनात्मक एवं गतिशील तत्व ही सभी धर्म क्रांतियों के नाभि केन्द्र रहे हैं। वे ही व्यक्ति और समाज के समन्वित विकास की रीढ़ है। Read more » Featured Guru Nanakdev Jayanti गुरुनानक देव भारतीय धर्म और संस्कृति के पुरोधा
समाज जिन्दगी के गुम हो गये अर्थों की तलाश November 6, 2016 | Leave a Comment जिन परिस्थितियों में व्यक्ति जी रहा है, उनसे निकल पाना किसी के लिए भी आज बड़ा कठिन-सा है। अपने व्यापार, अपने कैरियर, अपनी इच्छाओं को एक झटके में त्याग कर एकांतवास में कोई रह सके, यह आज संभव नहीं है और व्यावहारिक भी नहीं है। तथापि अपनी मानसिक शांति और स्वास्थ्य के प्रति आदमी पहले से अधिक जागरुक हो रहा है क्योंकि भौतिकवादी जीवनशैली के दुष्परिणाम वह देख और भुगत चुका है, इसलिए वह अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालकर प्रकृति की गोद में या ऐसे किसी स्थान पर बिताना चाहता है, जहां उसे शांति मिल सके। Read more » Featured अर्थों की तलाश ज़िन्दगी
विविधा यमुना की प्रदूषण मुक्ति पर राजनीति न हो November 4, 2016 | Leave a Comment ललित गर्ग लंबे समय से दिल्ली न केवल वायु प्रदूषण से बल्कि राजनीतिक प्रदूषण से भी दूषित है। आम जनजीवन की जिंदगी की परवाह किसी को नहीं है। वायु प्रदूषण, यमुना का लगातार दूषित होना, जानलेवा बीमारियों का हावी होना, दीपावली पर आतिशबाजी का धुआं होना, पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब द्वारा पराली जलाने, सड़कों […] Read more » Featured प्रदूषण मुक्ति यमुना यमुना की प्रदूषण मुक्ति राजनीति