कविता मकर संक्रांति की शुभकामनाएं January 14, 2025 / January 13, 2025 | Leave a Comment अलाव की गर्माहट हो, तिल-गुड़ के लड्डुओं की मिठास की शुभकामनाएं ! सुख खड़ा हो द्वार आपके, शान्ति और समृद्धि का वास हो, कोई न हताश हो, चहुंओर उल्लास हो मकर संक्रांति की शुभकामनाएं ! खुशियों की तरंग हो, आसमां में हर तरफ पतंग ही पतंग हो, मकर संक्रांति की शुभकामनाएं ! विश्वास की डोर […] Read more » मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
लेख इंटरनेट के दौर में कम हो रही है पठनीयता ! January 10, 2025 / January 10, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला आज सोशल मीडिया का दौर है। सूचना क्रांति के इस दौर में आज पठनीयता का अभाव हो गया है। आज से दस-बीस बरस पहले लोग जितने अखबार और पत्र-पत्रिकाएं पढ़ा करते थे, आज शायद उतना कोई नहीं पढ़ता है। पुस्तकालय में जाकर तो आज कोई व्यक्ति पुस्तक, पत्रिका या अखबार इश्यू करवाकर […] Read more » Readability is decreasing in the Internet era इंटरनेट के दौर में पठनीयता
लेख क्या मानवीय गतिविधियों का परिणाम हैं भूकंप ? January 8, 2025 / January 8, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जो बहुत बार बड़े जान-माल के नुकसान का कारण बनती है। भूकंप पृथ्वी के स्थलमंडल या इसके ऊपरी मेंटल में ऊर्जा के अचानक मुक्त होने के कारण आते हैं। गौरतलब है कि भूकंप के तीन मुख्य प्रकार होते हैं, जिनमें क्रमशः टेक्टोनिक, ज्वालामुखीय और पतन भूकंपों को […] Read more » Are earthquakes the result of human activities भूकंप
राजनीति विकास ही है लाल आतंक को खत्म करने का पुख्ता तरीका January 8, 2025 / January 8, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला ‘लाल आतंक” एक दंश है, एक नासूर है। सच तो यह है कि ‘लाल आतंक’ आज हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। हाल ही में नक्सलियों के हमले में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी(डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के 8 जवान शहीद हो गए। इस हमले में ड्राइवर […] Read more » Development is the only sure way to end red terror लाल आतंक को खत्म करने का पुख्ता तरीका
राजनीति विश्ववार्ता अविश्वसनीय देश है चीन ! January 7, 2025 / January 7, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला हमेशा – हमेशा से चीन के भारत के प्रति इरादे कुछ ठीक नहीं रहे हैं। समय-समय पर चीन का असली चेहरा दुनिया के सामने आ रहा है और सच तो यह है कि चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से बाज नहीं आ रहा है। इस क्रम में हाल ही में भारत ने चीन […] Read more »
लेख तेज़ी से बढ़ रहा है ई-कचरा January 6, 2025 / January 6, 2025 | Leave a Comment (ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर- 2024 रिपोर्ट) सुनील कुमार महला आज पूरे विश्व में प्रौद्योगिकी हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य और महत्वपूर्ण हिस्सा हो गई है। हम काम से लेकर मनोरंजन और संचार से लेकर शिक्षा, व्यापार, चिकित्सा तक, लगभग-लगभग हर काम के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों का उपयोग करते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति के साथ, एक […] Read more » E-waste is increasing rapidly ई-कचरा तेज़ी से बढ़ रहा है ई-कचरा
पर्यावरण लेख 2025 में भी जारी रहेगा तापमान बढ़ने का सिलसिला ! January 3, 2025 / January 3, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला बढ़ती जनसंख्या, विभिन्न मानवीय गतिविधियों और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन, वनों की अंधाधुंध कटाई, शहरीकरण, औधोगिकीकरण के कारण धरती पर निरंतर जलवायु परिवर्तन होता चला जा रहा है। कहना ग़लत नहीं होगा कि इस जलवायु परिवर्तन का असर अब पृथ्वी पर साफ दिखने लगा है। सच तो यह है कि आज […] Read more » The trend of increasing temperature will continue in 2025 also जारी रहेगा तापमान बढ़ने का सिलसिला
लेख समाज समय की जरूरत है डिजिटल फास्टिंग ! January 3, 2025 / January 2, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला डिजिटल क्रांति के इस युग में बच्चों का स्क्रीन टाइम लगातार बढ़ रहा है जो बच्चों की सेहत और भविष्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। कहना ग़लत नहीं होगा कि बदलते दौर में आज मोबाइल, इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग साइट्स हर व्यक्ति की दिनचर्या के अभिन्न हिस्से हो चले हैं। वास्तव […] Read more » The need of the hour is digital fasting!
राजनीति चिंता का विषय हैं बढ़ती विमान दुर्घटनाएं ! January 2, 2025 / January 2, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला सड़क हादसे ही नहीं, आज दुनिया भर में बढ़ते विमान हादसे भी घोर चिन्ता का विषय हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही देश के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं पर अत्यंत चिंताजनक वक्तव्य देते हुए यह बात कही थी कि जब वे सड़क […] Read more » The increasing number of plane accidents is a matter of concern! बढ़ती विमान दुर्घटनाएं
लेख नो डिटेंशन पॉलिसी के खात्मे से शिक्षा में होगा सुधार ! December 30, 2024 / December 30, 2024 | Leave a Comment सुनील कुमार महला हाल ही में केंद्र सरकार (शिक्षा मंत्रालय) ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है जिसके तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा, यह वाकई एक स्वागत योग्य कदम है। वास्तव में, केंद्र सरकार के इस फैसले से बच्चों के अंदर सीखने की इच्छा और ललक बढ़ेगी। नियम में बदलाव का फायदा यह होगा कि अब उन बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जो किसी कारणवश पढ़ाई में अच्छी परफोर्मेंस नहीं दे पाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो, इस दौरान छात्र की शिक्षा स्थिति को सुधारने के लिए शिक्षकों की ओर से विशेष कोशिश की जाएगी और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। शिक्षक न केवल छात्र विशेष के शैक्षणिक प्रदर्शन पर ध्यान देंगे, बल्कि उनके माता-पिता, अभिभावकों को भी समय समय पर उसके बारे मार्गदर्शन व सुझाव आदि देंगे। इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद पांचवीं और आठवीं कक्षा में जो छात्र फेल या असफल हो जाते हैं, उन्हें फेल/असफल ही घोषित किया जाएगा और उन्हें दो महीनों के भीतर एक बार पुनः परीक्षा में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाएगा और यदि वे इसमें भी फेल या असफल होते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति नहीं दी जाएगी। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि अभी तक आठवीं कक्षा तक फेल करने का प्रावधान नहीं था। यहां यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले, प्रारंभिक शिक्षा के दौरान किसी भी छात्र को कक्षा विशेष में रोकने की परमिशन नहीं थी। हालांकि, अब 5वीं और 8वीं कक्षा में शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर रोकने की परमिशन दी गई है। बहरहाल, एक और अच्छी बात यह है कि इस पॉलिसी के तहत किसी भी छात्र को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा। वर्ष 2010-11 से पहले पांचवीं और आठवीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षाओं का प्रावधान किया गया था,जिसे वर्ष 2010-11 से बंद कर दिया गया था। विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था। इससे स्कूली शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट आ गई थी। इतना ही नहीं, इसका प्रभाव 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर भी कमोबेश पड़ा और नतीजे खराब आ रहे थे। यहां तक कि राज्य सरकारें भी पहले से जारी व्यवस्था को लेकर असमंजस की स्थिति में थीं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद राज्य चाहें तो परीक्षा करा सकते हैं। पाठकों को बताता चलूं कि केंद्र सरकार ने कक्षा 5 व 8 के छात्रों को अनुत्तीर्ण न करने की नीति को खत्म करने के संबंध में शिक्षा के अधिकार कानून में बदलाव करके इसे वर्ष 2019 में ही अधिसूचित कर दिया था, लेकिन देश के बहुत से राज्य व केंद्र शासित प्रदेश इसे अपनाये हुए हैं। गौरतलब है कि जुलाई 2018 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर लोकसभा में शिक्षा का अधिनियम, 2009 के संशोधन पर अपनी बात रखते हुए यह कहा था कि ‘कई सरकारी स्कूल अब मिड डे मील स्कूल बन गए थे क्योंकि इनमें शिक्षा और सीखना ग़ायब है।’गौरतलब है कि उस समय केंद्र में नो डिटेंशन पॉलिसी थी, जिसे अब केंद्र सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए हटा दिया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शिक्षा संविधान में आज समवर्ती सूची का विषय है।1976 से पूर्व शिक्षा पूर्ण रूप से राज्यों का उत्तरदायित्व था, लेकिन 1976 में किये गए 42 वें संविधान संशोधन द्वारा जिन पाँच विषयों को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में डाला गया, उनमें शिक्षा भी शामिल थी। गौरतलब है कि समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर केंद्र और राज्य मिलकर काम करते हैं। अब केंद्र सरकार ने शिक्षा (पांचवीं/आठवीं कक्षा के बच्चों) के संदर्भ में यह निर्णय लिया है कि कमजोर छात्रों की मॉनीटरिंग हो और इनकी कमजोरी को चिह्नित कर अभिभावकों की मदद से इन छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार किए जा सकें। यह पॉलिसी केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय व सैनिक स्कूलों सहित सरकार द्वारा संचालित तीन हजार से ज्यादा स्कूलों में लागू होगी। कहना ग़लत नहीं होगा कि शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर लंबे समय से सवाल उठाये जा रहे थे। अब नई पालिसी से शिक्षा में पहले से कहीं अधिक सुधार होगा। यह भी कहना ग़लत नहीं होगा कि शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए, क्यों कि शिक्षा का किसी राष्ट्र का प्रमुख आधार स्तंभ होती है, विकास की असली रीढ़ होती है। आज भी हमारे देश की शिक्षा प्रणाली कमोबेश मैकोले शिक्षा प्रणाली पर आधारित है। अतः आज जरूरत इस बात की है कि शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर हमेशा ठोस कार्य हों। शिक्षा पद्धति को जटिल नहीं अपितु सरल होना चाहिए अथवा उसमें ऐसा समावेश किया जाना चाहिए, जिससे छात्र सरलता से जटिलता की ओर आगे बढ़ें। नीरस और स्तरहीन शिक्षा का कोई औचित्य नहीं होता। आज जरूरत इस बात की है कि शिक्षा में परंपरागत पद्धतियों के स्थान पर आधुनिक पद्धतियों का समावेश किया जाए। आज के परिवेश में छात्र अधिक महत्वपूर्ण है। विद्यालयों में विभिन्न संसाधनों इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही शिक्षकों की कमी आदि पर भी आज ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा में पर्यावरण, प्रकृति व खेल को विशेष स्थान दिया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा से जुड़ें। हमें यह बात अपने जेहन में रखनी चाहिए कि आज शिक्षा का अधिकार जितना अहम है, उतना ही उसकी गुणवत्ता में कंट्रोल भी जरूरी और अति आवश्यक है। बिना गुणवत्ता वाली शिक्षा का कोई औचित्य नहीं है। समाज को भी यह समझना होगा कि अनुत्तीर्ण छात्र को अनुत्तीर्ण करना ही उचित व सही है। अनुत्तीर्ण छात्र को उत्तीर्ण करने से शिक्षा में गुणवत्ता कहां से आएगी ? अनुत्तीर्ण छात्र की शिक्षा पर ध्यान दिया जा सकता है, उसे अभ्यास और मेहनत से नये आयामों की ओर ले जाया जा सकता है। कहना ग़लत नहीं होगा कि आज शिक्षा प्रणाली में निश्चित ही आमूलचूल परिवर्तन आए हैं, बहुत से सुधार किए गए हैं, लेकिन आज भी शिक्षा में और भी बहुत से सुधार किए जाने की आवश्यकता है। कहना ग़लत नहीं होगा कि शिक्षा को छात्रों को व्यावहारिक कौशल और ज्ञान से लैस करना चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और दूसरों पर कम निर्भर हों। सच तो यह है एक व्यापक व अच्छी शिक्षा प्रणाली ही हमारे शरीर,मन और आत्मा को समृद्ध करती है और हमें देश के अच्छे नागरिक बनाती है और इससे व्यक्ति,देश, समाज और राष्ट्र उन्नयन और प्रगति की ओर अग्रसर होते हैं। सुनील कुमार महला Read more » नो डिटेंशन पॉलिसी
राजनीति विश्ववार्ता चीन का डैम: हथियार है या वाकई चीन की जरूरत ? December 30, 2024 / December 30, 2024 | Leave a Comment हाल ही में चीन की जिनपिंग सरकार (कम्युनिस्ट सरकार) द्वारा अपनी सेना पीएलए के लिए 10 लाख कामकाजी ड्रोन के महाआर्डर देने के बाद से पूरी दुनिया में इसकी खूब चर्चा हो रही है। इसी बीच कुछ और खबरें भी चीन की तरफ से आ रहीं हैं। एक प्रमुख खबर हाल ही आई है कि […] Read more » चीन का डैम
राजनीति विश्ववार्ता ड्रैगन के इरादों पर पैनी नजर जरूरी है। December 26, 2024 / December 26, 2024 | Leave a Comment सुनील कुमार महला आज पूरी दुनिया रोबोटिक्स, ड्रोन और एआई के क्षेत्र में तेजी से प्रवेश कर रही है। यहां यदि हम ड्रोन्स के उपयोगों और प्रयोगों की बात करें तो इनमें क्रमशः जलवायु परिवर्तन की निगरानी, माल परिवहन, खोज और बचाव कार्यों में सहायता करना और कृषि आदि शामिल हैं। कोरोना काल में चिकित्सा […] Read more » It is important to keep a close eye on the dragon's intentions. ड्रैगन के इरादों पर पैनी नजर जरूरी है