धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के समाकालीन वैदिक धर्म प्रचारक अनुयायी महात्मा कालूराम जी August 28, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ऋषि दयानन्द की वैदिक विचार से प्रभावित होकर जिन प्रमुख लोगों ने वैदिक धर्म प्रचार को अपने जीवन का मिशन बनाया था उनमें से महात्मा कालूराम जी एक प्रमुख एक प्रसिद्ध महापुरुष हैं। महात्मा जी का बचपन का नाम धर्मचंद था। वह राजस्थान के शेखावटी के अन्तर्गत […] Read more » Featured महात्मा कालूराम जी
धर्म-अध्यात्म क्या मनुष्य जीवन का लक्ष्य केवल भौतिक सुख प्राप्त करना ही है? August 27, 2016 | 1 Comment on क्या मनुष्य जीवन का लक्ष्य केवल भौतिक सुख प्राप्त करना ही है? मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन का क्या लक्ष्य है? यदि आजकल के सम्पन्न लोगों के जीवन पर दृष्टि डालें तो लगता है कि उनके जीवन का लक्ष्य उचित व अनुचित तरीकों से धन कमाना और उसका अधिक से अधिक संचय कर सुख सुविधाओं की वस्तुओं को प्राप्त करना, देश विदेश की यात्रायें करना, घूमना-फिरना ही […] Read more » भौतिक सुख मनुष्य जीवन का लक्ष्य
धर्म-अध्यात्म वेदों में ईश्वर का स्वरुप, श्री कृष्ण और स्वामी दयानन्द August 26, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मानव धर्म, संस्कृत और सभ्यता का आरम्भ सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर प्रदत्त चार वेदों के ज्ञान से हुआ है। संसार के सभी लोगों की धर्म, संस्कृति और सभ्यता वही है जो वेदों में वर्णित व समर्थित है। इसका प्रमुख आधार यह है कि वेद मनुष्यों की रचना न होकर साक्षात ईश्वर […] Read more » वेदों में ईश्वर का स्वरुप श्री कृष्ण और स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म योगेश्वर श्री कृष्ण के विषय में उनके समकालीन प्रमुख ऐतिहासिक पुरुषों की सम्मतियां August 25, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य कल 25 अगस्त, 2016 को श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव है। भारत के महान ऐतिहासिक पुरुषों में जो स्थान श्री राम चन्द्र जी और श्री कृष्ण जी को प्राप्त है वह अन्य किसी को नहीं है। इन महापुरुषों के जीवन के आदर्शों के कारण ही मध्यकाल में इन्हें अवतार तक की संज्ञा […] Read more » योगेश्वर श्री कृष्ण
धर्म-अध्यात्म परमात्मा मनुष्य का साथ कभी नहीं छोड़ता August 24, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्य विद्वान अनूप सिंह जी ने 29 जून सन् 1994 को देहरादून में एक आर्यबन्धु श्री रामेश्वर प्रसाद आर्य के निवास पर एक पारिवारिक सत्संग में वैदिक प्रवचन करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किये थे। इस आयोजन का संचालन करते हुए हमने उनके प्रवचन को यथाशक्ति नोट किया था। इस प्रवचन की […] Read more » परमात्मा परमात्मा मनुष्य का साथ कभी नहीं छोड़ता
धर्म-अध्यात्म संसार में किन व कौन सी मूल सत्ताओं का अस्तित्व हैं? August 22, 2016 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमें जो मानव शरीर मिला है उसमें पांच ज्ञान इन्द्रियां और पांच कर्म इन्द्रियां हैं। इनके अतिरिक्त शरीर के भीतर स्थित मन, बुद्धि, चित्त व अहंकार अन्तःकरण चतुष्टय कहलता है। यह सभी अपना अपना काम पूरी कुशलता से करते हैं। किसी को इनके होने व कार्य करने में कोई शंका व भ्रान्ति […] Read more » god is omnipresent मूल सत्ताओं का अस्तित्व
विविधा आर्यभाषा हिन्दी के प्रचार व प्रसार में ऋषि दयानन्द का योगदान August 18, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द (1825-1883) का जन्म गुजरात राज्य के मोरवी जिलान्तर्गत टंकारा नामक कस्बे में 12 फरवरी, सन् 1825 को हुआ था। अतः स्वाभाविक रूप से गुजराती उनकी मातृभाषा थी। ईश्वर व सत्य ज्ञान की खोज में वह देश के अनेक भागों में गये और वहां विद्वानों व योगियों के सम्पर्क से उन्होंने […] Read more » आर्यभाषा हिन्दी के प्रचार व प्रसार में ऋषि दयानन्द का योगदान
धर्म-अध्यात्म एक विस्मृत वैदिक ऋषि-भक्त शास्त्रार्थ महारथीः पं. गणपति शर्मा August 18, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य प्राचीनकाल में धर्मिक विषयों में भ्रान्ति दूर करने वा सत्यासत्य के निर्णयार्थ शास्त्रार्थ किया जाता था। सृष्टि के आरम्भ से यह मान्यता चली आ रही प्रतीत होती है कि वेद ईश्वरीय ज्ञान होने के कारण सम्पूर्णतया सत्य विचारों, मान्यताओं एवं सिद्धान्तों के ग्रन्थ हैं और वेदानुकूल सभी शास्त्रों की बातें भी स्वीकार्य, […] Read more » पं. गणपति शर्मा
जन-जागरण विविधा मनुष्य शरीर ईश्वर व मोक्ष प्राप्ति का साधन भी August 16, 2016 | 1 Comment on मनुष्य शरीर ईश्वर व मोक्ष प्राप्ति का साधन भी मनुष्य शरीर मल-मूत्र बनाने की मशीन सहित ईश्वर व मोक्ष प्राप्ति का साधन भी -मनमोहन कुमार आर्य वास्तविक दृष्टि से देखा जाय तो शरीर मल-मूत्र बनाने की एक मशीन ही है। इसको उत्तम-से-उत्तम भोजन या भगवान् का प्रसाद खिला दो तो वह मल बनकर निकल जायगा तथा उत्तम-से-उत्तम पेय या गंगाजल पिला दो तो वह […] Read more » मोक्ष प्राप्ति
समाज यथार्थ वर्णव्यवस्था और दलितोद्धार में महर्षि दयानन्द का योगदान August 15, 2016 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जन्मना वर्ण-जाति व्यवस्था से ग्रस्त भारतीयों को वैदिक वर्णव्यवस्था के यथार्थ स्वरुप, जो गुण, कर्म व स्वभाव पर आधारित था व होता है, से परिचित कराया। महर्षि दयानन्द के विचारों को ‘‘सत्यार्थप्रकाश” ग्रन्थ के चौथे समुल्लास को पढ़कर […] Read more » Featured दलितोद्धार दलितोद्धार में महर्षि दयानन्द का योगदान महर्षि दयानन्द यथार्थ वर्णव्यवस्था
विविधा देश को स्वतन्त्रता दिलाने में ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज की भूमिका August 15, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महाभारत युद्ध के बाद अविद्या का अन्धकार सारे देश में फैल गया जो मनुष्यों की पराधीनता का कारण बना। उस अविद्यान्धकार से हम आज तक भी स्वतन्त्र नहीं हो पाये हैं। महाभारत काल के बाद अविद्या के कारण अहिंसा का पर्याय यज्ञों में हिंसा होना आरम्भ हो गया था। वेदों के यथार्थ […] Read more » Featured देश को स्वतन्त्रता दिलाने में ऋषि दयानन्द की भूमिका स्वतन्त्रता
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का सदस्य बनने से जीवन की उन्नति व अनेकानेक लाभ August 10, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर इस सृष्टि का रचयिता व पालक है। मनुष्य व अन्य सभी प्राणियों को जन्म देने वाला भी वह ईश्वर ही है। मनुष्य का जन्म माता-पिता से एक शिशु के रूप में होता है। जन्म व उसके बाद लम्बी अवधि तक यह नवजात शिशु न बोल पाता है, न चल-फिर पाता है […] Read more » आर्यसमाज का सदस्य जीवन की उन्नति