धर्म-अध्यात्म कल्याण मार्ग के पथिक व वीर विप्र योद्धा ऋषिभक्त स्वामी श्रद्धानन्द October 20, 2020 / October 20, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यस्वामी श्रद्धानन्द ऋषि दयानन्द के शिष्यों में एक प्रमुख शिष्य हैं जिनका जीवन एवं कार्य सभी आर्यजनों व देशवासियों के लिये अभिनन्दनीय एवं अनुकरणीय हैं। स्वामी श्रद्धानन्द जी का निजी जीवन ऋषि दयानन्द एवं आर्यसमाज के सम्पर्क में आने से पूर्व अनेक प्रकार के दुर्व्यसनों से ग्रस्त था। इन दुव्यर्सनों के त्याग में […] Read more » वीर विप्र योद्धा ऋषिभक्त स्वामी श्रद्धानन्द स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म ईश्वर की आज्ञा पालन के लिये सबको अग्निहोत्र यज्ञ करना चाहिये October 19, 2020 / October 19, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यपरमात्मा इस संसार का स्वामी है। उसी ने इस संसार को बनाया और वही संसार का पालन कर रहा है। इस संसार को बनाने का उद्देश्य परमात्मा द्वारा अनादि तथा नित्य जीवों को उनके पूर्वजन्मों के अनुसार उनके योग्य प्राणी योनियों में जन्म देना, उनके कर्मों के अनुसार उन्हें सुख व दुःख देना, […] Read more » Everyone should perform Agnihotra Yagya to obey God. अग्निहोत्र यज्ञ
धर्म-अध्यात्म वेदोद्धारक, समाज सुधारक तथा आजादी के मंत्रदाता ऋषि दयानन्द October 17, 2020 / October 17, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य विश्व का धार्मिक जगत ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उन्होंने विश्व को सद्धर्म का विचार दिया था। एस सद्धर्म की पूरी योजना व प्रारूप भी उन्होंने अपने ग्रन्थों व विचारों में प्रस्तुत किया है। उन्होंने बतया था कि मत-मतान्तर व सत्य धर्म में अन्तर होता है। मत-मतान्तर धर्म नहीं अपितु अविद्या […] Read more » social reformer and freedom minister Rishi Dayanand Vedicist ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म यज्ञमय शाकाहार युक्त वैदिक जीवन ही सर्वोत्तम जीवन है October 14, 2020 / October 14, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवेद सृष्टि के प्राचीनतम ग्र्रन्थ हैं। वेदों के अध्ययन से ही मनुष्यों को धर्म व अधर्म का ज्ञान होता है जो आज भी प्रासंगिक एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। वर्तमान में संसार में जो मत-मतान्तर प्रचलित हैं वह सब भी वेद की कुछ शिक्षाओं से युक्त हैं। उनमें जो अविद्यायुक्त कथन व मान्यतायें हैं […] Read more » Vedic life with sacrificial vegetation is the best life शाकाहार युक्त वैदिक जीवन
धर्म-अध्यात्म आत्मा, अनादि, अविनाशी व जन्म-मरण धर्मा है तथा मोक्ष की कामना से युक्त है October 13, 2020 / October 13, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन अनादि तथा नित्य पदार्थ हैं। यह पदार्थ हैं ईश्वर, जीवात्मा तथा प्रकृति। ईश्वर सत्य चित्त आनन्दस्वरूप एवं सर्वज्ञ है। आत्मा सत्य, चेतन एवं अल्पज्ञ है। प्रकृति सत्य एवं जड़ सत्ता है। अनादि पदार्थ वह होते हैं जिनका अस्तित्व सदा से है और सदा रहेगा। इन्हें किसी अन्य सत्ता […] Read more » imperishable and birth-born is righteousness and is blessed with salvation The soul is eternal अनादि अविनाशी व जन्म-मरण धर्मा आत्मा मोक्ष की कामना
धर्म-अध्यात्म मनुष्यों के दो प्रमुख आवश्यक कर्तव्य सन्ध्या एवं देवयज्ञ अग्निहोत्र October 12, 2020 / October 12, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसके पास विचार करने तथा सत्य व असत्य का निर्णय करने के लिए परमात्मा से बुद्धि प्राप्त है। जैसी मनुष्यों के पास मनन करने योग्य बुद्धि होती है वैसी मनुष्येतर प्राणियों के पास नहीं होती। इस कारण मनुष्य संसार में अन्य प्राणियों की तुलना में एक […] Read more » evening and Devyagna Agnihotra सन्ध्या एवं देवयज्ञ अग्निहोत्र
धर्म-अध्यात्म विश्व समुदाय द्वारा वेदों की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है October 11, 2020 / October 11, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वेद ईश्वर प्रदत्त सब सत्य विद्याओं का ज्ञान है जो सृष्टि की आदि में अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को प्राप्त हुआ था। इस सृष्टि को सर्वव्यापक, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान तथा सच्चिदानन्दस्वरूप आदि लक्षणों वाले परमात्मा ने ही बनाया है। उसी परमात्मा ने सभी वनस्पतियों व […] Read more » Ignoring the Vedas by the world community is unfortunate वेदों की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण
धर्म-अध्यात्म हमें मनुष्य जन्म वेदधर्म के पालन तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए मिला है October 10, 2020 / October 10, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में बहुत कम मनुष्य ऐसे हैं जो अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करते हैं। यदि वह ऐसा करते हैं और उन्हें सौभाग्य से कोई सद्गुरु या सत्साहित्य प्राप्त हो जाये, तो ज्ञात होता है कि हमें हमारा यह जन्म परमात्मा ने हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर शुभ […] Read more » वेदधर्म के पालन
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का आत्मा कर्म करने में स्वतन्त्र और फल भोगने में परतंत्र है October 8, 2020 / October 8, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमें ज्ञात है व ज्ञात होना चाहिये कि संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों का अस्तित्व है। यह तीन पदार्थ ईश्वर, जीव व प्रकृति हैं। ईश्वर व जीव सत्य एवं चेतन पदार्थ हैं। ईश्वर स्वभाव से आनन्द से युक्त होने से आनन्दस्वरूप है तथा जीव आनन्द व सुख से युक्त […] Read more » कर्म करने में स्वतन्त्र फल भोगने में परतंत्र मनुष्य का आत्मा
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने सत्य के निर्णयार्थ सब धर्माचार्यों से शास्त्रार्थ किये थे October 7, 2020 / October 7, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सभी मनुष्य बुद्धि रखते हैं जो ज्ञान प्राप्ति में सहायक होने के साथ सत्य व असत्य का निर्णय कराने में भी सहायक होती है। एक ही विषय में अनेक मनुष्यों व आचार्यों के विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यह भी सत्य एवं प्रामणिक तथ्य है कि एक विषय में सत्य एक […] Read more » ऋषि दयानन्द धर्माचार्यों से शास्त्रार्थ सत्य के निर्णयार्थ
धर्म-अध्यात्म वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्यस्वरूप में विश्वास से जीवन की सफलता October 5, 2020 / October 5, 2020 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का आत्मा सत्य व असत्य का जानने वाला होता है परन्तु अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह तथा अविद्या आदि दोषों के कारण वह सत्य को छोड़ असत्य में झुक जाता है। ऐसा होने पर मनुष्य की भारी हानि होती है। मनुष्य को सत्य को पकड़ कर रखना चाहिये और […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म वेदों को अपना लेने से विश्व की सब समस्याओं का समाधान October 4, 2020 / October 4, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया […] Read more » Solving all the problems of the world by adopting Vedas विश्व की सब समस्याओं का समाधान वेदों को अपना लेने से