कला-संस्कृति ‘ईश्वर के सच्चे पुत्र व सन्देशवाहक वेदज्ञ महर्षि दयानन्द’ February 17, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने जीवन में जो कार्य किया, उससे वह ईश्वर के सच्चे पुत्र व ईश्वर के सन्देशवाहक कहे जा सकते हैं। स्वयं महर्षि दयानन्द की विचारधारा के अनुसार संसार में जन्म लेने वाला हर प्राणी व इस ब्रह्माण्ड में जितनी भी जीवात्मायें हैं, वह सब ईश्वर की पुत्र […] Read more » ‘ईश्वर के सच्चे पुत्र व सन्देशवाहक वेदज्ञ महर्षि दयानन्द’ maharshi dayanand saraswati
कला-संस्कृति स्वयं विषपान कर संसार को अमृत पिलाने वाला अनोखा ऋषि दयानन्द सरस्वती February 15, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द का शिवरात्रि से गहरा ऐतिहासिक सम्बन्ध है। शिवरात्रि के व्रत ने ही बालक मूलशंकर को सच्चे शिव अर्थात् सृष्टि के रचयिता ईश्वर की खोज करने की प्रेरणा की। घर व परिवारजनों के बीच रहकर वह अपना अभीष्ट लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते थे। इसके लिए उन्हें ऐसे विद्वानों, आचार्यो, […] Read more » Swami Dayanand Saraswati स्वयं विषपान कर संसार को अमृत पिलाने वाला अनोखा ऋषि दयानन्द सरस्वती
विविधा ‘सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज’ February 12, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- भारत के प्रसिद्ध सन्तों में ’ शामिल गुरू रविदासजी ने अपनी अन्त: प्रेरणा पर सांसारिक भोगों में रूचि नहीं ली। बचपन में ही वैराग्य-वृति व धर्म के प्रति लगाव के लक्षण उनमें प्रकट हुए थे। अध्यात्म के प्रति गहरी रूचि उनमें जन्मजात थी और जब कहीं अवसर मिलता तो वह विद्वानों […] Read more » ‘सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज’ Sant Guru Ravidas and Arya Samaj
विविधा ‘प्राचीन काल में भारत से दूर देशों में मनुष्यों का जीवन’ February 3, 2014 / February 3, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- सत्यार्थ प्रकाश के 13वें समुल्लास का अध्ययन करते हुए हमारे मन में कई बार विचार आया कि लगभग दो हजार वर्ष पहले यरूशलम व उसके आसपास तथा योरूप आदि के लोगों का जीवन व दिनचर्या किस प्रकार की रही होगी। इसका कारण बाइबिल में जो विचार दिये गये हैं, […] Read more » ‘प्राचीन काल में भारत से दूर देशों में मनुष्यों का जीवन’ A depth literature of ved