समाज माता पिता की सेवा से ही सन्तान का जीवन सुखी व सफल होता है September 19, 2020 / September 19, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में माता–पिता के द्वारा जन्म प्राप्त पर यहां आये हैं। यदि हमारे माता–पिता न होते तो हमारा जन्म नहीं हो सकता था। हमारे जन्म की जो प्रक्रिया है उसमें हमारे माता–पिता को अनके प्रकार के कष्ट उठाने तथा पुरुषार्थ करने पड़ते हैं। यह ऐसा कार्य है कि जो […] Read more » The life of a child is happy and successful only by the service of parents माता पिता की सेवा
समाज देश के कर्णधार हमारे शिक्षक व शिष्य कैसे हों? September 19, 2020 / September 19, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य शिक्षा देने व विद्यार्थियों को शिक्षित करने से अध्यापक को शिक्षक तथा शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिष्य कहा जाता है। आजकल हमारे शिक्षक बच्चों को अक्षर व संख्याओं का ज्ञान कराकर उन्हें मुख्यतः भाषा व लिपि से परिचित कराने के साथ गणना करना सिखाते हैं। आयु वृद्धि के साथ […] Read more » How should our teachers and disciples be the masters of the country शिक्षक व शिष्य शिक्षक व शिष्य कैसे हों
धर्म-अध्यात्म सत्य के ग्रहण तथा अन्धविश्वासों के त्याग में ही जीवन की सार्थकता है September 17, 2020 / September 17, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को मनुष्य का जन्म ज्ञान की प्राप्ति तथा उसके अनुसार आचरण करने के लिये मिला है। यदि मनुष्य सत्यज्ञान की प्राप्ति के लिये प्रयत्न नहीं करता तो उसका अज्ञान व अन्धविश्वासों में फंस जाना सम्भव होता है। अज्ञानी मनुष्य अपने जीवन में लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति नहीं कर सकते। सत्यज्ञान […] Read more » Life is meaningful only in the eclipse of truth and renunciation of superstitions. अन्धविश्वासों के त्याग सत्य के ग्रहण
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन में ज्ञेय कुछ मौलिक प्रश्नों पर विचार व उनके समाधान September 16, 2020 / September 16, 2020 | Leave a Comment इस अनन्त संसार में हम अनन्त प्राणियों में से एक प्राणी है जिसका मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति करना है। ज्ञान यह प्राप्त करना है कि हम कौन हैं, कहां से आये हैं, कहां जाना हैं? हमारा अस्तित्व कब से है, यह अस्तित्व कब व कैसे अस्तित्व में आया, इसका भविष्य में क्या होगा? हम […] Read more » मनुष्य जीवन
धर्म-अध्यात्म सृष्टि, प्राणी-जगत, भाषा एवं ज्ञान की उत्पत्ति किससे हुई? September 16, 2020 / September 16, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम संसार में रहते हैं और सृष्टि वा संसार को अपनी आंखों से निहारते हैं। सृष्टि का अस्तित्व प्रत्यक्ष एवं प्रामणिक है। हमारी यह सृष्टि कोई अनुत्पन्न, अनादि व नित्य रचना नहीं है। इसका अतीत में आविर्भाव व उत्पत्ति हुई है। इसके अनेक प्रमाण है। यह सर्वसम्मत सिद्धान्त है कि सृष्टि […] Read more » From whom did creation language and knowledge originate? भाषा एवं ज्ञान की उत्पत्ति
धर्म-अध्यात्म अन्य कार्य करते हुए ईश्वर के उपकारों का चिन्तन आवश्यक है September 14, 2020 / September 14, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य को जीवन में अनेक कार्य करने होते हैं। उसे अपने निजी, पारिवारिक व सामाजिक कर्तव्यों की पूर्ति के लिये समय देना पड़ता है। धनोपार्जन भी एक गृहस्थी मनुष्य का आवश्यक कर्तव्य है। इन सब कार्यों को करते हुए मनुष्य को अवकाश कम ही मिलता है। अतः सभी कामों को समय विभाग के […] Read more » ईश्वर के उपकारों का चिन्तन
धर्म-अध्यात्म वेद एवं वैदिक साहित्य के स्वाध्याय से मनुष्य श्रेष्ठ मनुष्य बनता है September 13, 2020 / September 13, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वेद सृष्टि की आदि में परमात्मा द्वारा अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न चार ऋषियों को दिया गया ईश्वरीय सत्य व निर्दोष ज्ञान है। प्राचीन मान्यता है कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेदों में सब मनुष्यों को ‘मनुर्भव’ अर्थात् मनुष्य बनने का सन्देश दिया गया है। इसका अर्थ है कि […] Read more » वेद एवं वैदिक साहित्य
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, जीव व प्रकृति न होते तो संसार का अस्तित्व न होता September 12, 2020 / September 12, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन अनादि सत्तायें हैं। यह सत्तायें नित्य अर्थात् सदा रहने वाली हैं। इनका अभाव कभी नहीं होता। जो पदार्थ अनादि होता है वह अनन्त अर्थात् नाशरहित व अमर भी होता है। इस कारण से इन तीनों पदार्थों का कभी नाश व अभाव नहीं होगा। हमारा आधुनिक विज्ञान वेदों से […] Read more » creatures and nature were not there The world would not exist if God संसार का अस्तित्व
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने विश्व कल्याण की भावना से वेदों का प्रचार किया September 11, 2020 / September 11, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना किसी नवीन मत–मतान्तर के प्रचार अथवा प्राचीन वैदिक धर्म के उद्धार के लिये ही नहीं की थी अपितु उन्होंने वेदों का जो पुनरुद्धार व प्रचार किया उसका उद्देश्य विश्व का कल्याण करना था। यह तथ्य उनके सम्पूर्ण जीवन व कार्यों पर दृष्टि डालने व मूल्याकंन […] Read more » Rishi Dayanand preached the Vedas with the spirit of world welfare. ऋषि दयानन्द वेदों का प्रचार
धर्म-अध्यात्म मनुष्य की पूर्ण आत्मोन्नति वेदज्ञान एवं आचरण से ही सम्भव है September 10, 2020 / September 10, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का शरीर जड़ प्रकृति से बना होता है जिसमें एक सनातन, शाश्वत, अनादि, नित्य चेतन सत्ता जिसे आत्मा के नाम से जाना जाता है, निवास करती है। जीवात्मा को उसके पूर्वजन्मों के कर्मों का भोग कराने के लिये ही परमात्मा उसे जन्म व शरीर प्रदान करते हैं। शुभ व पुण्य […] Read more » वेदज्ञान
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज शुद्ध ज्ञान व कर्मों से युक्त मनुष्य का निर्माण करता है September 7, 2020 / September 7, 2020 | Leave a Comment देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के […] Read more »
चिंतन धर्म-अध्यात्म देश एवं मानव निर्माण में गोरक्षा एवं गोसंवर्धन का महत्वपूर्ण स्थान September 7, 2020 / September 7, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने मनुष्य एवं इतर आत्माओं के लिये इस सृष्टि को उत्पन्न कर धारण किया है। परमात्मा में ही यह सारा ब्रह्माण्ड विद्यमान है। आश्चर्य होता है कि असंख्य व अनन्त लोक–लोकान्तर परमात्मा के निमयों का पालन करते हुए सृष्टि उत्पत्ति काल 1.96 अरब वर्षों से अपने अपने पथ पर चल […] Read more » Important place of cow protection Important place of cow protection and cow culture Important place of cow protection and cow culture in country and man-making गोरक्षा एवं गोसंवर्धन