धर्म-अध्यात्म धर्म सत्य गुणों के धारण व वेदानुकूल आचरण को कहते हैं May 25, 2020 / May 25, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य की प्रमुख आवश्यकता सद्ज्ञान है जिससे युक्त होकर वह अपना जीवन सुखपूर्वक व्यतीत कर सके और संसार व जीवन विषयक सभी शंकाओं व प्रश्नों के सत्य उत्तर वा समाधान प्राप्त कर सके। यह कार्य कैसे सम्भव हो? यदि सृष्टि के आरम्भ की स्थिति पर विचार करें तो परिस्थितियों के आधार […] Read more » वेदानुकूल आचरण
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने ईश्वर और मातृभूमि के किन ऋणों को चुकाया? May 23, 2020 / May 23, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द सृष्टि की आदि में प्रवृत्त वैदिक ऋषि परम्परा वाले एक ऋषि थे। उन्होंने विलुप्त वेदों का अत्यन्त पुरुषार्थपूर्वक ज्ञान अर्जित किया था। ईश्वर की उन पर कृपा हुई थी जिससे वह अपने अपूर्व प्रयत्नों से वेदज्ञान को प्राप्त करने में सफल हुए थे। वेदज्ञान प्राप्त करने पर उन्हें वेद […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म आत्मा की उन्नति के बिना सामाजिक तथा देशोन्नति सम्भव नहीं May 22, 2020 / May 22, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मनन का अर्थ सत्यासत्य का विचार करना होता है। सत्यासत्य के विचार करने की सामथ्र्य मनुष्य को विद्या व ज्ञान की प्राप्ति से होती है। विद्या व ज्ञान प्राप्ति के लिये बाल्यावस्था में किसी आचार्य से किसी पाठशाला, गुरुकुल या विद्यालय में अध्ययन करना होता […] Read more » आत्मा की उन्नति
धर्म-अध्यात्म संसार का ईश्वर के एक सत्यस्वरूप पर सहमत न होना कल्याणकारी नहीं May 22, 2020 / May 22, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार एक अपौरुषेय सत्ता द्वारा बनाया गया है। वही सत्ता इस संसार को बनाती है व चलाती भी है। संसार को बनाकर उसने ही अपनी योजना के अनुसार अनादि, अविनाशी, नित्य व जन्म–मरण धर्मा जीवात्माओं को इस संसार में भिन्न–भिन्न प्राणी योनियों में जन्म दिया है। जीवात्माओं का जन्म […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म विश्व की सभी अपौरुषेय रचनायें ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण हैं May 20, 2020 / May 20, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य अधिकांश मनुष्यों को यह नहीं पता कि संसार में ईश्वर है या नहीं? जो ईश्वर को मानते हैं वह भी ईश्वर के पक्ष में कोई ठोस प्रमाण प्रायः नहीं दे पाते। ऋषि दयानन्द ने अपने समय में ईश्वर की उपस्थिति व अस्तित्व के विषय में विचार कर स्वयं ही ईश्वर के […] Read more » ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द वेद, योग तथा ब्रह्मचर्य की शक्तियों से देदीप्यमान थे May 20, 2020 / May 20, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द संसार के सभी मनुष्यों व महापुरुषों से अलग थे। उनका जीवन वेदज्ञान, योग सिद्धि तथा ब्रह्मचर्य की शक्तियों से देदीप्यमान था। महाभारत के बाद इन सभी गुणों का विश्व के किसी एक महापुरुष में होना विदित नहीं होता। इन गुणों ने ही उन्हें विश्व का महान महापुरुष बनाया। वेदज्ञान […] Read more » Sage Dayananda was resplendent with the powers of Veda yoga and celibacy. ऋषि दयानन्द
खान-पान तामसिक भोजन व मांसाहार करने वाला मनुष्य ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता May 17, 2020 / May 17, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम और हमारा यह संसार परमात्मा के बनाये हुए हैं। संसार में जितने भी प्राणी हैं वह सब भी परमेश्वर ने ही बनाये हैं। परमेश्वर ने सब प्राणियों को उनके पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये बनाया है। परमात्मा ने मनुष्यों के शरीर की जो […] Read more » ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता तामसिक भोजन व मांसाहार
धर्म-अध्यात्म धार्मिक एवं सामाजिक साहित्य में सत्यार्थप्रकाश का अग्रणीय स्थान May 17, 2020 / May 17, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में धर्म व नैतिकता विषयक अनेक ग्रन्थ हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। इन सब ग्रन्थों की रचना व परम्परा का आरम्भ सृष्टि के आदिकाल में ही ईश्वर प्रदत्त वेदों का ज्ञान देने के बाद से हो गया था। सृष्टि को बने हुए 1.96 अरब वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने विश्व को सद्धर्म और उसके लाभों से परिचित कराया May 17, 2020 / May 17, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश में वैदिक धर्म के सत्यस्वरूप को प्रस्तुत कर उसका प्रचार किया था। उनके समय में धर्म का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। न कोई धर्म को जानता था न अधर्म को। धर्म के न जानने व अधर्म से होने वाली हानियों का भी मनुष्यों को ज्ञान […] Read more » ऋषि दयानन्द
लेख देश की सुख-समृद्धि एवं सुरक्षा के लिये गोवध पर पूर्ण प्रतिबन्ध अनिवार्य है May 15, 2020 / May 15, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य तथा पशु-पक्षी आदि सभी प्राणियों की उत्पत्ति अपने पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये हुई है। मनुष्य योनि उभय योनि है जिसमें मनुष्य पूर्वजन्मों के कर्मों का फल भोगता है तथा नये कर्मों को भी करता है। यह नये कर्म मनुष्य के बन्धन व […] Read more » गोवध पर पूर्ण प्रतिबन्ध गोहत्या राष्ट्र हत्या
विश्ववार्ता उपयोग की सभी वस्तुओं का उत्पादन व उपयोग ही देशोन्नति का मूल है May 15, 2020 / May 15, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, भारत विश्व का सबसे प्राचीन राष्ट्र है। भारत ने ही सृष्टि के आरम्भ से विश्व के लोगों को भाषा एवं ज्ञान दिया है। विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थों में प्रमुख मनुस्मृति के अनुसार भारत वा आर्यावर्त देश ही विश्व में विद्वान, चरित्रवान व गुणी लोगों को उत्पन्न करने वाला देश है। यहां […] Read more » उपयोग की सभी वस्तुओं का उत्पादन व उपयोग
राजनीति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का देश को उत्साहवर्धक एवं प्रेरणादायक सम्बोधन May 15, 2020 / May 15, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य दिनांक 12-5-2020 की रात्रि 8.00 बजे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने करोना महामारी की चर्चा की और कहा कि इस रोग को हमें रोग से बचाव सम्बन्धी सभी सावधानियों को रखकर पराजित करना है। इसके साथ ही देश की उन्नति सहित […] Read more » नरेन्द्र मोदी का देश को उत्साहवर्धक एवं प्रेरणादायक सम्बोधन श्री नरेन्द्र मोदी