धर्म-अध्यात्म प्रतिदिन स्वाध्याय सबके जीवन का आवश्यक अंग होना चाहिये November 28, 2019 / November 28, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य की आत्मा अनादि, नित्य, अजर, अमर, सूक्ष्म, ससीम, जन्म-मरणधर्मा, कर्म के बन्धनो में बंधी हुई, वेद ज्ञान प्राप्त कर उसके अनुसार कर्म करते हुए मोक्ष को प्राप्त होने वाली एक चेतन सत्ता है। चेतन सत्ता में ज्ञान एवं प्रयत्न गुण होता है। जीवात्मा एकदेशी होने से अल्पज्ञ होता है। इसको […] Read more » स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म यदि सभी मनुष्य विवेकयुक्त होते तो वेद और सत्यार्थप्रकाश सर्वमान्य धर्मग्रन्थ होते November 25, 2019 / November 25, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन अनादि सत्तायें वा पदार्थ हैं जो ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से वैदिक साहित्य में वर्णित किये गये हैं। वेदों की भाषा मनुष्यकृत न होकर परमात्मा की अपनी भाषा है। वेद की संस्कृत भाषा के शब्द भी परमात्मा के द्वारा प्रयुक्त होने से उसके द्वारा उत्पन्न वा […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
समाज सन्तान के जीवन में माता-पिता का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है November 25, 2019 / November 25, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम संसार में अपनी अपनी माता के गर्भ से उत्पन्न हुए हैं वा हमने अपनी माता से जन्म लिया है। यदि माता न हो तो हम अपने जन्म की कल्पना भी नहीं कर सकते। परमात्मा ने इस सृष्टि को बनाया है और उसी ने इस माता-पुत्र से पवित्र सम्बन्ध को भी […] Read more » माता-पिता का स्थान
धर्म-अध्यात्म यज्ञ प्रदुषण निवारक एवं अनेक लाभ प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय November 19, 2019 / November 19, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने इस सृष्टि को जीवों के भोग व अपवर्ग (मोक्ष) के लिये बनाया है। परमात्मा द्वारा बनाई गई यह सृष्टि 1.96 अरब पुरानी होने पर आज भी हर दृष्टि से नवीनता व शुद्धता को धारण किये हुए है। परमात्मा ने मनुष्यों के कल्याण के लिये सृष्टि के आरम्भ में वेदों […] Read more » yagya and pollution यज्ञ एवं प्रदुषण
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने अविद्या दूर करने और समाज सुधार कार्यों से वैदिक धर्म की रक्षा की November 19, 2019 / November 19, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द (1825-1883) सन् 1863 में देश व समाज का सुधार करने तथा विलुप्त वेद और वैदिक धर्म का पुनरुद्धार करने के कार्यों में प्रवृत्त हुए थे। उनके समय में शुद्ध वैदिक धर्म विलुप्त होकर इसमें नाना प्रकार के अन्धविश्वास, मिथ्या मान्यतायें तथा अन्यान्य सामाजिक कुरीतियां प्रचलित हो गई थी जिससे […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मनुष्यों की आदि सृष्टि भूगोल के किस स्थान पर हुई? November 19, 2019 / November 19, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार अत्यन्त विशाल है। संसार में हम पृथिवी के प्रायः सभी देशों को सम्मिलित करते हैं और इसे विश्व भी कहा जाता है। इस पूरे भूगोल में सबसे पूर्व मानव सृष्टि किस स्थान पर हुई थी? इस प्रश्न का उत्तर महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश के आठवें समुल्लास में दिया […] Read more » emerge of human आदि सृष्टि भूगोल मनुष्यों की आदि सृष्टि
धर्म-अध्यात्म गुरुकुल न होते वेद और शास्त्रों की रक्षा सहित धर्म रक्षा होनी सम्भव नहीं थी November 12, 2019 / November 12, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन में शरीर और आत्मा दोनों का महत्व होता है। यदि शरीर न रहे तो आत्मा का महत्व नहीं और आत्मा न रहे तो शरीर का महत्व नहीं होता। इसी प्रकार महत्व में दोनों एक दूसरे के पूरक हैं तथापि शरीर से आत्मा के निकल जाने पर शरीर महत्वहीन […] Read more » गुरुकुल
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज की स्थापना की पृष्ठभूमि एवं गुरुकुल स्थापना सहित इसके कुछ प्रमुख कार्य” November 8, 2019 / November 8, 2019 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से महाभारत युद्ध पर्यन्त ईश्वर प्रदत्त ज्ञान वेद के अनुयायी राजाओं का समूचे विश्व पर चक्रवर्ती राज्य रहा है। अनेक चक्रवर्ती राजाओं के नामों का उल्लेख महाभारत ग्रन्थ में आता है। संसार की अन्य सभी संस्कृतियों वा जीवन पद्धतियों का इतिहास महाभारत के बाद आरम्भ होता है। अपने […] Read more » aaryasamaj gurukul of aryasamaj आर्यसमाज तथा गुरुकुल
धर्म-अध्यात्म महान् व्यक्तित्व के रूप में प्रतिष्ठित ऋषि दयानन्द के भक्त स्वामी श्रद्धानन्द जी November 8, 2019 / November 8, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य महान् व्यक्तित्व के धनी स्वामी श्रद्धानन्द जी (पूर्व आश्रम का नाम महात्मा मुंशीराम जी) (1856-1926) का जीवन एवं व्यक्तित्व कैसा था इसका अनुमान हम शायद नहीं लगा सकते। गुरुकुल के स्नातक, देशभक्त, स्वतन्त्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध पत्रकार पं0 सत्यदेव विद्यालंकार जी ने स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन चरित्र लिखा है। इस […] Read more » swami shraddhanand स्वामी श्रद्धानन्द जी
धर्म-अध्यात्म हमें जीवनोन्नति हेतु आर्यसमाज के सत्संगों में अवश्य जाना चाहिये November 5, 2019 / November 5, 2019 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य व समाज की उन्नति आर्यसमाज में जाने व आर्यसमाज के प्रचार के कार्यों से होती है। आर्यसमाज का छठा नियम है कि आर्यसमाज को मनुष्यों की शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति कर संसार का उपकार करना चाहिये। हम जब आर्यसमाज के सत्संगों में जाते हैं तो वहां इस नियम का […] Read more » आर्यसमाज के सत्संग
धर्म-अध्यात्म बिना अन्धविश्वास दूर किये आर्य-हिन्दू जाति व विश्व का कल्याण नहीं हो सकता November 5, 2019 / November 5, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य अविद्या, अज्ञान व अन्धविश्वास ये सभी शब्द व इनसे उत्पन्न धार्मिक व सामाजिक प्रथायें परस्पर पूरक व एक दूसरे पर आश्रित हैं। यदि अविद्या, अज्ञान व स्वार्थ आदि न हों तो समाज में अन्धविश्वास उत्पन्न नहीं हो सकते। अज्ञान व अविद्या दूर करने का एक मात्र साधन व उपाय वेदों की […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, वेद और ऋषि दयानन्द के सच्चे अनुयायी स्वामी श्रद्धानन्द November 2, 2019 / November 2, 2019 | Leave a Comment आगामी 23 दिसम्बर को 93वें बलिदान दिवस पर– -मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज के इतिहास में ऋषि दयानन्द के बाद स्वामी श्रद्धानन्द जी का प्रमुख स्थान है। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने बरेली में ऋषि दयानन्द जी के दर्शन किये थे और और उनके उद्देश्यों व कार्यों को यथार्थ रूप में जाना व समझा था। उन्होंने […] Read more »