धर्म-अध्यात्म आत्मा की उन्नति ही सच्ची जीवनोन्नति अन्यथा जीवन व्यर्थ March 17, 2017 | Leave a Comment आत्मान्नोति हेतु आत्मा व ईश्वर सहित संसार सं संबंधित वैदिक ज्ञान परम आवश्यक है जिसका सरलतम साधन सत्यार्थप्रकाश व ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों सहित वेद, दर्शन, उननिषदों आदि का अध्ययन है। यह ज्ञान आत्मोन्नति के साधक हैं। आत्मोन्नति होने पर मनुष्य असत्य कामों व व्यवहारों को छोड़ कर सद्कर्मों से धनोपार्जन करता है जिसमें उसे सफलता मिलती है और वह सभी प्रकार के अभावों से दूर हो जाता है। Read more » आत्मा की उन्नति जीवनोन्नति
पुस्तक समीक्षा साहित्य “शतपथ ब्राह्मण का महत्वपूर्ण लघु परिचयात्मक ग्रन्थ शतपथ सुभाषित” March 6, 2017 | 1 Comment on “शतपथ ब्राह्मण का महत्वपूर्ण लघु परिचयात्मक ग्रन्थ शतपथ सुभाषित” मनमोहन कुमार आर्य शतपथ ब्राह्मण पर स्मृति-शेष प्रतिष्ठित आर्य विद्वान पं. वेदपाल जी ने ‘शतपथ सुभाषित’ नाम से एक लघु पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक का प्रकाशन सन् 1998 में हुआ। डा. भवानीलाल भारतीय जी ने इस ग्रन्थ पर अपनी सम्मति दी है जिसे हम प्रस्तुत कर रहे हैं। वह लिखते हैं कि शतपथ […] Read more » shatpath subhashit शतपथ ब्राह्मण
धर्म-अध्यात्म सब मनुष्यों के पालनीय सत्य धर्म का निश्चय और असत्य मतों का त्याग March 5, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार की सर्वोत्तम कृति है। मनुष्य से बढ़कर संसार की कोई रचना नहीं है। इस मान्यता व सिद्धान्त को प्रायः सभी लोग निर्विवाद रूप से स्वीकार करते हैं। इस संसार में विद्यमान अपौरुषेय रचनाओं पर विचार करने पर बुद्धि असमंजस में पड़ जाती है। इस संसार व जगत का आधार क्या […] Read more » असत्य मतों का त्याग सत्य धर्म सत्य धर्म का निश्चय
धर्म-अध्यात्म ऋक्सूक्ति रत्नाकर वैदिक साहित्य का एक प्रमुख महनीय ग्रन्थ February 17, 2017 | 1 Comment on ऋक्सूक्ति रत्नाकर वैदिक साहित्य का एक प्रमुख महनीय ग्रन्थ मनमोहन कुमार आर्य वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तक है। वेद का पढ़ना पढ़ाना और सुनना सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है। यह वाक्य सभी ऋषि भक्तों व आर्यसमाज के सदस्यों के जिह्वाग्र पर विद्यमान रहता है। हम यदि चारों वेदों का अध्ययन करें तो इसके लिए कई महीनों का समय लग सकता है। […] Read more » ऋक्सूक्ति रत्नाकर
धर्म-अध्यात्म श्रेष्ठ एवं आदर्श महापुरुष ऋषि दयानन्द February 17, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द संसार के मनुष्यों व सभी ज्ञात महापुरुषों में सर्वश्रेष्ठ आदर्श महापुरुष हैं। इसके अनेक कारण एवं प्रमाण हैं जिनके आधार यह निष्कर्ष निकलता है। महाभारतकाल वर्तमान से लगभग 5,200 वर्ष पूर्व है। महाभारत काल के बाद ऐसे अनेक पुरुष व महापुरुष हुए जिनके बारे में देश व संसार के लोगों […] Read more » ऋषि दयानन्द श्रेष्ठ एवं आदर्श महापुरुष
धर्म-अध्यात्म सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज February 10, 2017 | Leave a Comment सन्त रविदास जी सन् 1377 में जन्में व सन् 1527 में मृत्यु को प्राप्त हुए। ईश्वर की कृपा से उन्हें काफी लम्बा जीवन मिला। यह उस काल में उत्पन्न हुए जब हमारे देश में अन्य कई सन्त, महात्मा, गुरू, समाज सुधारक पैदा हुए थे। गुरूनानक (जन्म 1497), तुलसीदास (जन्म 1497), स्वामी रामानन्द (जन्म 1400), सूरदास (जन्म 1478), कबीर (1440-1518), मीराबाई (जन्म 1478) आदि उनके समकालीन थे। गुरू रविदास जी के जीवन काल में देश में सन् 1395-1413 अवधि में मैहमूद नासिरउद्दीन, सन् 1414-1450 अवधि में मुहम्मद बिन सईद तथा सन् 1451 से 1526 तक लोधी वंश का शासन रहा। Read more » sant ravidas jayanti आर्य समाज रविदास सन्त गुरू रविदास
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन का अन्तिम व महानतम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति February 9, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में ईश्वर की बहुत चर्चा होती है। घोर अज्ञानी व्यक्ति भी ईश्वर को मानता है और परम्परा से प्राप्त ज्ञान के अनुसार ईश्वर की उपासना वा उसकी पूजा करता है, भले ही उसका वह कृत्य यथार्थ उपासना न होकर अन्धविश्वास व पाखण्डपूर्ण कृत्य ही क्यों न हो। महर्षि दयानन्द भी गुजरात […] Read more » मनुष्य जीवन का अन्तिम महानतम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति
धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि को ऋषि दयानन्द को हुए बोध से देश व विश्व का अपूर्व कल्याण हुआ February 8, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेदों के अपूर्व ऋषि और आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती को मंगलवार 12 फरवरी, सन् 1839 को शिवरात्रि के दिन बोध हुआ था। क्या बोध हुआ था, यह कि उनके पिता व परिवार जन जिस शिव मूर्ति के रूप में शिव लिंग की पूजा करते थे वह सच्चा व यथार्थ ईश्वर […] Read more » ऋषि दयानन्द शिवरात्रि
धर्म-अध्यात्म स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती और उनके आर्यसमाजी बनने की प्रेरणादायक घटना February 7, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती जी आर्यसमाज के विख्यात संन्यासी हुए हैं। आपने अलीगढ़ में एक गुरुकुल का सचालन भी किया जिसमें पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु जी संस्कृत व्याकरण आदि पढ़ाते थे। इसी गुरुकुल में हमारे दो प्रमुख विद्वान पं. युधिष्ठिर मीमांसक एवं आचार्य भद्रसेन जी भी पढ़े थे। आर्यसमाजी बनने से पहले स्वामी जी […] Read more » swami sarvanand saraswati स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म स्वामी सत्यपति जी को समाधि अवस्था में हुई कुछ अनुभूतियां’ February 7, 2017 | 1 Comment on स्वामी सत्यपति जी को समाधि अवस्था में हुई कुछ अनुभूतियां’ मनमोहन कुमार आर्य ऋषि भक्त स्वामी सत्यपति जी महाराज ऋषि दयानन्द जी की वैदिक विचारधारा और पातंजल योग दर्शन के सफल साधक हैं। आपने दर्शन योग महाविद्यालय और वानप्रस्थ साधक आश्रम की रोजड़, गुजरात में स्थापना की है और अपने अनेक शिष्यों को दर्शनों का आचार्य बनाया है। दर्शन के अध्ययन सहित आपने उन्हें योगाभ्यास […] Read more » swami satyapati ji स्वामी सत्यपति जी
धर्म-अध्यात्म जीवन व मृत्यु रहस्य विषयक वेदसम्मत ज्ञान February 6, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन उसके जन्म से आरम्भ होता है और मृत्यु पर समाप्त हुआ प्रतीत होता है जबकि यह समाप्ति न होकर एक विराम है जिसके बाद जीवात्मा का पुनर्जम्न होता है। जन्म से पूर्व मनुष्य की जीवात्मा विषयक कहीं से कोई पुष्ट व यथार्थ जानकारी नहीं मिलती कि इससे पूर्व वह जीवात्मा […] Read more » जीवन रहस्य मृत्यु रहस्य
धर्म-अध्यात्म वेद विदुषी गार्गी जी का ऋषि भक्त पं. लेखराम द्वारा चरित्र चित्रण February 6, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द के प्रमुख शिष्यों में एक शिष्य पं. लेखराम जी हैं। आपने अपने जीवन काल में अजमेर में महर्षि दयानन्द जी के दर्शन किये थे और उनसे शंका समाधान किया था। इसके बाद आपने अपना सारा जीवन ही ऋषि दयानन्द के मिशन के लिए समर्पित कर दिया। आपने […] Read more » वेद विदुषी गार्गी जी