राजनीति तो क्या चुनाव में कांग्रेस की जीत अन्ना की हार होगी? February 9, 2012 / February 9, 2012 | 2 Comments on तो क्या चुनाव में कांग्रेस की जीत अन्ना की हार होगी? जगमोहन फुटेला छ: मार्च और पंजाब, उत्तराखंड, यूपी के चुनाव परिणाम अभी कोई महीना भर दूर हैं तो चलें ये तय कर लें कि कांग्रेस की गत अगर दुर्गत हुई तो इसका कारण अन्ना और उनकी टीम होंगे। ठीक है? ये भी तय कर लें कि अगर कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा तो उसकी […] Read more » election and congress अन्ना की हार चुनाव में कांग्रेस की जीत
खेल जगत बुरे प्रदर्शन पर कितनों ने मैदान छोड़ा है? January 29, 2012 / January 29, 2012 | 3 Comments on बुरे प्रदर्शन पर कितनों ने मैदान छोड़ा है? जगमोहन फुटेला हम कुछ ज़्यादा ही प्रतिक्रियावादी हैं. ज़रूरत से ज़्यादा भावुक और कभी कभी ये मान लेने के आदी भी कि अगले की उतार देने से अपनी इज्ज़त बढ़ जाती है. हमारे कुछ टीवी भारतीय पत्रकारों को ये ग़लतफ़हमी फोबिया की हद तक है. उन्हें अचानक लगने लगा है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने […] Read more » Indian cricket team Indian journalist भारतीय क्रिकेट टीम भारतीय पत्रकारों
लेख ये भी एक तरह की ‘पेड’ पत्रकारिता है ! January 26, 2012 / January 26, 2012 | Leave a Comment जगमोहन फुटेला मैं ‘टोटल टीवी’ में उत्तर-पश्चिमी राज्यों का ब्यूरो देखता था जब एक दिन मुझे मेरे डायरेक्टर विनोद मेहता का फोन आया. उन ने कहा, फलां नाम का एक बंदा है लुधियाना से. बहुत फोन करता है. एक बार मिल लेना. कोई प्रोपोज़ल है उसके पास. मेरी समझ में नहीं आया. आप देख लेना. […] Read more » 'पेड' पत्रकारिता PAID JOURNALISM
राजनीति विधानसभा चुनाव ओपिनियन पोलों का सच January 17, 2012 / January 23, 2012 | 1 Comment on ओपिनियन पोलों का सच जगमोहन फुटेला ओपिनियन पोलों और उनकी विश्वसनीयता पे उठते रहे तमाम सवालों के बावजूद वे जारी हैं. चुनाव का मौसम है तो ओपिनियन पोल फिर हाज़िर हैं. पंजाब पे इंडिया टीवी-सी वोटर का ओपिनियन पोल कहता है कि पंजाब की कुल 117 में से शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को भाजपा की सीटें पिछली बार से […] Read more » Opinion polls
लेख कौन सी प्रेस, किस की आज़ादी? December 2, 2011 / December 2, 2011 | 1 Comment on कौन सी प्रेस, किस की आज़ादी? जगमोहन फुटेला यों तो मैंने भी प्रेस में कमाई और प्रेस की खाई है. पैंतीस साल लिखा है, तीस साल नौकरी की है. लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि जस्टिस काटजू के सुझाव पर पत्रकारों में सुजाक पाक क्यों है? मीडिया महाजनों के तो हो. उनके गुलामों में क्यों है? सच तो ये है […] Read more » Liberty in Press प्रेस की आज़ादी
लेख काटजू को न कोसो, जांच बिठा लो! November 24, 2011 / November 28, 2011 | 1 Comment on काटजू को न कोसो, जांच बिठा लो! जगमोहन फुटेला दुनिया को गलत, सही का फर्क समझाने वालो ज़रा खुद के भीतर झांको और देखो कि पत्रकारिता कितनी गंदली हुई पड़ी है. पत्रकारिता में भी भ्रष्ट आचार की गंगा ऊपर से बह रही है. बात सिर्फ यहीं तक होती तो कोई बात थी. मीडिया इस देश में नकारात्मक से ले कर विध्वंसात्मक की […] Read more » Enquiry on Justice Katju justice katju
राजनीति मुसलमानों से मूर्तियाँ उठवा कर तो प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे मोदी! November 21, 2011 / November 28, 2011 | 15 Comments on मुसलमानों से मूर्तियाँ उठवा कर तो प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे मोदी! जगमोहन फुटेला आज के इंडियन एक्सप्रेस में एक खबर छपी है, फोटो समेत. खबर ये है कि जूनागढ़ के मुसलमान मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भगवान हनुमान की मूर्ति भेंट कर रहे हैं. ये भेंट मुसलमानों के मन में साम्प्रदायिक सदभाव जगा दिखाने के लिए होती तो हमें खुश होना चाहिए था. मगर ये (खुद इसी […] Read more » प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे मोदी मुसलमानों से मूर्तियाँ
लेख खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को! November 10, 2011 / December 4, 2011 | 3 Comments on खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को! जगमोहन फुटेला मैंने कभी किसी सरकार से कोई लोन, वेतन या इनाम नहीं लिया हैं. जस्टिस काटजू से मैं कभी मिला, न बात की. फिर भी कोई मेरा चरित्रहनन करे तो करे लेकिन ये तो मैं पूछूंगा मीडिया के अलंबरदारों से कि अपनी आज़ादी हमें किस कीमत पर चाहिए? हमारे अपने बीच छुपी भेड़ों का […] Read more » जस्टिस काटजू दवा दारु नेशनल चैनल मीडिया के अलंबरदारों
आलोचना जिन्हें नाज़ था हिंद (दी) पे वो कहाँ हैं? November 8, 2011 / December 5, 2011 | 2 Comments on जिन्हें नाज़ था हिंद (दी) पे वो कहाँ हैं? जगमोहन फुटेला हिंदी का सबसे ज्यादा नुक्सान हिंदी ‘जानने’ वालों ने ही किया है. खासकर उन ‘जानकारों’ ने जिन्हें ये करने के लिए चैनलों का आश्रय प्राप्त है. देखते देखते हिंदी हिंगलिश हुई और अब वो वह भी नहीं रह गई है. एक समय था जब बोलियों में इस्तेमाल होती थी. अब वो बोलियों में […] Read more » proud of hindi हिंदी पे नाज़
आलोचना फजीहत का फाईनल अभी बाकी है November 3, 2011 / December 5, 2011 | Leave a Comment जगमोहन फुटेला कांग्रेस और हरियाणा के मुख्यमंत्री दोनों ने वक्ती तौर पर अपने बचाव का इंतजाम कर लिया है. हुड्डा खुद तो क्यों ही जाएंगे. कांग्रेस भी उन्हें नहीं हटाएगी. क्योंकि फजीहत का फाईनल अभी बाकी है. प्रदेश अध्यक्ष फूल चंद मुलाना ने हिसार की नैतिक जिम्मेवारी कबूल ली है. इस्तीफे की पेशकश भी […] Read more » फजीहत का फाईनल अभी बाकी है
राजनीति हुड्डा क्या, अब तो कांग्रेस को ही जाना है हरियाणा से November 3, 2011 / December 5, 2011 | Leave a Comment जगमोहन फुटेला कांग्रेस और हरियाणा के मुख्यमंत्री दोनों ने वक्ती तौर पर अपने बचाव का इंतजाम कर लिया है. हुड्डा खुद तो क्यों ही जाएंगे. कांग्रेस भी उन्हें नहीं हटाएगी. क्योंकि फजीहत का फाईनल अभी बाकी है. प्रदेश अध्यक्ष फूल चंद मुलाना ने हिसार की नैतिक जिम्मेवारी कबूल ली है. इस्तीफे की पेशकश भी की […] Read more » Bhupendra singh hudda Congress Party कांग्रेस भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हरियाणा
विविधा आज किरण को माफ़ करें, कल कनिमोझी को! October 27, 2011 / December 5, 2011 | 16 Comments on आज किरण को माफ़ करें, कल कनिमोझी को! जगमोहन फुटेला किरण बेदी कह रहीं हैं कि खुद को कष्ट देकर जो पैसे उन्होंने हवाई टिकटों से बचाए हैं, अब (पर्दाफ़ाश होने के बाद) वे वापिस कर देंगी. भाई लोग कह रहे हैं कि वे इंसान हैं और गलती चूंकि इंसान से हो ही सकती है और पैसे भी जब वे वापिस दे ही […] Read more » Kiran Bedi किरण बेदी