खेल जगत विश्व कप क्रिकेट का सफरनामा February 20, 2015 | 1 Comment on विश्व कप क्रिकेट का सफरनामा क्रिकेट विश्व कप का 11 वां संस्करण इन दिनो आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में चल रहा है। ये दूसरा मौका है जब विश्व कप आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में खेला जा रहा है। इससे पहले ये दोनों देश 1992 में विश्व कप की मेजबानी कर चुके हैं। विश्व कप की शुरुआत 1975 में इंग्लैंड […] Read more » विश्व कप क्रिकेट
खेल जगत मौत से हारा खिलाड़ी November 30, 2014 | Leave a Comment आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज फिल ह्यूज़ की शेफील्ड शील्ड के एक मैच के दौरान बाउंसर लगने से मौत हो गई। फिल ह्यूज़ के निधन से आस्ट्रेलिया क्रिकेट समेत पूरे क्रिकेट में मातम छा गया। और एक नई बहस को जन्म दे दिया कि क्या आधुनिक क्रिकेट सुरक्षित है। फिल ह्यूज़ को आस्ट्रेलिया और भारत के बीच […] Read more » death of Fill Huze फिल ह्यूज़
खेल जगत टेनिस की नई त्रिमूर्ति September 10, 2014 | Leave a Comment साल के चौथे और आखिरी ग्रैंड स्लैम का सफर थम गया लेकिन इसकी चर्चाएं शायद कुछ दिन और चले । इसका सबसे कारण है साल 2005 के बाद किसी भी शीर्ष खिलाड़ी का किसी भी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में ना पहुंच पाना। पिछले एक दशक में पहला मौका था जब टेनिस की दुनिया के […] Read more » टेनिस की नई त्रिमूर्ति
कविता हर रात August 31, 2014 / August 31, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- वो हर रात मेरे साथ सोती है कभी तकिया बन कर तो कभी चादर बनकर वो मेरे बदन से ऐसी लिपटती मानो चंदन के पेड़ पर सांप वो कभी प्रेमिका बनती कभी माशूका कभी चकले की वो लड़की जिसके जिस्म को कईयों ने अपनी नज़र में तराशा उसकी शरारत सोने नहीं देती […] Read more » नींद नींद कविता हर रात
शख्सियत हंसा कर रुला गए- रोबिन विलियम्स August 20, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- अमेरिकी अभिनेता और ऑस्कर विजेता रॉबिन विलियम्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रुपहले पर्दे पर हास्य किरदार निभाने वाले रॉबिन विलियम्स का इस तरह से चला जाना एक बार फिर से इस ग्लैमर इंडस्ट्री का ऐसा आयाम दिखाता है जिसे शायद ही कोई स्वीकार कर पाए। उनके निधन पर ओबामा सहित […] Read more » अमेरिकी अभिनेता ऑस्कर विजेता रोबिन विलियम्स
कविता तेरे बिन July 22, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- तू मोहब्बत है मेरी, तू मेरी संगिनी है। तू इमारत का वो हिस्सा है, जिस पर मेरे ख्वाब टिकते हैं। तू वो आशियाना है, जहां मेरी उम्मीदें रहती है। तेरी मुस्कराहटें, मेरी आवारगी है। तेरी खामोशी, मेरी बैचेनी है। तेरी खुशी, मेरी जिंदगी है। तेरी इबादत, मेरी आस्था है। तेरे लफ्ज़, मानो […] Read more » कविता तेरे बिन हिन्दी कविता
टेलिविज़न बदल गया विलेन July 15, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- हिंदी फिल्मों में नायक से ज्यादा खलनायक के किरदार को लोकप्रियता मिलती है जिसका कारण है लोग जल्दी ही नकारात्मक किरदारों के प्रति खीचें चले आ जाते हैं। 1970 और 1980 के दशक में प्राण, प्रेम चोपड़ा, अमजद खान, अमरीश पुरी, अनुपम खेर और ऐसे ही ना जाने कितने ही सरीखे अभिनेताओं […] Read more » अनुपम खेर अमजद खान अमरीश पुरी प्राण प्रेम चोपड़ा बदल गया विलेन
टेलिविज़न बॉलीवुड की दादी July 15, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- विख्यात फिल्म, रंगमंच कलाकार और नृत्यांगना जोहरा सहगल के निधन से भारतीय सिनेमा को बड़ी क्षति पहुंची जिसकी लंबे समय तक भरपाई नहीं हो पाएगी.. जोहरा सहगल ने अपने लंबे करियर में हिन्दी के अलावा अंग्रेजी फिल्मों में भी काम किया था. वो भारतीय सिनेमा की सबसे बुजुर्ग अभिनेत्री थी लेकिन उम्र […] Read more » जोहरा सहगल बॉलीवुड की दादी
कविता मैं, शायर नहीं July 1, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- मैं, शायर नहीं, क्योंकि शायर तो लोगों के साथ रहकर भी, तन्हा रहता है, मैं, उसकी क़लम की स्याही की एक बूंद हूं, जिसके निशां के धब्बे, जिंदगी के पन्नों पर है, ख़ूब सिखाया तेरे धोखे ने, फिर भी क़लम ख़ामोश रही मेरी, सड़क किनारे चलता रहा, किसी हादसे से बचकर, बेख़बर […] Read more » कविता मैं शायर नहीं हिन्दी कविता
विविधा चैंपियन के एक युग का अंत ? June 23, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- ब्राजील में चल रहे फीफा विश्व कप में गत चैंपियन स्पेन के बाहर होते ही अटकले शुरू हो गई कि क्या स्पेन की बादशहत के एक युग का अंत हो गया। क्या इस यूरोपीय टीम का मिडास टच खो गया। हालांकि इस तरह की हार से किसी भी टीम के भविष्य पर […] Read more » चैंपियन फीफा विश्वकप फुटबॉल
कविता ना जाने क्यों May 24, 2014 | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- ना जाने क्यों आज-कल खोया-खोया सा रहता हूं, खुद से खफा रहता हूं, बिना हवा के चलने से पेड़ों को हिलते हुए देखता हूं, बिन बारिश के बादलों में इंद्रधनुष को देखता हूं, तो कभी, लहरों की बूंदों को गिनने की कोशिश करता हूं, ना जाने क्यों आज-कल खोया-खोया सा रहता हूं, […] Read more » कविता ना जाने क्यों हिन्दी कविता
खेल जगत भगवान का जेंटलमेन गेम को अलविदा October 12, 2013 | Leave a Comment पाकिस्तान की धरती पर घुंघराले बालों वाले जब एक छोटे कद के खिलाड़ी ने कदम रखा तो शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि ये अपने कारनामे से अपना कद इतना ऊंचा कर लेगा कि खिलाड़ी उसके आस-पास भी नहीं आ पाएंगे। 16 साल की उम्र में सचिन तेंदुलकर 40 तक आते-आते […] Read more » भगवान का जेंटलमेन गेम को अलविदा