कविता
पिता का प्यार
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पिता का प्यार खेल रही थी अपनी गुडिया से मेरी सह्जादी, बोली पापा घर पे रहना, आज गुडिया की हैं शादी, अखबारों की खबरों में, मै सुबह सुबह खोया था, पलियामेंट में एक, मंत्री का बेटा सोया था, पढ़ते हुए अखबार, उसने यही बात कही थी, था रविवार का दिन, एक सी आजादी थी, चल […]
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