विश्ववार्ता व्यापक उथल-पुथल वाला कोराना काल May 25, 2020 / May 25, 2020 | Leave a Comment विश्व का इतिहास हमेशा हलचल भरा रहा है। इतिहास का अर्थ ही है, ऐसा घटित हुआ। इन घटनाओं के साक्षी इन्हें लिखते हैं तथा भावी पीढि़यां शोध करती हैं। कुछ हलचल या आपदाएं मानव निर्मित होती हैं, तो कुछ प्रकृति प्रदत्त। इनमें से कुछ जिले, राज्य या देश तक सीमित रहीं, तो कुछ का प्रभाव […] Read more » व्यापक उथल-पुथल वाला कोराना काल
विश्ववार्ता विश्व शांति का गुरु नानक मार्ग November 5, 2019 / November 5, 2019 | Leave a Comment इन दिनों पूरे विश्व में गुरु नानकदेव का 550वां प्रकाश पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है। ऐसे में उनके संदेश (नाम जपो, कीरत करो, वंड छको) पर चिंतन जरूरी है। नाम जप की महिमा दुनिया के सभी पंथ और सम्प्रदायों में कही गयी है। नाम अर्थात प्रभु का नाम। प्रभु के रूप कई हैं। […] Read more » world peace led by shri guru nanak ji maharaj गुरु नानक
राजनीति व्यंग्य पराजय का समीक्षा सत्र October 10, 2019 / October 10, 2019 | Leave a Comment शर्माजी मेरे परममित्र हैं। चार-छह दिन यदि उनसे भेंट न हो, तो मुझे उनके दर्शन करने जाना पड़ता है। वैसे इससे मुझे कई लाभ होते हैं। शाम का टहलना और शर्मा मैडम के हाथ की तुलसी और अदरक वाली कड़क चाय। यदि भाग्य अच्छा हो, तो चाय के साथ मिठाई या पकौड़े भी मिल जाते […] Read more » पराजय का समीक्षा सत्र
राजनीति पर्यावरण संरक्षण और हमारी मानसिकता October 10, 2019 / October 10, 2019 | Leave a Comment पर्यावरण संरक्षण आजकल एक चर्चित विषय है। 15 अगस्त के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने एकबारी (सिंगल यूज) प्लास्टिक को बंद करने का आग्रह किया है। तबसे देश भर में एक अभियान चल पड़ा है। कहीं कपड़े के थैले बंट रहे हैं, तो कहीं प्लास्टिक की थैली में सामान देने वाले दुकानदार और ठेले […] Read more » environmental conervation single use plastic पर्यावरण संरक्षण
राजनीति धार्मिक या धर्माधारित राजनीति September 23, 2019 / September 23, 2019 | Leave a Comment धर्म को प्रायः मजहब या रिलीजन के समानांतर रख दिया जाता है। कुछ लोग इसे पंथ या सम्प्रदाय मान लेते हैं। जबकि धर्म का अर्थ है धारण करने वाला (धारयति इति धर्म।) धरती सबको धारण करती है, इसीलिए वह धरती, धरा या धरित्री है। धरती की ही तरह हवा, पानी, आग, आकाश, सूरज, चंद्रमा, तारे […] Read more »
राजनीति दुनिया मनदी जोरां नूं.. September 11, 2019 / September 11, 2019 | Leave a Comment साहित्य में कहावतों का बड़ा महत्व है। उनके माध्यम से बड़ी बात को भी छोटे में कहा जा सकता है। पंजाबी में एक कहावत है – दुनिया मनदी जोरां नूं, लख लानत कमजोरां नूं। (दुनिया दमदार को ही मानती है, इसलिए कमजोर पर लाख लानत है।) इसका ताजा उदाहरण देखिए। गत 30 अगस्त, 2019 को […] Read more » devbandi अरशद मदनी जमीअत उलेमा ए हिन्द दारुल उल उलूम
लेख युद्ध और मनोबल August 9, 2019 / August 9, 2019 | Leave a Comment किसी भी लड़ाई में शारीरिक दमखम के साथ मनोबल का भी बहुत महत्व होता है। इसके कई उदाहरण इतिहास में प्रसिद्ध हैं। एक राजा दूसरे राज्य पर हमला करने से पूर्व सैनिकों के साथ अपनी कुलदेवी के मंदिर में गया। वहां पूजा के बाद उसने एक सिक्का दिखाकर कहा कि इसे उछालने पर यदि देवी […] Read more »
राजनीति नेता, नीति, नीयत और नियति August 1, 2019 / August 1, 2019 | Leave a Comment संसद का काम नीति बनाना है; पर ये नेताओं की नीयत पर निर्भर है। चूंकि नेता, नीति और नीयत के मेल से ही नियति का निर्माण होता है। महाराजा दशरथ बड़े प्रतापी सम्राट थे; पर बुढ़ापे में चार पुत्र पाकर उनका मन राजकाज से उचट गया। अतः रावण जैसे राक्षस उपद्रव करने लगे। इस ओर […] Read more » destiny leader policy politics Sansad
लेख चिट्ठी का मौसम July 29, 2019 / July 29, 2019 | Leave a Comment बचपन में गुरुजी ने हमें बताया था कि मौसम तीन तरह के होते हैं। ये हैं सरदी, गरमी और बरसात; पर भारत में मौसम की बजाय छह ऋतुएं होती हैं। उन्होंने पहले वाली तीन के साथ हेमंत, शिशिर और वसंत को भी जोड़ दिया। पर पिछले कुछ समय से एक नया मौसम भारत में नमूदार […] Read more » letter weather of letter
लेख प्रभुजी, वे चाकू हम खरबूजा July 22, 2019 / July 22, 2019 | Leave a Comment नाटक देखना किसे अच्छा नहीं लगता। गीत और संगीत, हास्य और रुदन, व्यंग्य और करुणा से लिपटे डायलाॅगों के साथ अभिनय का सामूहिक रूप यानि नाटक। कई नाटक तो इतने प्रभावी होते हैं कि बीच में से उठने का मन ही नहीं करता। नाटक में जितने लोग परदे के आगे होते हैं, उससे अधिक परदे […] Read more » knife muskmelon writing
राजनीति राजनीति में नंबर एक और दो June 14, 2019 / June 14, 2019 | Leave a Comment राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं; पर इसमें महत्व नंबर एक या दो होने का ही है। लोग भी तीसरे या चौथे को महत्व नहीं देते। केरल का उदाहरण लें। वहां कांग्रेस को 15 तथा वामपंथियों को एक सीट मिली। दूसरी ओर भा.ज.पा. 15.6 प्रतिशत वोट पाकर भी खाली हाथ रह गयी। असल में सबरीमला […] Read more » politics ups and downs in politics
राजनीति विपक्षहीन राजनीति का दौर June 13, 2019 / June 13, 2019 | Leave a Comment 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 52 सीटें मिली हैं। कुल सीटों के दस प्रतिशत से कम होने के कारण उसे इस बार भी विपक्षी दल का दर्जा नहीं मिलेगा। अतः कई राजनीतिक विश्लेषक चिंतित हैं। मजबूत विपक्ष न हो, तो सत्तापक्ष निरंकुश हो जाता है। अंग्रेजी कहावत है, “Power currupts & absolute power […] Read more » oppositionless politics of India विपक्षहीन राजनीति का दौर